देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर देहरादून स्थित दीनदयाल पार्क में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके उपरांत एससीईआरटी सभागार में आयोजित पं. दीनदयाल शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में उन्होंने राज्यभर के चयनित विद्यार्थियों और शिक्षकों को सम्मानित किया। इस सम्मान समारोह मे डॉ धन सिंह शिक्षा मंत्री , सचिव रवि नाथ रामन , निदेशक अकादमिक बन्दना गर्ब्याल , डॉ मुकुल सती, आदि कई शिक्षाविद मौजूद रहे ।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि पं. दीनदयाल का अंत्योदय सिद्धांत आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से साकार हो रहा है। शिक्षा विभाग भी इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पारदर्शिता पर विशेष बल दे रहा है।
उन्होंने बताया कि उत्कृष्ट कार्य करने वाले छात्रों और शिक्षकों को प्रतिवर्ष पं. दीनदयाल शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में न केवल प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि पारदर्शिता और निष्ठा की संस्कृति को भी मजबूत करती है।
सीएम धामी ने अपने संबोधन में भर्ती प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों में प्रदेश में 25,000 पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियां की गई हैं। UKSSSC पेपर लीक प्रकरण पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्होंने दोहराया कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है और अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में बाधा डालने वालों और नकल माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। अंत में उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्टता के लिए प्रेरित किया।