Friday, February 07, 2025

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (S.C.E.R.T.) उत्तराखण्ड में मॉड्यूल विकास की विधियों पर कार्यशाला

 

                                                    रिपोर्ट- डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (S.C.E.R.T.) उत्तराखण्ड में दिनाँक 4 से 6 फरवरी 2025 तक प्रशिक्षण मॉड्यूल विकास की विधियों पर कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला में एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड सहित राज्य के डायट्स के 30 संकाय सदस्यों ने प्रतिभाग किया।


कार्यशाला में निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि एस.सी.ई.आर.टी. राज्य की शीर्ष शैक्षणिक संस्था है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों का सतत व्यावसायिक विकास करती है। यह कार्यशाला इस उद्देश्य की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
अपर निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी., प्रदीप कुमार रावत ने कहा कि एस.सी.ई.आर.टी. और डायट्स के द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाते हैं। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता एवं सफलता उनके संचालन के लिए तैयार किये गये प्रशिक्षण मॉड्यूल पर निर्भर करते हैं। प्रशिक्षण मॉड्यूल का निर्माण करने वाली टीम का उसमें प्रशिक्षित एवं दक्ष होना आवश्यक है। यह कार्यशाला प्रशिक्षणों की गुणवत्ता में वृद्धि करेगी।  


सहायक निदेशक डॉ. कृष्णानन्द बिजल्वाण ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण के तरीकों में वैश्विक स्तर पर बदलाव हो रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षकों के सतत व्यावसायिक विकास के लिए 50 घंटे के प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गयी है।
कार्यशाला के समन्वयक डॉ. रमेश पन्त ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण एवं रोचक प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाने के तरीकों के लिए इस तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों ने गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाने के तरीके सीखे तथा गतिविधि के अन्तर्गत सैंपल के लिए कुछ प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार कर उनका प्रस्तुतीकरण किया। यह कार्यशाला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के टॉस्क संख्या 33 के अनुसार आयोजित की गयी जिसके अनुसार राज्य स्तर पर, एस.सी.ई.आर.टी. स्थानीय भाषाओं में शिक्षकों के लिए व्यापक शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल और अन्य संसाधन विकसित करेगा।

कार्यशाला में NCERT  नई दिल्ली के संकाय सदस्य डॉ. सत्यभूषण, एसोशिएट प्रोफेसर, डॉ. नीलकंठ, असिस्टेण्ट प्रोफेसर, तथा डॉ. अतुल दुबे ने रिसोर्स पर्सन के रूप में एक गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने के गुर सिखाये। कार्यशाला में प्रशिक्षण मॉड्यूल तथा इसका महत्व, एक अच्छे प्रशिक्षण मॉड्यूल की विशेषताएं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (विद्यालयी शिक्षा)-2023 में मुख्य परिवर्तन, मुख्य क्रॉस कटिंग एरिया, प्रशिक्षण मॉड्यूल में आकलन प्रक्रिया, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (विद्यालयी शिक्षा)-2023 तथा नवीन पाठ्य सामग्री आदि विषयों पर चर्चा एवं गतिविधियाँ आयोजित कीं।

Invitation: Celebrating Innovation at the Final Round of ‘Innovate Uttarakhand’

 

Thursday, February 06, 2025

‘Innovate Uttarakhand’ Hackathon 2024-25, scheduled for February 11, 2025, at SCERT Uttarakhand Auditorium.

 

A heartfelt welcome to all finalist participants, esteemed jury members, and honorable guests to the grand finale of the ‘Innovate Uttarakhand’ Hackathon 2024-25, scheduled for February 11, 2025, at SCERT Uttarakhand Auditorium.

This prestigious platform has witnessed an overwhelming response, with over 2,500 registrations and numerous groundbreaking ideas submitted by passionate teachers and students across Uttarakhand. After rigorous evaluation, 100+ exceptional participants have been shortlisted, and today, the top 20+ finalists stand ready to present their transformative projects before an esteemed jury panel.

We are honored to have Ranjana Raj Guru, IAS, Additional Secretary of Education as our Chief Guest, along with distinguished dignitaries, including the  Jharna Kamthan IAS, Director General of School Education, Bandana Garbyal, Director of Academic Research and Training, and the host of the event Pradeep Kumar Rawat, Additional Director of SCERT Uttarakhand. Their presence underscores the commitment of our leadership in fostering a culture of innovation and technological advancement in education.

This event is not just about competition; it is a celebration of creativity, collaboration, and problem-solving—the very essence of our vision, embodied in our tagline: "INNOVATE, COLLABORATE, AND TRANSFORM." The winners will not only be recognized but will also receive mentorship and support to implement their ideas for a better and brighter Uttarakhand.

We extend our best wishes to all participants and look forward to witnessing the remarkable ideas that will shape the future of education and technology. Let’s innovate together!

For more details, visit https://innovateuttarakhand.com/.

WELCOME TO INNOVATE Uttarakhand: Hackathon 2024-25

https://innovateuttarakhand.com/ 

Wednesday, February 05, 2025

ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से आईसीटी कोर्स पुनः शुरू: चैटबॉट ई-सृजन पर “Fundamental of ICT Tools for School Teachers (Updated)

देहरादून, उत्तराखंड - निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बन्दना गर्ब्याल ने ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से प्रदेश के मुख्य शिक्षाधिकारियों, खंड शिक्षाधिकारियों, डाइट प्राचार्यों और विद्यालयों से जुड़े प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह आईसीटी कोर्स शिक्षण कार्य को अधिक प्रभावी और रुचिकर बनाने में सहायक होगा।

इस अवसर पर अपर निदेशक एससीईआरटी,  प्रदीप कुमार रावत ने इस MOOCs कोर्स को अनिवार्य किए जाने की घोषणा की और अधिकारियों को इसे सफलतापूर्वक पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्वयं भी इस कोर्स को करने का आश्वासन दिया। सहायक निदेशक डॉ. के.एन. बिजलवान ने भी इस कोर्स की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए इसके महत्व को समझाया।


राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दृष्टिकोण से इस कोर्स के शुभारंभ के बाद अब तक 29,000 शिक्षकों ने इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जबकि 16,000 से अधिक शिक्षक अभी इस कोर्स में नामांकित हैं। निदेशक बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि यह कोर्स बेहद रोचक और शिक्षकों के पेशेवर विकास के लिए उपयोगी है। अपर निदेशक  रावत ने कहा कि यह आईसीटी कोर्स शिक्षण-पद्धति (पैडगोजी ) को और अधिक सशक्त बनाएगा।

कोर्स समन्वयक  रमेश बडोनी ने अपडेटेड कोर्स की जानकारी दी और शिक्षकों को किसी भी सहायता के लिए संपर्क करने का भरोसा दिया। विद्या समीक्षा केंद्र के तेज रावत ने "चैटबॉट ई-सृजन: MOOCs – “Fundamental of ICT Tools for School Teachers” पर विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें शिक्षकों को कोर्स करने की प्रक्रिया समझाई गई।

उत्तराखंड के शिक्षकों के लिए 10 घंटे का अनिवार्य ऑनलाइन कोर्स

शिक्षकों के पेशेवर विकास हेतु 10 घंटे का ऑनलाइन कोर्स “Fundamental of ICT Tools for School Teachers” शुरू किया गया है।

कैसे करें नामांकन?

  • शिक्षक एजुकेशन पोर्टल पर जाएं।

  • अपने 11 अंकों के Unit/UDISE कोड और 6 अंकों के कर्मचारी कोड का उपयोग करके लॉगिन करें।

  • अपनी कक्षा का चयन करें और "Fundamental of ICT Tools for School Teachers" कोर्स को अनलॉक करें।

महत्वपूर्ण तिथियाँ

  • यह कोर्स 31 मार्च 2025 तक ओपन रहेगा।

  • यह कोर्स सभी शिक्षकों, प्रशिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों के लिए अनिवार्य है।

  • जिन शिक्षकों ने पहले कोर्स अधूरा छोड़ा था, वे वहीं से इसे पुनः पूरा कर सकते हैं।

  • जिनके प्रमाण पत्र डाउनलोड नहीं हुए हैं, वे अब इसे पुनः डाउनलोड कर सकते हैं।

आईसीटी कोर्स क्यों करें?

  •  शिक्षण में डिजिटल टूल्स और तकनीकों का उपयोग सीखने के लिए। 
  •  कक्षा शिक्षण को अधिक प्रभावी और रुचिकर बनाने के लिए। 
  •  शिक्षकों के डिजिटल साक्षरता और पेशेवर कौशल को उन्नत करने के लिए।

शिक्षकों से अनुरोध किया जाता है कि वे इस कोर्स में नामांकित होकर अपने शिक्षण कौशल को सशक्त बनाएं और शिक्षा के डिजिटल भविष्य में योगदान दें।

विषय: चैटबॉट ई-सृजन : MOOCs – “Fundamental of ICT Tools for School Teachers (Updated)”

Link: https://web.convegenius.ai/bots?botId=0257172892916711

उत्तराखंड के सभी शिक्षकों के पेशेवर विकास हेतु 10 घंटे का ऑनलाइन कोर्स शुरू किया गया है।

तकनीकी सहायता एवं संपर्क:

 विद्या समीक्षा केंद्र से तकनीकी सहयोग के लिए प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक संपर्क करें।

VSK का नंबर आपको ई-सृजन चैटबोट पर सपोर्ट सेक्शन में मिल जाएगा।

वीडियो और PDF कंटेंट पर सवाल या समाधान के लिए आईटी विभाग, SCERT उत्तराखंड से संपर्क करें।

सभी शिक्षकों से इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने का अनुरोध किया जाता है।

Tuesday, February 04, 2025

Announcement & Invitation: Final Presentation Round of 'Innovate Uttarakhand' Hackathon on February 11, 2025

Grand finale of the ‘Innovate Uttarakhand’ Hackathon

SCERT Uttarakhand is set to host the grand finale of the ‘Innovate Uttarakhand’ Hackathon at its auditorium on February 11, 2025. This prestigious event aims to celebrate innovation and technological advancements in education, bringing together the brightest minds from across the state.

With over 2,500 registrations and an overwhelming number of ideas submitted, the competition has now entered its final stage, where 100+ shortlisted teachers and student participants will compete. The top 20+ finalists will present their groundbreaking ideas and projects before a distinguished jury panel for the final evaluation and selection of winners.

The event will be graced by Dr. Dhan Singh Rawat, Hon’ble Education Minister of Uttarakhand, as the Chief Guest. The Secretary of Education, Director General of School Education, along with the Director of Academic Research and Training and Additional Director of SCERT Uttarakhand, will also be present as key dignitaries and organizers of this grand initiative.

This is a unique opportunity to witness cutting-edge ideas that could shape the future of education and technological development in Uttarakhand. The jury panel, consisting of esteemed experts, will evaluate projects based on feasibility, impact, and scalability.

We cordially invite all educationists, students, policymakers, and stakeholders to attend this landmark event and support the spirit of innovation.

With ‘INNOVATE, COLLABORATE, AND TRANSFORM’, ‘Innovate Uttarakhand’ is poised to become a cornerstone initiative for promoting technological solutions and creative problem-solving in the state.

For participation and more details, visit https://innovateuttarakhand.com/.

Monday, February 03, 2025

बन्दना गर्ब्याल बनी माध्यमिक शिक्षा की निदेशक: एक नई जिम्मेदारी का सम्मान


उत्तराखंड सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए  बन्दना गर्ब्याल को माध्यमिक शिक्षा निदेशक का दायित्व सौंपा है। इससे पहले से ही वे निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण (SCERT) उत्तराखंड के रूप में कार्यरत हैं  और अपने कार्यकाल में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। अब उन्हें इस नई जिम्मेदारी के साथ शिक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने का अवसर प्राप्त हुआ है।



एक कुशल, सक्षम और सौम्य अधिकारी

बन्दना गर्ब्याल को उनकी कार्यकुशलता, समर्पण और शिक्षा क्षेत्र में गहरी समझ के लिए जाना जाता है। वे सरल, संवेदनशील और कर्मठ अधिकारी हैं, जो हर स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और स्मार्ट शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयासरत रहती हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता के कारण वे शिक्षकों और छात्रों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं।

शिक्षा में नवाचार और गुणवत्ता की पक्षधर

SCERT उत्तराखंड में निदेशक के रूप में उन्होंने अकादमिक संस्थानों को उच्च मानकों पर स्थापित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वे शिक्षा के आधुनिक तकनीकी पहलुओं को अपनाने और शिक्षकों को नवाचार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनके प्रयासों से उत्तराखंड में शिक्षा की गुणवत्ता को नई दिशा मिल रही है।

नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएँ

माध्यमिक शिक्षा निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी नेतृत्व क्षमता, संवेदनशीलता और दूरदृष्टि से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी।

हम SCERT उत्तराखंड परिवार की ओर से उन्हें इस नई जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करते हैं और आशा करते हैं कि वे अपने अनुभव और कुशलता से शिक्षा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगी।

एससीईआरटी संकाय बैठक: अपर निदेशक प्रदीप कुमार रावत की अध्यक्षता मे


एससीईआरटी, उत्तराखंड | 3 फरवरी 2025

आज एससीईआरटी कॉन्फ्रेंस रूम में अपर  निदेशक प्रदीप कुमार रावत ने संकाय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने विभागीय प्रगति प्रस्तुतियों को जारी रखने के महत्व पर जोर दिया और संकाय सदस्यों से अलग-थलग काम करने के बजाय समावेशी रूप से कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने कार्यों की पुनरावृत्ति से बचने और व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करने के बजाय सामूहिक रूप से टास्क पूरे  करने की सलाह दी।


बैठक के दौरान, अपर निदेशक  रावत ने मनोज बहुगुणा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उन प्रमुख बिंदुओं पर संक्षिप्त जानकारी देने का निर्देश दिया, जो सचिव की बैठक में प्रस्तुत किए गए थे। चर्चा के दौरान मातृभाषा में शिक्षण एक महत्वपूर्ण विषय बनकर उभरा। बैठक में क्षेत्रीय भाषाओं को संरक्षित करने के लिए दैनिक शैक्षणिक अभ्यासों में स्थानीय बोलियों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया, साथ ही आवश्यकतानुसार विदेशी भाषाओं को अपनाने की भी सिफारिश की गई।


इसके अतिरिक्त, प्रदीप रावत ने नव नियुक्त प्रभारी उपनिदेशकों का भी गर्मजोशी से स्वागत किया, जिन्हें राज्य के विभिन्न जिलों में  स्कूल प्रिंसिपल के रूप में पदस्थापित है। नए नियुक्त उप निदेशक —शैलेश श्रीवास्तव, हिमानी बिष्ट, ए.के. श्रीवास्तव और सजवाण—अपना बहुमूल्य पूर्व अनुभव लेकर आए हैं, जो परिषद की प्रगति में योगदान देगा। सहायक निदेशक डॉ. के.एन. बिजलवाण  ने विश्वास व्यक्त किया कि उनके प्रयास एससीईआरटी की शैक्षिक रूपरेखा को मजबूत करेंगे।


बैठक में एससीईआरटी के प्रदर्शन, बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) की प्रगति और अन्य प्रमुख शैक्षणिक क्षेत्रों पर भी चर्चा हुई। अपर निदेशक  रावत ने एक अच्छे पाठक बनने, स्मार्ट तरीके से काम करने और सभी कर्तव्यों में समय की पाबंदी बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।


बैठक का समापन चर्चा की गई रणनीतियों को कुशलतापूर्वक लागू करने की सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जिससे उत्तराखंड में शिक्षा के समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा सके।

Saturday, February 01, 2025

A Growing Community of Engaged Readers: News Bulletin

News BulletinA Growing Community of Engaged Readers:

Since its inception, VISIT has garnered tremendous support, with more than a thousands daily viewers actively engaging with our news updates. This overwhelming response highlights the increasing demand for credible and timely information in the education sector. Our readers—ranging from teachers and students to education enthusiasts—have also expressed their willingness to contribute, making VISIT a truly collaborative and community-driven initiative.

Our News Bulletin serves as a one-stop destination for:

  • State-Level Updates: Policies, programs, and initiatives shaping Uttarakhand’s education landscape.

  • National and Global Trends: Key educational advancements, research, and innovations happening across India and the world.

  • Technology in Education: Insights into digital tools, emerging ed-tech solutions, and best practices for integrating ICT in classrooms.

  • Capacity Building & Training Programs: Information on workshops, teacher training sessions, and skill development initiatives.

  • Inspiring Stories & Achievements: Celebrating students, teachers, and institutions making a significant impact.

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One of the unique aspects of VISIT is the participatory approach we encourage. If you are an educator, researcher, or student with insights to share, we welcome you to contribute articles, case studies, and innovative teaching practices to enrich our platform.

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With the growing engagement and contributions from our readers, we aim to: 

✔ Expand our reach to ensure every educator and student in Uttarakhand has access to the latest educational updates.

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विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा प्रस्तुत-2025


1 फरवरी को विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा राज्य स्टीयरिंग कमेटी के समक्ष प्रस्तुत की गई। इस महत्वपूर्ण दस्तावेज को स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष श्री राकेश चंद्र जुगरान के नेतृत्व में तैयार किया गया। हानिदेशक विद्यालयी शिक्षा सुश्री झरना कमठान, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती बंदना गब्र्याल, तथा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा श्री अजय नौडियाल के मार्गदर्शन में इसे अंतिम रूप दिया गया।


ड्राफ्टिंग कमेटी ने इस पाठ्यचर्या को कई चरणों में विकसित किया, जिससे यह राज्य की शिक्षा प्रणाली की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार हो सके। अनुमोदन के बाद यह दस्तावेज शासन को भेजा जाएगा ताकि आगामी शैक्षिक सत्र से पूर्व इसे लागू किया जा सके।


इस रूपरेखा में अनुशंसा की गई है कि कक्षा तीन से संस्कृत को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाए। इससे प्रदेश के सभी विद्यालयों में तीन-भाषा प्रणाली लागू होगी। इस पहल से भाषा शिक्षण को सशक्त बनाने के साथ-साथ विद्यार्थियों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का अवसर भी मिलेगा।

एस सी ई आर टी के अपर निदेशक, प्रदीप कुमार रावत ने अपने संदेश मे कहा कि यह पहल राज्य की शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता सुधार और समग्र विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।

एस सी एफ : ड्राफ्ट नोट शीट और मीटिंग - यहाँ क्लिक करें 

Friday, January 31, 2025

🚀 Exciting Update! Finalists for "Innovate Uttarakhand" Hackathon Coming Soon! 🚀

Nominations and project submissions for "Innovate Uttarakhand" Hackathon officially closed on 31st January 2025. A big thank you to all participants for your innovative ideas and dedication! 💡🎉

What’s Next?

  • The finalists for the presentation and final round on 11th February 2025 at SCERT Uttarakhand will be announced soon.
  • Selected participants will receive an official email notification, and the list will be displayed on our portal.

📢 Stay Updated!
🔹 Track the latest updates on our performance and leaderboard dashboard at https://innovateuttarakhand.com/
🔹 Follow us for real-time announcements and insights!

The final stage of innovation is here! Who will emerge as the top changemakers of Uttarakhand? Stay tuned to find out! ⏳🚀

#InnovateUttarakhand #Hackathon2024 #Finalists #SCERTUttarakhand #TechForGood #InnovationMatters

एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड में शिक्षक प्रशिक्षकों का रिफ्रैशर कोर्स सम्पन्न

                                                                                                                      डॉ राकेश गैरोला 
आज दिनांक 31 जनवरी 2025 को एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड में शिक्षक प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के अन्तर्गत संचालित पाँच दिवसीय रिफ्रैशर कोर्स सम्पन्न हो गया है। समापन के अवसर पर  बन्दना गर्ब्याल, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड ने कहा कि यह प्रशिक्षण डायट्स एवं एस.सी.ई.आर.टी. की कार्यप्रणाली में संवर्धन करेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक प्रशिक्षक राज्य के विद्यालयों को अकादमिक अनुसमर्थन के लिए डायट्स के माध्यम से एक सशक्त कार्ययोजना का निर्माण करें। प्रशिक्षण में प्राप्त वित्तीय प्रबंधन तथा समय प्रबंधन के ज्ञान का उपयोग अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अवश्य करें।


प्रदीप रावत, अपर निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. ने कहा कि डायट्स में आयोजित होने वाले प्रशिक्षणों में शिक्षक प्रशिक्षक शिक्षकों को ओपन एजुकेशनल रिसोर्स के भण्डार तथा उनके उपयोग के सम्बन्ध में अवश्य प्रशिक्षणत करें। एस.सी.ई.आर.टी. और डायट्स अपने-अपने क्षेत्रों में राज्य की शीर्ष अकादमिक संस्थाएं हैं। डायट्स का दायित्व है कि वे स्वयं को प्रदेश के विद्यालयों के लिए एक संसाधन केन्द्र के रूप में विकसित कर उनका अकादमिक अनुसमर्थन करें। विद्यालयों के अनुश्रवण के लिए डायट्स के द्वारा एक सशक्त योजना का निर्माण किया जाय।


 पाँच दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षकों के इस प्रशिक्षण में एस.सी.ई.आर.टी. तथा प्रदेश के डायट्स के 32 शिक्षक प्रशिक्षकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला ने बताया कि भारत सरकार द्वारा यह प्रशिक्षण दस दिवसीय है जिसमें पाँच दिन का प्रशिक्षण इन संस्थानों की कार्यप्रणाली से सम्बन्धित विषयों पर तथा शेष पाँच दिन के अन्तर्गत प्रतिभागियों के द्वारा अपने संस्थानों में जाकर प्रशिक्षण से सम्बन्धित विषयों पर प्रोजेक्ट तैयार किये जायेंगे। इसके साथ ही उनके द्वारा संस्थान की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट हेतु प्रशिक्षण में प्राप्त बिन्दुओं के आधार पर एक कार्यक्रम का प्लान तैयार किया जायेगा, जिसकी चर्चा और शेयरिंग अपने संस्थान के समस्त सदस्यों के साथ की जायेगी। इन दोनों की तीन प्रतियाँ तैयार की जायेंगी, जिसमें से एक प्रति एस.सी.ई.आर.टी. को, दूसरी प्रति सम्बन्धित डायट की लाइब्रेरी मे तथा तीसरी प्रति प्रतिभागी के पास सुरक्षित रहेगी। इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण में अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों के द्वारा वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट तथा निर्माण की प्रक्रिया, साइबर सिक्योरिटी, निरीक्षण, अनुश्रवण तथा अनुश्रवण, वित्तीय प्रबंधन तथा ई मार्केट, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस तथा इसका प्रयोग, ड्रग्स एवं नार्कोटिक्स, शैक्षिक गुणवत्ता के संदर्भ में समय प्रबंधन, कार्यालय प्रबंधन एवं अभिलेखीकरण आदि विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।


प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत देहरादून में स्थित उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध विज्ञान धाम एक दिन का फील्ड विजिट भी आयोजित किया गया। विज्ञान धाम में प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के द्वारा अनुभवात्मक प्रशिक्षण तथा कक्षा-शिक्षण में विज्ञान के शिक्षण के लिए सामान्य प्रयोगों पर सत्र का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के संवर्धन हेतु प्रशिक्षणार्थियों का प्रिटेस्ट एवं पोस्ट टैस्ट भी आयोजित किये गये।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयन में एस.सी.ई.आर.टी. से डॉ. के.एन. बिजल्वाण,  शुभ्रा सिंघल, डॉ. रंजन कुमार भट्ट, डॉ. अजय कुमार चौरसिया, डॉ. रमेश पन्त आदि ने सहयोग प्रदान किया।


Tuesday, January 28, 2025

Announcement: Scholarship Results 2024-25 Declared!

 📢 Announcement: Scholarship Results 2024-25 Declared! 🎓

SCERT Uttarakhand has officially released the results for the National Means-cum-Merit Scholarship (NMMS), Dr. Shivanand Nautiyal Scholarship, and State Merit Scholarship 2024-25.

📌 List of Selected Candidates is now available on our blog post: https://scertuk.blogspot.com/

🔍 District-wise details can be accessed on the website.  SNSS SMSS NMMSS

For more information, visit the link above and check your results. Congratulations to all selected candidates! 🎉                                Complete Result Details Published Here: 

Monday, January 27, 2025

उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग ने गणतंत्र दिवस पर झांकी प्रस्तुति में हासिल किया तीसरा स्थान


उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग ने इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में झांकी प्रस्तुति के लिए तीसरा स्थान प्राप्त किया। शिक्षा विभाग की इस उत्कृष्ट उपलब्धि पर महानिदेशक झरना कमठान ने विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई संदेश दिया और उन्हें ट्रॉफी से सम्मानित किया।

इस झांकी में उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा के वर्तमान में तकनीकी शिक्षा कार्यक्रम, व्यवसायिक शिक्षा पर किए जा रहे खास प्रयास, और गुणवत्ता शिक्षा के लिए सरकार के प्रयासों को प्रभावी रूप से दर्शाया गया। यह झांकी प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलाव और नवाचारों का प्रतीक बनी।

झांकी की सफलता में अपर निदेशक डॉ मुकुल सती और समग्र शिक्षा, एससीईआरटी के अधिकारियों एवं अन्य संकाय सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके सामूहिक प्रयासों ने इस झांकी को दर्शनीय और सराहनीय बनाया।

समारोह के दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा विभाग की टीम को सम्मानित कर ट्रॉफी प्रदान की। इस उपलब्धि ने पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है और शिक्षा विभाग के प्रयासों को एक नई ऊर्जा प्रदान की है।

शिक्षा विभाग का संदेश:
महानिदेशक झरना कमठान ने कहा कि यह सफलता सभी अधिकारियों, शिक्षकों और विभागीय कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। उन्होंने भविष्य में भी शिक्षा की गुणवत्ता और नवाचारों को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता जताई।

उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग की इस उपलब्धि ने यह सिद्ध कर दिया है कि समर्पण और नवाचार से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

Sunday, January 26, 2025

एससीईआरटी उत्तराखंड में 76वें गणतंत्र दिवस का भव्य आयोजन


आज उत्तराखंड स्थित एससीईआरटी  परिसर में 76वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य और प्रेरणादायक समारोह आयोजित किया गया। समारोह की शुरुआत एससीईआरटी के अपर निदेशक प्रदीप कुमार रावत द्वारा ध्वजारोहण से हुई। जैसे ही तिरंगा फहराया गया, परिसर राष्ट्रगान की गूंज से भर गया, जिसने माहौल को जोश और देशभक्ति से सराबोर कर दिया।

जोश और उत्साह से भरा कार्यक्रम:

भुवनेश पंत ने "जय भारत, जय उत्तराखंड" और "वंदे मातरम" जैसे नारों के साथ कार्यक्रम का जोश बढ़ाया। इसके बाद, सुधा पैन्यूली ने एक सुमधुर देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया, जिसमें सभी संकाय सदस्यों ने पूरे उत्साह के साथ सहभागिता की।

महत्वपूर्ण संदेशों का वाचन
कार्यक्रम के अगले चरण में, सचिव  विद्यालयी शिक्षा  रविनाथ रामन के  शिक्षा और गुणवत्ता पर कार्य किए जाने पर दिया गया  संदेश का वाचन किया गया । इसके बाद, महानिदेशक झरना कमठान और निदेशक अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल के संदेशों का वाचन किया गया। इन संदेशों में गुणवत्ता शिक्षा के प्रसार और इसे सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए तकनीकी का अधिकतम उपयोग करने पर जोर दिया गया।


अपर निदेशक का प्रेरक संबोधन

अपर निदेशक प्रदीप रावत ने अपने संबोधन में न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर जोर दिया और भारतीय संविधान की प्रस्तावना हमारे देश के मूल आदर्शों का सार प्रस्तुत करती है – न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व, ये चार स्तंभ भारतीय लोकतंत्र की धुरी हैं और इनसे ही नागरिकों के मौलिक अधिकार और कर्तव्यों की परिभाषा होती है, की महत्ता पर प्रकाश डाला गया । उन्होंने शिक्षकों और छात्रों को संविधान की शक्तियों को समझने और अपने जीवन में उन्हें आत्मसात करने की प्रेरणा दी।

संवाद और विचार-विमर्श

झंडारोहण के बाद, सभी संकाय सदस्यों और अधिकारियों ने कॉन्फ्रेंस रूम में विचार-विमर्श किया। इस चर्चा का संचालन डॉ. मनोज शुक्ला ने किया। सोहन सिंह नेगी ने संविधान की ऐतिहासिक समीक्षा प्रस्तुत की, जबकि संकाय सदस्य रविदर्शन तोपवाल  ने शिक्षकों और छात्रों के अधिकारों और कर्तव्यों पर अपने विचार रखे। प्रशासनिक अधिकारी बौडाई ने स्कूल मे शिक्षा निरीक्षण के बजाय प्रबंधन का विषय होना चाहिए पर जोरदार भाषण दिया जिसने सदन मे एक नया वातावरण बना दिया उनकी सोच और प्रस्तुति पर अपर निदेशक ने उन्हे अपने पास बुलाकर सम्मान दिया और अभिवादन किया।  



विशेष प्रस्तुतियां
कार्यक्रम में अनुज्ञा पैन्यूली द्वारा तमिल भाषा में भगवान वेंकटेश पर प्रस्तुति दी गई, जिसे सभी ने सराहा। इसके अलावा, खंडुरी ने अपनी विशेष मधुर शैली में शिव स्तुति प्रस्तुत की। हाल ही में सिंगापुर से लौटे डॉ. दीपक प्रताप ने वहां की उन्नत शिक्षा प्रणाली और उसके प्रभावशाली पहलुओं पर अपने अनुभव साझा किए।

भविष्य की योजनाओं पर चर्चा

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में, डॉ. सेमल्टी  ने एससीईआरटी द्वारा पिछले वर्षों में किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला और आने वाले समय में प्राथमिकता देने वाली योजनाओं पर चर्चा की। विनय थपलियाल ने नैतिक मूल्यों और संविधान के प्रति प्रतिबद्धता पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम का समापन

अपर निदेशक प्रदीप रावत ने कार्यक्रम के समापन पर सभी संकाय सदस्यों को धन्यवाद दिया और उनसे अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि एससीईआरटी को शिक्षा के क्षेत्र में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित करने के लिए सभी को अपने कार्यों में पूर्ण समर्पण दिखाना होगा।



यह समारोह न केवल गणतंत्र दिवस की महत्ता को रेखांकित करता है, बल्कि शिक्षकों और छात्रों को उनके कर्तव्यों के प्रति प्रेरित करता है। एससीईआरटी उत्तराखंड का यह प्रयास शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Saturday, January 25, 2025

मतदान दिवस पर एससीईआरटी कैंपस में शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित

 
देहरादून: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदान दिवस पर उत्तराखंड के राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) कैंपस में सभी कर्मचारियों ने लोकतांत्रिक परंपराओं को बनाए रखने और स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की शपथ ली।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एससीईआरटी के अपर निदेशक श्री प्रदीप रावत ने की,  सहायक निदेशक डॉ. के.एन. बिजलवाण ने शपथ  कार्यक्रम का संचालन किया।


शपथ की महत्ता पर प्रकाश

कार्यक्रम की शुरुआत में अपर निदेशक प्रदीप रावत ने लोकतंत्र के महत्व और नागरिकों के मताधिकार के प्रति जागरूकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र की सफलता निर्भर करती है मतदाताओं की भागीदारी पर। हर नागरिक का यह दायित्व है कि वह बिना किसी प्रलोभन या भेदभाव के अपने मताधिकार का प्रयोग करे।”

डॉ. के.एन. बिजलवाण ने भी अपने संबोधन में इस शपथ को लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह शपथ हमें याद दिलाती है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव ही लोकतंत्र का आधार हैं।

सामूहिक शपथ ग्रहण

डॉ मनोज शुक्ला ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से सामूहिक रूप मे  शपथ पढ़कर पूर्ण शपथ दिलाई गई ।  
"हम, भारत के नागरिक, लोकतंत्र में अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए यह शपथ लेते हैं कि हम अपने देश की लोकतान्त्रिक परम्पराओं की मर्यादा को बनाए रखेंगे तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुए, निर्भीक होकर, धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।"

"We, the Citizen of India, having abiding faith in democracy, hereby pledge to uphold the democratic traditions of our country and the dignity of free, fair and peaceful elections, and to vote in every election fearlessly and without being influenced by considerations of religion, race, caste, community, language or any inducement."

संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने का प्रयास

कार्यक्रम के अंत में, संकाय और अधिकारियों ने मतदान प्रक्रिया में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता फैलाने और अपने परिवार, मित्रों और समुदायों को प्रेरित करने का आह्वान किया। अपर निदेशक ने निकाय चुनाव पर भी पदाधिकारियों से फ़ीडबैक प्राप्त किए। 

एससीईआरटी परिसर में इस आयोजन ने न केवल लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति सम्मान और समर्पण को दर्शाया, बल्कि सभी उपस्थितों में एक नई ऊर्जा और जिम्मेदारी का भी संचार किया।

Thursday, January 23, 2025

International Education Day: SCERT Uttarakhand

International Education Day Celebrated at SCERT Conference Hall

The SCERT Conference Hall buzzed with activity as faculty members and officers gathered to celebrate International Education Day with enthusiasm. The event, presided over by Additional Director Pradeep Rawat, underscored the importance of advancing education through the integration of digital tools and resources.

In his opening address, Pradeep Rawat highlighted the critical role of Open Educational Resources (OERs) in enhancing the teaching-learning process. He emphasized their potential integration into the PM eVidya channel, envisioning a future where every faculty member actively engages in learning, curating, and developing e-content for schools. He further urged the faculty to create a comprehensive list of OERs aligned with specific subjects and curricula, thereby streamlining their application in classrooms.

The Assistant Director Dr K N Bijalwan built on these ideas, stressing the need for collaborative efforts among training and IT departments. He called for systematic mapping of digital content to the needs of schools and teachers. Additionally, he advocated for rigorous training programs to enhance the effective use of such resources.

Faculty member Ramesh Badoni presented a detailed list of OERs already available on the SCERT website. He proposed organizing orientation programs for all faculty members to ensure clarity and foster a deeper understanding of OER creation and utilization. His suggestion was met with unanimous agreement, reflecting a collective commitment to improving educational content delivery.

The celebration of International Education Day served as a call to action for SCERT’s dedicated faculty and staff. By leveraging digital tools like OERs and fostering collaborative efforts, SCERT aims to make quality education accessible to every corner of the state, staying true to its mission of empowering learners and educators alike.

उत्तराखंड अपनाएगा सिंगापुर का शिक्षा मॉडल: शिक्षा में नई दिशा की ओर

 

उत्तराखंड सरकार ने राज्य की शिक्षा प्रणाली को और अधिक उन्नत और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए सिंगापुर के शिक्षा मॉडल को अपनाने की योजना बनाई है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली से प्रेरणा लेकर इसे उत्तराखंड के स्कूलों में लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को व्यावसायिक और कौशल-आधारित शिक्षा प्रदान करना है ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें।

सिंगापुर का शिक्षा मॉडल: क्या है इसकी खासियत?

सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली अपने व्यावहारिक और कौशल-आधारित दृष्टिकोण के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  1. व्यावसायिक कौशल का विकास:
    प्रारंभिक स्तर से ही छात्रों को उनकी रुचियों और क्षमताओं के अनुसार करियर मार्गदर्शन और कौशल विकास का अवसर मिलता है।

  2. व्यावहारिक शिक्षा पर जोर:
    छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करने की क्षमता विकसित करने के लिए तैयार किया जाता है।

  3. वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना:
    छात्रों को इस मॉडल के माध्यम से वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा जाता है।

  4. लचीला पाठ्यक्रम:
    सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली में छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए लचीले पाठ्यक्रम की सुविधा दी जाती है।

उत्तराखंड में इसे कैसे लागू किया जाएगा?

उत्तराखंड में सिंगापुर मॉडल को लागू करने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:

  1. विशेषज्ञ दल का गठन:

    शिक्षा विभाग ने 10 सदस्यीय दल का गठन किया, जिसमें शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल , अपर निदेशक अजय नौडियाल , कंचन देवराड़ी ,अन्य शिक्षाविद, अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हैं। यह दल ने सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली का अध्ययन करेगा 

  2. विद्यालय स्तर पर सुधार:
    सिंगापुर में उपयोग की जाने वाली शिक्षा पद्धतियों के आधार पर उत्तराखंड के स्कूलों में सुधार किया जाएगा। प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर के लिए नई रणनीतियाँ बनाई जाएंगी।

  3. पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण:
    उत्तराखंड के स्कूलों में पाठ्यक्रम को सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली के अनुरूप अद्यतन किया जाएगा। साथ ही, शिक्षकों को नई तकनीकों और पद्धतियों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

  4. नए मापदंड और मूल्यांकन:
    छात्रों के कौशल और समझ के आकलन के लिए नए मापदंड तैयार किए जाएंगे। सिंगापुर की प्रणाली में उपयोग किए गए मूल्यांकन उपकरण और तकनीकों को उत्तराखंड के स्कूलों में लागू किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है। सिंगापुर मॉडल को अपनाने से राज्य के छात्रों को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने और बेहतर भविष्य के लिए तैयार होने का अवसर मिलेगा।

Wednesday, January 22, 2025

इनोवेट उत्तराखंड हैकथॉन 2024 में पंजीकरण और आइडिया जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

राजकीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड
नोटिस

विषय: इनोवेट उत्तराखंड हैकथॉन 2024 में पंजीकरण और आइडिया जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

सभी संबंधित शिक्षकों और कक्षा 6-12 तक के समस्त राजकीय स्कूलों को सूचित किया जाता है कि इनोवेट उत्तराखंड हैकथॉन 2024 में पंजीकरण और प्रोजेक्ट कार्य जमा करने की अंतिम तिथि को निकाय चुनाव 2025 के मध्यनजर संशोधित किया गया है।

अब पंजीकरण और आइडिया जमा करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 है।

सभी शिक्षकों और छात्रों से अनुरोध है कि वे अपने नवाचार विचार (Innovative Ideas) और प्रोजेक्ट्स समय पर प्रस्तुत करें। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तकनीकी नवाचार और समस्या-समाधान क्षमताओं को बढ़ावा देना है।

आवेदन प्रक्रिया:

  • पंजीकरण फॉर्म भरें और अपने आइडिया जमा करें।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:

  • कार्यक्रम समन्वयक: आर. पी. बडोनी, आईटी विभाग
  • संपर्क नंबर: 07906411210

इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएं और अपनी रचनात्मकता और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करें।

अपर निदेशक
SCERT, उत्तराखंड

 https://innovateuttarakhand.com/blog/vashhaya-inavata-utatarakhada-hakathana-2024-ma-pajakaranae-oura-aaidaya-jama-karana-ka-atama-tatha-bugdhhaii-gaii