Thursday, December 14, 2023

कार्यशाला: राज्य सन्दर्भ समूह- सामाजिक विज्ञान 2023-24





राज्य सन्दर्भ समूह- सामाजिक विज्ञान 2023-24

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में सामाजिक विज्ञान का शिक्षण शास्त्र पर तीन दिवसीय कार्यशाला (दिनांक 14 से 16 दिसम्बर 2023)


सामाजिक विज्ञान मानव समाज का व्यवस्थित और वैज्ञानिक अध्ययन है जो व्यक्ति और समाज, सामाजिक संस्थाओं और संगठनों के बीच सम्बन्धों का पता लगाता है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा में, सामाजिक विज्ञान शब्द का उपयोग मानविकी की उन शाखाओं को शामिल करने के लिए भी किया जाता है जिनमें अतीत और वर्तमान में मानव समाज, संस्कृति, विचारों, रचनाओं, विकास और कार्यों का अधिक गुणात्मक अध्ययन शामिल है।

सामाजिक विज्ञान शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को उस समाज के बारे में जानने में मदद करना है जिसमें वे रहते हैं। उनके समाज के सदस्य कैसे रहते हैं, बातचीत करते हैं,


व्यवहार करते हैं, खाते हैं, किन भाषाओं में बोलते हैं, कला के माध्यम से खुद को अभिव्यक्त करते हैं, जिन परंपराओं का वे पालन करते हैं, वे जो कपड़े पहनते हैं, और उनकी आकांक्षाएँ क्या हैं, इन तथ्यों का सामाजिक विज्ञान में अध्ययन किया जाता है। यह छात्रों को उनकी उत्पति, उनके पूर्वजों, उनकी संस्कृति, उनके पड़ोसियों और परिणामस्वरूप, स्वयं को समझने में भी मदद करता है। 


सामाजिक विज्ञान शिक्षा छात्रों को उन लोगों से परिचित कराती है जिनसे वे कभी नहीं मिले हैं, वे स्थान जहाँ वे कभी नहीं गए हैं, ऐसी कहानियाँ जो उन्होंने कभी नहीं सुनी हैं और नए विचार जिनकी उन्होंने कभी कल्पना नहीं की है, जिससे उनके क्षितिज का विस्तार होता है और उनके मस्तिष्क नई संभावनाओं के लिए खुलते हैं। सामाजिक विज्ञान शिक्षा छात्रों को अपनी संस्कृति और अपने देश पर गर्व विकसित करने में मदद करती है, साथ ही उनमें एक व्यक्ति के रूप में, एक समाज के रूप में और एक राष्ट्र के रूप में। लगातार सुधार करने की दूरदर्शी भावना भी विकसित होती है।


स्कूल में एक विषय के रूप में, सामाजिक विज्ञान इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र के विषयों से महत्वपूर्ण रूप से लिया गया है और, जहां प्रासंगिक हो, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, कानून और अन्य, मानव विज्ञान से भी लिया गया है।


राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा में सामाजिक विज्ञान के अध्ययन का उद्देश्य अनुशासनात्मक ज्ञान में निहित एक अंतःविषय परिप्रेक्ष्य विकसित करना है जो समग्र तरीके से सामाजिक प्रक्रियाओं के बारे में छात्रों की समझ को बढ़ाता है।

सामाजिक विज्ञान शिक्षण के उद्देश्यों एवं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए परिषद द्वारा सामाजिक विज्ञान विषय में राज्य संदर्भ समूह का गठन किया गया है। समूह की वर्ष में तीन दिवसीय कार्यशाला में समूह के सदस्यों का राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में सामाजिक विज्ञान का शिक्षणशास्त्र, इस विषय में नवाचारी प्रयासों तथा शिक्षण की चुनौतियों पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही इस विषय के शिक्षण में राज्य स्तर पर हो रहे नवाचारी प्रयासों की भी शेयरिंग की जा रही है ताकि विद्यालयों में इस विषय का शिक्षण रुचिकर बन सके।