भारत भ्रमण का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल छात्रों को शैक्षिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करना है, बल्कि उन्हें उत्तराखंड के ब्रांड एंबेसडर के रूप में देशभर में राज्य की संस्कृति, इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य, और परंपराओं का परिचय देने का मौका भी देना है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि इन मेधावी छात्र-छात्राओं को भारत के विभिन्न राज्यों में भ्रमण के दौरान उत्तराखंड की पवित्र नदियों, देवस्थलों, पर्यटन स्थलों, और जलवायु की विशेषताओं को साझा करने का प्रयास करना चाहिए।
मुख्यमंत्री का संदेश
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय छात्रों के व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में सहायक होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "देश की नई शिक्षा नीति" के तहत इस तरह की योजनाओं को प्रेरणा बताया और कहा कि इससे उत्तराखंड के युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
शैक्षिक अनुभवों का दस्तावेजीकरण
मुख्यमंत्री ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने इस यात्रा अनुभव का दस्तावेजीकरण करें, ताकि राज्य सरकार भविष्य में इस योजना का विस्तार कर सके। उन्होंने शिक्षकों और अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि वे इन छात्रों के अनुभवों का मूल्यांकन कर योजनाओं में आवश्यक सुधार करें।
एक नई शुरुआत
इस कार्यक्रम के साथ ही मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी विकास और छात्रों के समग्र विकास पर जोर देते हुए, भविष्य में और अधिक छात्रों को इस तरह के शैक्षिक भ्रमण में शामिल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस पहल का दूसरा चरण जल्द ही शुरू होगा, जिसमें और भी ज्यादा छात्रों को इस अवसर का लाभ मिलेगा।
गणमान्य लोगों की उपस्थिति
इस अवसर पर कई गणमान्य हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई:
- शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत
- शिक्षा सचिव रविनाथ रमन
- महानिदेशक झरना कमठान
- क्षेत्रीय विधायक उमेश काउ
- विधायक खजान दास
- विधायक सविता कपूर
- निदेशक माध्यमिक शिक्षा एस बी जोशी
- निदेशक प्रारम्भिक रामकृष्ण उनियाल
- अपर निदेशक डॉ मुकुल सती एस सी ई आर टी उत्तराखण्ड