उल्लास कार्यक्रम के अन्तर्गत एस0सी0ई0आर0टी0, उत्तराखण्ड के तत्वावधान में राज्य स्तरीय क्षमता सम्वर्द्धन एवं सामग्री विकास कार्यशाला आज से शुरू हो गई है। यह कार्यशाला 05 दिन तक चलेगी।
कार्यशाला के
उद्घाटन सत्र में अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण के निदेशक बंदना गर्ब्याल ने बताया
कि उल्लास कार्यक्रम, जिसे
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के नाम से भी जाना जाता है, उन लोगों के
लिए है जो किसी कारणवश साक्षरता हासिल नहीं कर पाए हैं। इसके तहत, उत्तराखण्ड
राज्य द्वारा एनसीईआरटी नई दिल्ली के सहयोग से चार प्रवेशिकाओं की तैयारी की गई
है।
इस कार्यक्रम के महत्व पर चर्चा करते हुए, पूर्व संकाय अध्यक्ष शिक्षा संकाय, कुमाउ विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा प्रो जी एस नयाल ने कहा कि साक्षरता से सम्बंधित सामग्री को दैनिक जीवन की आवश्यकताओं पर आधारित होना चाहिए।
कार्यक्रम के संचालन में समन्वयक डॉ हरेन्द्र सिंह अधिकारी, राष्ट्रीय स्तर पर इस कार्यक्रम के संचालन के लिए एनसीएल, राज्य स्तर पर एसीएल और जनपद स्तर पर डीसीएल का गठन किया गया है, पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया। इसके अलावा, कार्यशाला में संदर्भदाता के रूप में डॉ। उमेश चमोला, नरेंद्र सिंह बिष्ट, और गोपाल सिंह गैड़ा जैसे प्रमुख व्यक्तियों द्वारा नेतृत्व किया जा रहा है।
इस कार्यशाला
में संवेदीकरण की मार्गदर्शिकाओं के साथ-साथ साक्षरता के प्रति जागरूकता के लिए
नारे और जिंगल भी तैयार किए जा रहे हैं।
पांच दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों का नव साक्षरता कार्यक्रम के विविध पक्षों पर क्षमता अभिवर्धन किया जायेगा तथा साक्षरता से सम्बन्धित पठ्न सामग्री का विकास भी किया जा रहा है। इस अवसर पर एस0सी0ई0आर0टी0 से डाॅ0 रमेश पन्त, दिनेश चैहान, अखिलेश डोभाल, अरूण थपलियाल तथा नीलम पवार भी मौजूद थे। साक्षरता कार्यक्रम तथा सामग्री विकास में इनके द्वारा योगदान दिया जा रहा है- कृपाल सिंह शीला, लक्ष्मी नैथानी, उर्मिला डिमरी, रेखा बोरा, कौशल कुमार, डाॅ0 अरूण कुमार तलनिया, शिवराज सिंह तड़ागी, उपेन्द्र कुमार भट्ट, संजय भट्ट, कुन्दन सिंह भण्डारी, दिव्या नौटियाल, माधुरी दीक्षित, सोनिया, चन्द्रशेखर नौटियाल, विनीत भट्ट, हरीश नौटियाल, अरविन्द सिंह सोलंकी, अनवर अहमद, पल्लवी पुरोहित, प्रेरणा बहुगुणा, डाॅ0 संजीव डोभाल तथा श्री नरेन्द्र सिंह नेगी।