Friday, April 26, 2024

Concept of Bag less Day in Uttarakhand State

राज्य के विद्यालयों में बस्ता रहित दिवस- एक नवाचारी पहल

शैक्षिक सत्र 2024-25 से माह का अंतिम शनिवार विद्यालयों में ‘बस्ता रहित दिवस‘ के रूप में मनाया जाएगा। इस क्रम में दिनांक 27 अप्रैल 2024 को प्रथम बस्ता रहित दिवस आयोजित किया जा रहा है। राज्य के विद्यालयों में पूर्व से ही कक्षा 06 से 08 तक के विद्यार्थियों के लिए माह के अंतिम शनिवार को ‘प्रतिभा दिवस‘ का संचालन किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 कक्षा 06 से 12 के विद्यार्थियों में उद्यमशील मानसिकता के विकास हेतु प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 10 बस्ता रहित दिवसों के आयोजन की अनुशंसा करती है। 
राज्य में पूर्व से संचालित प्रतिभा दिवस की गतिविधियों को बस्ता रहित दिवस हेतु विद्यालयों को प्रेषित की गयी सुझावात्मक गतिविधियों के साथ ही समाहित किया जाएगा। बस्ता रहित दिवस को छात्र उद्यमशील मानसिकता विकसित करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधिययों में प्रतिभाग करेंगे। बस्ता रहित दिवस हेतु विस्तृत सुझावात्मक गतिविधियां विद्यालयों को उपलब्ध करवा दी गयी हैं।
एन.ई.पी.-2020 के आलोक मे, इस पहल का उद्देश्य छात्रों पर बस्ते के बोझ को कम करना और छात्र-छात्राओं के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। बस्ता रहित दिवस को छात्र विभिन्न प्रकार की समृद्ध करने वाली स्थानीय कला, क्विज और व्यावसायिक हस्तकलाओं से सम्बन्धित गतिविधियों में प्रतिभाग करेंगे। इन दिवसों में छात्र व्यावसायिक शिल्प जैसे- बढ़ई का काम, बिजली का काम, धातु का काम, बागवानी, मिट्टी के बर्तन निर्माण, सूचना एवं तकनीकी, स्वास्थ्य एवं सौंदर्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियों का अवलोकन करेगें तथा आवश्यकतानुसार स्वयं कार्य करने का अनुभव प्राप्त करेगें। नवम्बर माह में यह दिवस ‘बाल दिवस‘ (14 नवम्बर) को आयोजित किया जाएगा।
मनोज किशोर बहुगुणा : एन ई पी प्रकोष्ठ 

विगत वर्षों से संचालित प्रतिभा दिवस को अब बैगलेस डे के रूप मे अपनाया गया है। निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बन्दना गर्ब्याल के अनुसार आम तौर पर एक दिन स्कूल बैग से अलग करना  छात्रों को  गतिविधियों में संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित किया जाना है, जो हाथों से  सीखने, बाहरी गतिविधियों या रचनात्मक परियोजनाओं को बढ़ावा देते हैं। एन ई पी -2020 के आलोक मे, इस पहल का उद्देश्य छात्रों पर भारी स्कूल बैग के बोझ को कम करना और समग्र विकास को बढ़ावा देना है। उत्तराखंड के संदर्भ में, बैगलेस डे पहल शुरू करना पहाड़ी इलाके और छात्रों को स्कूल पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता के कारण विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है। ऐसी यात्राओं पर भारी बैग ले जाना शारीरिक रूप से थका देने वाला हो सकता है और छात्रों के समग्र कल्याण में बाधा डाल सकता है। बैगलेस दिनों को लागू करके, उत्तराखंड में स्कूल अनुभवात्मक शिक्षा, बाहरी अन्वेषण और रचनात्मकता और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों को प्रोत्साहित कर सकते हैं। ये दिन छात्रों के लिए अपने परिवेश के साथ जुड़ने, स्थानीय पारिस्थितिकी के बारे में जानने और प्रकृति के लिए गहरी प्रशंसा विकसित करने के अवसरों के रूप में भी काम कर सकते हैं। 

वर्तमान कैलेंडर वर्ष से इस पहल को शुरू करने से स्कूलों को पूरे शैक्षणिक वर्ष में  10 बैगलेस दिनों की योजना बनाने और व्यवस्थित करने की अनुमति दे दी गई है , जो प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को होगा। अब यह सुनिश्चित करना कि छात्रों को अपने स्कूल बैग के वजन से नियमित ब्रेक से लाभ हो और सीखने के समृद्ध अनुभवों के अवसर हों। यह स्कूलों मे माता-पिता, प्रधानाचार्य, शिक्षकों और स्थानीय समुदायों के साथ सहयोग करने पर निर्भर  करेगा ताकि इन दिनों को छात्रों के लिए आकर्षक और सार्थक बनाया जा सके।

निदेशक के आदेश और संलग्न  प्रपत्रों का अवलोकन से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं या  एस सी ई आर टी के वेबसाईट पर क्लिक करें - https://scert.uk.gov.in/announcements