जनपद पौड़ी ,कोटद्वार मे एससीईआरटी उत्तराखंड ने "प्रफुल्लित छात्र एवं समृद्ध उत्तराखंड" की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में दो दिवसीय नशा उन्मूलन सेमिनार एवं कार्यशाला का आयोजन किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को नशे से दूर रखने और समाज में नशामुक्त वातावरण का निर्माण करना था।
उद्घाटन समारोह
कार्यक्रम का उद्घाटन 17 जनवरी 2025 को पूर्व निदेशक विद्यालय शिक्षा, महावीर सिंह बिष्ट द्वारा किया गया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों से बचाने और शिक्षकों की भूमिका पर जोर दिया।
कार्यशाला का उद्देश्य और सहभागिता
इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को छात्रों के बीच नशामुक्त जागरूकता फैलाने और नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए प्रशिक्षित करना था। कार्यशाला में पौड़ी जनपद के 100 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों को नशे से संबंधित समस्याओं की पहचान, संवेदनशीलता, और निदान के लिए प्रशिक्षित किया गया। विद्यालय स्तर पर नशा उन्मूलन के लिए रणनीतियाँ तैयार की गईं।
विशेषज्ञ वक्ताओं के व्याख्यान
कार्यक्रम में कई विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए:
- डॉ. चारू रावत, लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल, नई दिल्ली, ने नशे के शारीरिक और मानसिक प्रभावों पर चर्चा की।
- कर्नल भगवान सिंह रावत, आर्मी ऑफिसर, ने अनुशासन और नशामुक्त जीवन की प्रेरणा दी।
- डॉ. पवन शर्मा और डॉ. अनूप रावत, मनोवैज्ञानिक, ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और नशे से बचाव पर अपने विचार साझा किए।
- डॉ. सुरेंद्र ढलवाल, एनआईवीएच विशेषज्ञ, ने नशे और संक्रामक रोगों के आपसी संबंध पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के समन्वयक और संयोजक
समापन समारोह
कार्यक्रम के अंतिम दिन अपर निदेशक, एससीईआरटी उत्तराखंड, प्रदीप रावत ने समापन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने शिक्षकों, विशेषज्ञों, और समाज के सभी लोगों से अपील की कि नशा उन्मूलन के इस मिशन में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।
प्रभाव और संकल्प
इस कार्यशाला ने शिक्षकों और छात्रों को जीवन में सकारात्मक विकल्प चुनने की प्रेरणा दी। "प्रफुल्लित छात्र एवं समृद्ध उत्तराखंड" की संकल्पना के तहत यह प्रयास राज्य के शैक्षणिक और सामाजिक भविष्य को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नशामुक्त उत्तराखंड के निर्माण में यह आयोजन एक मील का पत्थर साबित हुआ। प्रतिभागियों ने इस प्रयास को व्यापक स्तर पर लागू करने का संकल्प लिया, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ एक स्वस्थ और उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हों।