कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और प्रशिक्षकों की क्षमता निर्माण करना और उन्हें नवीनतम शैक्षिक सामग्री विकास के लिए प्रेरित करना था। अपर निदेशक पैन्यूली ने प्रतिभागियों को सुझाव दिए कि शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर नवाचार और तकनीकी विकास को अपनाना आज की जरूरत है। उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल शिक्षकों से आग्रह किया कि वे साक्षरता और शिक्षा के प्रसार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं और इस दिशा में सक्रिय रूप से भागीदारी करें।
कार्यशाला में "उल्लास" (ULLAS - Understanding of Lifelong Learning for All in Society) के तहत विशेष रूप से विकसित सामग्री पर चर्चा की गई, जो समाज के सभी वर्गों के लिए साक्षरता और शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए समर्पित है। साथ ही, राज्य स्तरीय क्षमता निर्माण और सामग्री विकास पर भी गहन चर्चा की गई, जिससे प्रतिभागियों को NILP के तहत अपने कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
इस कार्यशाला का आयोजन राज्य साक्षरता प्रकोष्ठ (SCL):एस सी ई आर टी, द्वारा किया गया था और इसमें विभिन्न जिलों के शिक्षकों, प्रशिक्षकों और शिक्षा से जुड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला को एक उत्कृष्ट अवसर मानते हुए, इसमें दिए गए निर्देशों और मार्गदर्शन की सराहना की।