शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने की दिशा में, एससीईआरटी ने 'जादुई पिटारा उत्तराखंड' जिसे एन सी ई आर टी की तर्ज पर एक अभिनव शैक्षिक संसाधन के रूप मे विकसित किया है। यह पहल 3 से 8 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए खेल-खिलौना अधिगम किट के रूप मे डिजाइन की गई है और इसका उद्देश्य प्रारंभिक बाल्यावस्था के विकास को बढ़ावा देने मे सहायक है।
'जादुई पिटारा उत्तराखंड' का विकास राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT), नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया गया है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है। इसे एक ऐसे उपकरण के रूप में देखा जा रहा है जो बच्चों के शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करेगा।
प्रमुख तत्व और उद्देश्य
एससीईआरटी उत्तराखंड द्वारा विकसित 'जादुई पिटारा उत्तराखंड' विभिन्न प्रकार की खेल सामग्री, क्राफ्ट सामग्री, और प्रिंटेड सामग्री से सुसज्जित है, जो बच्चों की सृजनात्मकता और चिंतन शक्ति को बढ़ावा देने में सहायक होंगे। इसका उद्देश्य बच्चों को उनके जीवन के प्रारंभिक आठ वर्षों में प्रभावी रूप से संलग्न करना है, जिससे उनके बहुआयामी विकास को समर्थन मिलता है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य है:
- शारीरिक विकास: बच्चों के मोटर स्किल्स और फाइन मोटर स्किल्स को प्रोत्साहित करना।
- सामाजिक और नैतिक विकास: समाज में अन्य लोगों के साथ संवाद और सहयोग के माध्यम से नैतिक मूल्यों का विकास।
- संज्ञानात्मक विकास: बच्चों की सोचने की क्षमता और समस्या सुलझाने की क्षमता को बढ़ाना।
- भाषाई और साक्षरता विकास: भाषा के माध्यम से विचारों को व्यक्त करने की क्षमता का विकास।
- सांस्कृतिक और कलात्मक विकास: सांस्कृतिक गतिविधियों और कला के माध्यम से बच्चों में रचनात्मकता का विकास।
कार्यक्रम के महत्व पर वक्तव्य
कार्यक्रम के अवसर पर एससीईआरटी उत्तराखंड अकादमिक शोध एवं मूल्याकन, निदेशक, बंदना गर्ब्याल ने कहा, “जादुई पिटारा उत्तराखंड बच्चों को उनके विकास के प्रारंभिक वर्षों में व्यापक शिक्षा प्रदान करने का एक अभिनव तरीका है। यह न केवल खेल के माध्यम से सीखने को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि बच्चों की सृजनात्मकता और विचारशीलता को भी बढ़ावा देगा। हमारी आशा है कि यह संसाधन शिक्षकों और माता-पिता दोनों के लिए सहायक साबित होगा।”
संयुक्त निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने भी इस पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के निर्देशों के अनुसार, शिक्षा का लक्ष्य बच्चों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करना है। सहायक निदेशक डॉ के एन बिजलवाण ने बताया कि इसका निर्माण राज्य के परिपेक्ष्य मे किया गया है। 'जादुई पिटारा उत्तराखंड' इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बच्चों को खेल और गतिविधियों के माध्यम से सीखने के लिए प्रेरित करेगा।” समन्वयक गंगा घुघत्याल एवं सह समन्वयक शालिनी गुप्ता , सोहन नेगी निरंतर अन्य संकाय सदस्यों एवं शिक्षकों के साथ इसे विकसित कर रहे हैं ।
'जादुई पिटारा उत्तराखंड' में निम्नलिखित घटक शामिल हैं:
- कहानी कार्ड: कहानियों के माध्यम से नैतिक शिक्षा।
- संख्यात्मक खेल: संख्याओं के ज्ञान का विकास।
- क्राफ्ट गतिविधियाँ: कला और रचनात्मकता का विकास।
- वर्णमाला कार्ड: भाषाई कौशल को प्रोत्साहित करने के लिए।
- संगीत और नृत्य गतिविधियाँ: शारीरिक और सांस्कृतिक विकास के लिए।
अपर निदेशक एस सी ई आर टी; अजय नौडियाल ने अपने वक्तव्य मे कहा कि इस पहल के सफल कार्यान्वयन के लिए, एससीईआरटी उत्तराखंड विभिन्न विद्यालयों में शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 'जादुई पिटारा उत्तराखंड' का उपयोग बच्चों के विकास में प्रभावी ढंग से किया जाए।
एससीईआरटी उत्तराखंड का यह कदम बच्चों के लिए एक समग्र शैक्षिक अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो उन्हें सीखने और विकास के लिए प्रोत्साहित करेगा।