रिपोर्ट- डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (S.C.E.R.T.) उत्तराखण्ड में दिनाँक 4 से 6 फरवरी 2025 तक प्रशिक्षण मॉड्यूल विकास की विधियों पर कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला में एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड सहित राज्य के डायट्स के 30 संकाय सदस्यों ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला में निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि एस.सी.ई.आर.टी. राज्य की शीर्ष शैक्षणिक संस्था है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों का सतत व्यावसायिक विकास करती है। यह कार्यशाला इस उद्देश्य की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
सहायक निदेशक डॉ. कृष्णानन्द बिजल्वाण ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण के तरीकों में वैश्विक स्तर पर बदलाव हो रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षकों के सतत व्यावसायिक विकास के लिए 50 घंटे के प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गयी है।
कार्यशाला में NCERT नई दिल्ली के संकाय सदस्य डॉ. सत्यभूषण, एसोशिएट प्रोफेसर, डॉ. नीलकंठ, असिस्टेण्ट प्रोफेसर, तथा डॉ. अतुल दुबे ने रिसोर्स पर्सन के रूप में एक गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने के गुर सिखाये। कार्यशाला में प्रशिक्षण मॉड्यूल तथा इसका महत्व, एक अच्छे प्रशिक्षण मॉड्यूल की विशेषताएं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (विद्यालयी शिक्षा)-2023 में मुख्य परिवर्तन, मुख्य क्रॉस कटिंग एरिया, प्रशिक्षण मॉड्यूल में आकलन प्रक्रिया, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (विद्यालयी शिक्षा)-2023 तथा नवीन पाठ्य सामग्री आदि विषयों पर चर्चा एवं गतिविधियाँ आयोजित कीं।