Tuesday, October 01, 2024

एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड में प्रवक्ताओं के लिए मॉड्यूल निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ

एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड में वर्ष 2024-25 में प्रदेश के प्रवक्ताओं के सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल विकास की कार्यशाला आज शुरू हो गयी है। कार्यशाला में प्रदेश के डायट्स के शिक्षक प्रशिक्षक और विद्यालयों के अनुभवी प्रवक्ता सहित 30 सदस्य प्रतिभाग कर रहे हैं। इस वर्ष प्रदेश में हिन्दी, राजनीति विज्ञान, इतिहास तथा जीव विज्ञान के प्रवक्ताओं का सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण प्रस्तावित है।

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए निदेशक श्रीमती बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि प्रशिक्षण शिक्षकों के शिक्षण-कौशल के साथ-साथ उनकी कार्यक्षमता में बृद्धि करता है। इस कार्यशाला में विकसित किये गये मॉड्यूल प्रदेश के शिक्षकों के प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। उन्होंने प्रशिक्षण मॉड्यूल में शिक्षा से सम्बन्धित नवीनतम विषयों को शामिल करने के निर्देश दिये।

कार्यशाला में अपर निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. श्री अजय कुमार नौडियाल ने कहा कि प्रशिक्षण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा शिक्षा के क्षेत्र में नवीन विषयों को शामिल किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रशिक्षण मॉड्यूल्स का विकास इस प्रकार किया जाय कि प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों को कक्षा-शिक्षण में अपने विषयों के अध्यापन में सहायता मिले तथा प्रशिक्षण मॉड्यूल में शिक्षा में अपनाये जा रहे नवाचारों को भी शामिल किया जाय। माड्यूल्स को गतिविधियुक्त बनाया जाना चाहिये। उप निदेशक किरन बहुखण्डी ने मॉड्यूल निर्माण में भाषा की शुद्धता का विशेष ध्यान रखने पर बल दिया और कहा कि किसी भी प्रशिक्षण की सफलता माड्यूल की गुणवत्ता पर निर्भर करती है।सहायक निदेशक डॉ. कृष्णानन्द बिजल्वाण ने कहा कि माड्यूल में प्रोसेस शीट तथा लर्निंग लॉग का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिये। प्रत्येक विषय की पैडागॉजी में प्रोजेक्ट पद्धति को शामिल किया जाना चाहिये ताकि शिक्षकों के लिए अपने छात्रों को विषय की समझ बनाने में सहायता मिले।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रमेश पन्त ने विगत वर्ष के प्रवक्ता प्रशिक्षण का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया तथा इस वर्ष के प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा को प्रतिभागियों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण मॉड्यूल्स का विकास इस प्रकार से किया जायेगा कि वे इस वर्ष के प्रशिक्षण के साथ आगामी प्रशिक्षणों के लिए भी उपयोगी साबित हो सकें।

डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला ने इस वर्ष के प्रशिक्षण के बिन्दुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की और कहा कि इस वर्ष का प्रशिक्षण 5 दिवसीय होगा जिसमें 3 दिन पैडागॉजी से सम्बन्धित विषय तथा 2 दिन विषयों के कठिन स्थलों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। कहा कि प्रशिक्षण किसी भी संस्थान की उत्पादकता बढ़ाने के लिए उसके मानव संसाधन की क्षमता का विकास करता है। प्रशिक्षण किसी विशिष्ट कार्य को सम्पादित करने हेतु उसके मानव संसाधन के  ज्ञान एवं कौशल में वृद्धि की प्रक्रिया है।


विषय विशेषज्ञ डॉ. दिनेश रतूड़ी ने प्रतिभागियों के साथ माड्यूल विकास के चरणों पर चर्चा की तथा कहा कि मॉड्यूल गतिविधि आधारित बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण में एस.सी.ई.आर.टी. के साथ डायट्स की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। माड्यूल निर्माण की इस कार्यशाला में एस.सी.ई.आर.टी. से विषय विशेषज्ञ के रूप में हिन्दी में डॉ. शक्ति प्रसाद सिमल्टी, इतिहास में डा. दीपक प्रताप सिंह, जीव विज्ञान में अखिलेश डोभाल, प्रवीन चन्द्र पोखरियाल तथा डॉ. रंजन कुमार भट्ट मार्गदर्शन कर रहे हैं।


कार्यशाला में डॉ. बी.सी. पाण्डे, जितेन्द्र बहादुर मिश्र, भुवनेश्वरी चन्दानी, डॉ. दीपा जलाल, डॉ. जगमोहन पुण्डीर, ममता रावत, डॉ. जसपाल खत्री, डॉ. कमलेश कुमार मिश्र, डॉ. हरीश चन्द्र जोशी, डॉ. हरिबंश सिंह बिष्ट, बचन लाल जितेला, भूपेन्द्र सिंह, डॉ. हेमचन्द्र तिवारी, नीलिमा शर्मा, गोगरण राम, पुनीत प्रकाश, डॉ. कपिल देव सेमवाल, डॉ. सुमन नेगी, टीकाराम सिंह, सुशील चन्द्र जोशी, बलबीर तोमर, बी.के. यादव सहित 30 शिक्षक तथा शिक्षक प्रशिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। माड्यूल की टाइपिंग में नितिन कुमार तथा मनोज महर कार्य कर रहे हैं।

सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण 2024-25 की कार्ययोजना

       5 दिनों के प्रशिक्षण में पैडागॉजी एवं विषयगत बिन्दु।

       तीन दिन पैडागॉजी एवं दो दिन विषयगत।

       राज्य स्तर पर मास्टर ट्रैनर का प्रशिक्षण।

       जनपद स्तर पर डायट्स में एम.टी. के द्वारा प्रवक्ताओं का प्रशिक्षण।

       जिला स्तर पर डायट के सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण के समन्वयक के द्वारा प्रशिक्षण का समन्वयन।

       भावी प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण आकलन

       प्रशिक्षण पूर्व आकलन- प्रशिक्षण से पूर्व

       प्रशिक्षण पश्चात आकलन- प्रशिक्षण के अन्त में

       एम.टी. प्रशिक्षण में प्रत्येक जनपद से प्रति विषय 03 एम.टी.

सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण 2024-25 के विषय

       राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020

       विद्यार्थियों में पढ़ने की आदतों का विकास के उपाय

       मूल्यांकन एवं प्रश्नपत्र निर्माण

       निर्देशन एवं परामर्श

       विद्यालय सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन

       साइबर सुरक्षा

       जेण्डर संवेदनशीलता

       राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सन्दर्भ में विद्यार्थियों में 21वीं सदी के कौशलों का विकास

       कक्षा-कक्ष शिक्षण में आई.सी.टी. का प्रभावी प्रयोग

       विद्यार्थियों एवं अध्यापकों का तनाव प्रबंधन

       विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत विविध छात्रवृत्ति परीक्षाएं

       विषय के पैडागॉजी से सम्बन्धित बिन्दु- 02 दिन

       प्रत्येक सत्र 1.30 घण्टे (90 मिनट) का

       विषय से सम्बन्धित बिन्दुओं पर चर्चा के माध्यम से समझ का विकास

       विषय शिक्षण से सम्बन्धित नवाचारी प्रयासों पर चर्चा

प्रशिक्षण मॉड्यूल के विकास का प्रारूप

  • मॉड्यूल का शीर्षक
  • मॉड्यूल की समयावधि
  • उद्देश्य- इस सत्र की समाप्ति के पश्चात प्रतिभागी……
  • निर्देश
  • सहायक सामग्री
  • अध्ययन सामग्री
  • शिक्षण सामग्री
  • चर्चा के प्रश्न
  • समूह कार्य
  • समूह द्वारा प्रस्तुतीकरण
  • सत्र का समेकन एवं निर्देश

सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण हेतु गतिविधियाँ

  • समूह चर्चा
  • ब्रैन स्टोर्मिंग
  • समूह में प्रस्तुतीकरण
  • ग्रुप रीडिंग
  • व्याख्यान
  • प्रतिदिन विषय के एक कठिन टॉपिक का कक्षा-शिक्षण

समय विभाजन ( माड्यूल की अवधि- 90 मिनट)

·         विषय पर व्याख्यान एवं चर्चा  - 30 minutes

·         अभ्यास एवं चर्चा- 30 minutes

·         अनुभवों को साझा करना - 30 minutes

सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण 2024-25 के अनुश्रवण की कार्ययोजना

       डायट द्वारा नियमित रूप से

       जिला स्तरीय शिक्षा अधिकारियों के द्वारा

       मण्डल स्तर पर मण्डलीय अधिकारियों के द्वारा

       राज्य स्तर पर- एस.सी.ई.आर.टी. तथा राज्य स्तरीय अधिकारियों के द्वारा


-डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला, प्रवक्ता, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड, देहरादून