राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) उत्तराखंड द्वारा 5 से 7 दिसंबर 2024 तक देहरादून स्थित प्रशिक्षण हॉल, एससीईआरटी उत्तराखंड में शोध पत्र लेखन पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। प्रोग्राम एवं मोनिट्रिंग विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यशाला राज्य के शिक्षकों और शोधकर्ताओं की शोध कौशल और क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है।
कार्यशाला के उद्देश्य
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- शैक्षणिक लेखन और अन्य प्रकार के लेखन के बीच अंतर को स्पष्ट करना।
- प्रतिभागियों को शैक्षणिक लेखन के विभिन्न प्रकारों की समझ विकसित करना।
- शोध पत्र के प्रमुख भागों (जैसे प्रस्तावना, साहित्य समीक्षा, पद्धति, परिणाम, निष्कर्ष) को प्रभावी ढंग से लिखने की तकनीक और कौशल प्रदान करना।
- शोध के नैतिक अभ्यासों, जैसे सही संदर्भ, प्लेगरिज्म (चोरी) की रोकथाम, और पत्रिकाओं का चयन, के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
- शोध पत्रों के संपादन और प्रकाशन के लिए रणनीतियों पर प्रशिक्षण देना।
अथिति वक्ता
कार्यशाला में शिक्षण, शोध, और शैक्षणिक लेखन में दशकों का अनुभव रखने वाले प्रतिष्ठित विद्वानों का पैनल शामिल होगा:
- प्रो. राजेंद्र पी. ममगाई: दून विश्वविद्यालय, देहरादून में सामाजिक विज्ञान विभाग के डीन और प्रोफेसर, प्रो. ममगाई शिक्षा, रोजगार, और सरकारी कार्यक्रमों के मूल्यांकन के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने 50 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और नीति-उन्मुख शोध में उनका योगदान सराहनीय है।
- प्रो. गौरव राव: 20 से अधिक वर्षों के शिक्षण और शोध अनुभव के साथ, प्रो. राव वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। वह मार्गदर्शन एवं परामर्श, विज्ञान शिक्षा, और संवाद कौशल के विशेषज्ञ हैं और 45 से अधिक शोध पत्र लिख चुके हैं।
- सहायक प्रो. मोहम्मद मामुर अली: आईसीटी और शैक्षिक शोध के विशेषज्ञ, प्रो. अली के पास शिक्षक प्रशिक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उनके सत्र में शोध में तकनीक के एकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
अपेक्षित परिणाम
इस कार्यशाला के बाद प्रतिभागी निम्नलिखित कौशल हासिल करेंगे:
- शोध प्रश्नों के साथ उपयुक्त पद्धतियों और ढांचों को जोड़ते हुए मजबूत शोध डिज़ाइन विकसित करना।
- शोध के नैतिक अभ्यासों, जैसे सही संदर्भ देना और चोरी से बचाव, को समझना।
- अपने शोध कार्य का संपादन और प्रकाशन करने के लिए उपयुक्त रणनीतियां अपनाना।
- शोध निष्कर्ष प्रकाशित करने के लिए उपयुक्त पत्रिकाओं और सम्मेलनों की पहचान करना।
- शोध पत्रों को प्रभावी ढंग से लिखना और उपयुक्त मंचों पर प्रस्तुत करना।
कार्यक्रम विवरण
- कार्यक्रम समन्वयक: डॉ. अजय के. चौरेसिया, प्रोग्राम एवं मोनिट्रिंग विभाग,, एससीईआरटी उत्तराखंड
- संपर्क: +91 9565831111 | pmscert@gmail.com
यह कार्यशाला प्रतिभागियों को थ्योरी और प्रैक्टिकल का एक समग्र अनुभव प्रदान करेगी, जिससे वे तुरंत अपने शोध कौशल को लागू कर सकें।
भाग लेने के लिए क्यों जरूरी है?
एससीईआरटी उत्तराखंड की यह पहल राज्य में शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और शोध संस्कृति को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रतिभागियों को प्रभावशाली शोध पत्र लिखने का कौशल प्राप्त होगा, जिससे वे शैक्षिक और वैज्ञानिक समुदाय में अपने योगदान को और अधिक प्रभावी बना सकेंगे।