Wednesday, December 17, 2025

वर्चुअल लैब के माध्यम से राज्य स्तरीय संगीत शिक्षकों का दो दिवसीय अभिमुखी प्रशिक्षण

 

दिनांक 16.12.2025 एवं 17.12.2025 को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड, देहरादून द्वारा वर्चुअल लैब के माध्यम से राज्य स्तरीय संगीत शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं का दो दिवसीय अभिमुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में राज्य के 13 जनपदों से लगभग 95 संगीत विशेषज्ञों तथा 13 DIET समन्वयकों ने सक्रिय सहभागिता की।

कार्यक्रम का उद्देश्य

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित रहे—

  • कला पुस्तिका ‘कृति’ (कक्षा 6) के अंतर्गत संगीत, नृत्य एवं रंगमंच की विषयवस्तु पर विस्तृत चर्चा एवं मूल्यांकन पद्धति का अभिमुखीकरण

  • संगीत कौशल का विकास एवं शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को सुदृढ़ करना

  • लय, ताल एवं राग की गहन समझ विकसित करना

  • शैक्षणिक सत्र 2026–27 हेतु DIET फैकल्टी के साथ प्रशिक्षण आवश्यकता का विश्लेषण

  • लोक संस्कृति एवं लोक संगीत का संवर्धन एवं संरक्षण

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में सांस्कृतिक विविधता एवं संस्कृति के सम्मान को बढ़ावा देना

उद्घाटन सत्र

कार्यक्रम का शुभारंभ आकांक्षा राठौर, उप निदेशक, SCERT उत्तराखंड एवं डॉ. ऊषा कटियार, कार्यक्रम समन्वयक, SCERT उत्तराखंड द्वारा किया गया। उन्होंने प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए दो दिवसीय आयोजन की रूपरेखा, सत्रों के विषय एवं अपेक्षित परिणामों की जानकारी दी।

उप निदेशक महोदया ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए संगीत शिक्षा को मानसिक स्वास्थ्य, रचनात्मकता एवं सांस्कृतिक संवर्धन का महत्वपूर्ण माध्यम बताया तथा विद्यालयी एवं सामाजिक कार्यक्रमों की सफलता में संगीत की भूमिका को अत्यंत आवश्यक बताया।

प्रथम दिवस : 16 दिसम्बर 2025

सत्र 1 : कृति पुस्तिका का अभिमुखीकरण (10:30 – 12:00)

इस सत्र में कृति पुस्तिका (कक्षा 6) के अंतर्गत संगीत, नृत्य एवं रंगमंच की विषयवस्तु पर विस्तृत चर्चा की गई।
संगीत एवं भाव, सांस्कृतिक विविधता, लय-ताल, राग-रागम, शिक्षण एवं मूल्यांकन पद्धति जैसे विषयों पर प्रतिभागियों को संवेदित एवं जागरूक किया गया। प्रतिभागियों ने इस सत्र को अत्यंत उपयोगी एवं प्रेरक बताया।

सत्र 2 : प्रशिक्षण सामग्री विकास हेतु चर्चा (1:00 – 1:30)

इस सत्र में DIET समन्वयकों एवं प्रतिभागियों के साथ निर्धारित प्रारूप पर प्रशिक्षण सामग्री विकास हेतु चर्चा की गई। 110 प्रतिभागियों को विषय चयन में क्या, कैसे और क्यों के आधार पर लेखन हेतु निर्देश दिए गए।
प्रमुख विषयों में—

  • शास्त्रीय संगीत का परिचय
  • अलंकार
  • स्वर साधना
  • सप्तकों के प्रकार
  • राग-रागम

सत्र 3 : लय-ताल का व्यावहारिक पक्ष (1:30 – 3:00)

इस सत्र में अनुरुद्ध मिश्रा, प्रसिद्ध तबला वादक, देहरादून द्वारा तीन ताल, कहरवा, दादरा, परण, कायदा एवं संगत पर आधारित उत्कृष्ट व्यावहारिक प्रस्तुति दी गई।
प्रतिभागियों ने संगीत शिक्षा में तबले की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए भविष्य में तबला वादन पर विशेष प्रशिक्षण आयोजित करने का अनुरोध परिषद से किया।

द्वितीय दिवस : 17 दिसम्बर 2025

सत्र 1 : शास्त्रीय संगीत एवं विद्यालय में आनंदालय (10:30)

प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक अविनाश मिश्रा ने शास्त्रीय संगीत के सैद्धांतिक पक्ष, रियाज़ की बारीकियाँ एवं विद्यालयी स्तर पर संगीत को आनंददायक बनाने के अनुभव साझा किए।
उन्होंने संगीत को रचनात्मकता, संवेदनशीलता एवं संस्कृति संरक्षण से जोड़ते हुए विद्यार्थियों में सांस्कृतिक सम्मान विकसित करने पर बल दिया।

सत्र 2 : जनपदीय प्रस्तुतियाँ (11:30 – 12:30)

निर्धारित प्रारूप के अनुसार 13 जनपदों के संगीत विशेषज्ञों द्वारा विषयवस्तु आधारित प्रस्तुतियाँ दी गईं।

सत्र 3 : डिजिटल कंटेंट लेखन एवं रिकॉर्डिंग (12:30 – 1:00)

विनय उनियाल एवं डॉ. ऊषा कटियार द्वारा संगीत शिक्षा में डिजिटल कंटेंट लेखन, रिकॉर्डिंग एवं संचालित चैनलों के लिए सामग्री निर्माण की बारीकियों पर विस्तृत जानकारी दी गई।

सत्र 4 : लोक संगीत एवं सांस्कृतिक विविधता (1:30 – 2:30)

डॉ. राकेश भट्ट, रंगमंच कलाकार, दून विश्वविद्यालय, देहरादून द्वारा उत्तराखंड की लोक संस्कृति—
नंदा राजजात, जागर, संस्कार गीत, न्यौली, चांचरी आदि—
पर सैद्धांतिक विवेचना के साथ भावपूर्ण गायन प्रस्तुत किया गया, जिसने सभी प्रतिभागियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

प्रतिभागियों के सुझाव

  • संगीत शिक्षा को वैकल्पिक विषय के रूप में न रखा जाए

  • वाद्य यंत्र (विशेषतः तबला) वादन की बारीकियों हेतु पृथक प्रशिक्षण आयोजित किए जाएँ

  • कृति पुस्तिका हेतु प्रशिक्षण सामग्री परिषद स्तर पर विकसित कर नियमित प्रशिक्षण आयोजित हों

  • संगीत शिक्षा में अंकों की व्यवस्था की जाए

प्रशिक्षण के अंत में सभी प्रतिभागियों को निर्धारित प्रारूप पूर्ण कर DIET समन्वयकों को जमा करने के निर्देश दिए गए। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में 95 संगीत विशेषज्ञों ने लेखन कार्य में योगदान दिया तथा 13 DIET समन्वयकों की भूमिका सराहनीय रही। वर्चुअल लैब सहयोग हेतु पुष्पिंदर सिंह, मिनी सोई, सिद्धार्थ कुमार एवं संपूर्ण तकनीकी टीम का विशेष आभार व्यक्त किया गया। प्रतिभागियों के सक्रिय सहयोग से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अत्यंत सफल एवं उद्देश्यपूर्ण सिद्ध हुआ।