शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उत्तराखंड में प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर गहन समीक्षा की गई। केंद्रीय मंत्री शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य में बाल वाटिका कार्यक्रम के संचालन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कक्षा 1 से 12 तक की पाठ्यपुस्तकों को स्थानीय संदर्भों के साथ तैयार किया जाए, ताकि विद्यार्थियों को अधिक प्रासंगिक और उपयोगी शिक्षा मिल सके।
शिक्षा मंत्री ने उत्तराखंड द्वारा विकसित "हमारी विरासत एवं विभूतियां" पुस्तक की प्रशंसा की और इसे राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
राज्य की शिक्षा व्यवस्था को NEP-2020 के अनुरूप बनाने का लक्ष्य
बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उत्तराखंड शिक्षा विभाग के सभी कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी केंद्रीय मंत्री को दी। उन्होंने समग्र शिक्षा के बजट को राज्य के हित में बढ़ाने के लिए भी अनुरोध किया।
धर्मेंद्र प्रधान ने वर्ष 2026-27 तक राज्य की समस्त पाठ्यपुस्तकों और शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप संचालित करने का अनुरोध किया।
बैठक में उपस्थित गणमान्य अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के शिक्षा विभाग से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:
- डॉ. मुकुल कुमार सती (निदेशक, माध्यमिक शिक्षा)
- अजय नौडियाल (निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा)
- डॉ. कुलदीप गैरोला (अपर राज्य परियोजना निदेशक)
- कमलेश कुमार गुप्ता (मुख्य शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार)
- सुनील भट्ट (प्रवक्ता राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखंड)
यह बैठक उत्तराखंड में शिक्षा सुधारों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। केंद्रीय शिक्षा मंत्री जी द्वारा राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए दिए गए निर्देश भविष्य में उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था को राष्ट्रीय और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने में सहायक होंगे।