भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संचालित इंस्पायर अवार्ड मानक कार्यक्रम का उद्देश्य कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों में वैज्ञानिक सोच एवं नवाचार को प्रोत्साहित करना है। इस कार्यक्रम के तहत छात्र अपने मौलिक विचारों को शिक्षक के माध्यम से पोर्टल पर अपलोड करते हैं, जिनका मूल्यांकन राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान (NIF) द्वारा किया जाता है। चयनित विद्यार्थियों को ₹10,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जिससे वे अपने विचारों को कार्यशील मॉडल में बदलकर प्रदर्शनी में प्रस्तुत करते हैं।
प्रतियोगिता में राज्यभर से भागीदारी
उत्तराखंड के सभी 13 जनपदों से चयनित 160 प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने अपने नवोन्मेषी मॉडलों के साथ इस प्रतियोगिता में भाग लिया। विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण, सुरक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा एवं रोबोटिक्स जैसे विविध विषयों पर आधारित मॉडलों का प्रदर्शन किया, जिन्हें अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने गहनता से देखा और सराहा।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति और प्रेरक संवाद
इस विज्ञान महोत्सव की गरिमा बढ़ाने हेतु राज्य के विभिन्न शैक्षिक पदाधिकारियों ने सक्रिय सहभागिता की। मॉडलों का निरीक्षण एवं प्रतिभागियों से संवाद करने वाले प्रमुख अधिकारियों में शामिल रहे:
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बंदना गर्ब्याल , निदेशक (अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण)
डॉ. मुकुल कुमार सती, शिक्षा निदेशक (माध्यमिक)
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अजय कुमार नौडियाल, निदेशक (प्रारंभिक शिक्षा)
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पद्मेंद्र सकलानी, अपर निदेशक, एससीईआरटी
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पल्लवी नैन, उपनिदेशक
अजीत सिंह भंडारी, उपनिदेशक
डॉ. के. एन. बिजल्वाण, सहायक निदेशक
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डॉ. अवनीश उनियाल, राज्य समन्वयक, इंस्पायर अवार्ड
इन सभी ने विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में सतत प्रयास हेतु प्रोत्साहित किया।
कुछ उल्लेखनीय नवाचार
प्रतियोगिता में कई अनूठे एवं व्यवहारिक मॉडल देखने को मिले। कुछ मॉडलों ने विशेष रूप से सभी का ध्यान आकर्षित किया:
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निलंशा बिष्ट (बागेश्वर) – स्मार्ट सूटकेस
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शिवानी यादव (काशीपुर) – साइकिल ग्रास कटर
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सुब्रत (देहरादून) – स्मार्ट हेलमेट
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नंदनी यादव (हरिद्वार) – मॉडिफाइड व्हीलचेयर
इन मॉडलों में तकनीकी दृष्टि और सामाजिक सरोकारों का सुंदर संयोजन देखने को मिला, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उत्तराखंड के युवा वैज्ञानिक किस स्तर की सोच और समाधान प्रस्तुत कर सकते हैं।
विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन और चयन प्रक्रिया
मॉडलों का निष्पक्ष मूल्यांकन एक उच्च स्तरीय निर्णायक मंडल द्वारा किया गया, जिसमें शामिल थे:
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डॉ. दीप्ति जगूड़ी और डॉ. पारस – राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान (NIF)
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राकेश जुगराण – पूर्व प्राचार्य, डायट देहरादून
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डॉ. विकास नौटियाल – वैज्ञानिक, यू-कास्ट
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सुनील जोशी प्रधानाचार्य
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राजीव कला प्रधानाचार्य
इन विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागी छात्रों के नवाचारों का मूल्यांकन उनके वैज्ञानिक आधार, व्यावहारिकता, मौलिकता और सामाजिक उपयोगिता के मानकों पर किया गया। चयनित टॉप 10% मॉडल अब राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता (NLEPC) के लिए भेजे जाएंगे।
समापन समारोह और पुरस्कार वितरण
राज्य समन्वयक डॉ. अवनीश उनियाल ने जानकारी दी कि चयनित प्रतिभागियों एवं उनके मार्गदर्शक शिक्षकों को आगामी 7 अगस्त 2025 को समापन समारोह में सम्मानित किया जाएगा। उन्हें प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
सफल आयोजन में सहयोगी दल की भूमिका
इस आयोजन की सफलता में प्रशासनिक और प्रायोगिक व्यवस्था के सभी सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आयोजन के सफल संचालन में प्रमुख भूमिका निभाने वालों में शामिल रहे:
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सुरेंद्र कुमार सहगल, मीडिया प्रभारी
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संजय मौर्य, पवन शर्मा
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सुधीर कांति, जिला समन्वयक
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सरदार दलजीत सिंह,
- आरती ममगाईं, भावना नैथानी
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साथ ही सभी जनपदों के समन्वयक एवं शिक्षकगण
नवाचार की ओर एक सशक्त कदम
यह प्रतियोगिता न केवल विद्यार्थियों को नवाचार की दिशा में प्रेरित करती है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय एवं वैश्विक मंचों पर अपने विचारों को प्रस्तुत करने का अवसर भी देती है। एससीईआरटी, उत्तराखंड इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से विद्यार्थियों के भीतर छिपी रचनात्मकता को सामने लाने और उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लैस करने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है।