विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर संस्कृत पाठ्यचर्या के निर्माण के लिए एक विशेष सन्दर्शिका का लेखन किया गया है। इस संस्कृत सन्दर्शिका का उद्देश्य नीति-निर्धारकों, शिक्षक-प्रशिक्षकों, पाठ्यचर्या-विकासकर्ताओं एवं शिक्षकों को संस्कृत पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण में सहायक सामग्री प्रदान करना है।
डॉ. साधना डिमरी, जो इस सन्दर्शिका की लेखिका हैं, वर्तमान में इसके 'द्वितीय संस्करण' पर कार्य कर रही हैं। उन्होंने सभी सम्बंधित व्यक्तियों से अनुरोध किया है कि वे इस सन्दर्शिका का अध्ययन करें, इसकी समीक्षा करें, और अपने अमूल्य सुझाव प्रदान करें। इससे 'द्वितीय संस्करण' को अधिक सुग्राह्य एवं उपादेयपूर्ण बनाया जा सकेगा।
इस पहल से न केवल विद्यालयी शिक्षा में संस्कृत की महत्ता बढ़ेगी, बल्कि संस्कृत भाषा के प्रति विद्यार्थियों और शिक्षकों का रुझान भी प्रबल होगा। यह सन्दर्शिका संस्कृत भाषा और संस्कृति के संवर्धन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।