विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की
रूपरेखा कार्यशाला सम्पन्न
दिनांक 11 दिसंबर से 16 दिसंबर 2024
राष्ट्रीय शिक्षा
नीति 2020 के अंतर्गत विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण
हेतु गठित ड्राफ्टिंग कमेटी के द्वारा राज्य के लिए पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण हेतु छ: दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई है जिसका
शुभारंभ दिनांक 11 दिसंबर 2023 को माननीय विद्यालय शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी
के कर कमलों से प्रारंभिक निदेशालय के सभागार में
किया गया । शेष पांच दिनों की कार्यशाला अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सभागार में
सम्पन्न हुयी।
पाठ्यचर्या निर्माण हेतु गठित ड्राफ्टिंग कमेटी ने पांच महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का प्रथम ड्राफ्ट निर्मित किया । ये पांच महत्वपूर्ण भाग हैं भाग ए - दृष्टिकोण ,भाग बी- क्रॉस कटिंग थीम, भाग सी- विद्यालयी विषय, भाग डी- विद्यालयी संस्कृति और प्रक्रियाएं तथा भाग ई- सहायक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण , यह पांच महत्वपूर्ण भाग विद्यालयी शिक्षा हेतु संपूर्ण पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्धारित करेंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत 10 + 2 की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया ढांचा जारी किया गया है जिसमें पहला सोपान जो पांच वर्षीय है दो चरणों में है यह बुनियादी स्तर (फाऊंडेशनल स्टेज) कहलाता है जिस के अन्तर्गत 3 वर्ष आंगनबाड़ी केन्दों द्वारा संचालित बाल बाटिका में तथा कक्षा एक और कक्षा दो विद्यालय शिक्षा के अंतर्गत संचालित किए जाएंगे। जिस के लिये बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा- 2023 का विधिवत लोकार्पण शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी द्वारा 11 दिसंबर 2023 को किया गया। शेष शोपान 3 + 3 + 4 के नये ढांचा के अन्तर्गत प्रिपेरटॉरी, मिडिल तथा सेकेंडरी स्टेज के लिये जो कि कक्षा तीन से 12वीं तक का है , प्रिपेरटॉरी स्टेज में कक्षा तीन, चार, पांच, मिडिल स्टेज कक्षा 6 ,7, 8 तथा सेकेंडरी स्टेज कक्षा 9 से 12 तक के लिये एक ही पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्मित की जा रही है। जो विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा कहलाएगी।
कार्यशाला में माननीय मंत्री विद्यालयी शिक्षा डॉक्टर धन सिंह रावत जी ने राज्य की शिक्षा को बेहतर बनाने हेतु सुझाव दिए और कहा कि भारत की गौरवमयी परंपराओं को शिक्षाक्रम में अवश्य जोड़ा जाना चाहिये। श्री प्रदीप रावत मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून ने ड्राफ्टिंग कमेटी को शिक्षा दर्शन के व्यापक पहलुओं से ड्राफ्टिंग कमेटी का अभिमुखीकरण किया।
इसके अलावा भारतीय ज्ञान परंपरा पर व्यापक मार्गदर्शन देने के लिए शांतिकुंज हरिद्वार से देव संस्कृति विश्वविद्यालय के डीन डॉक्टर कृष्णा झरे जी जो कि दह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंस में कार्यरत है उनके द्वारा व्यापक दिशा दर्शन दिया गया । इस अवसर पर डॉ मोहन सिंह बिष्ट ने वक्ताओं द्वारा दिए गए सुझाव को राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा में सम्मिलित करने के सुझाव दिये।
निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती वंदना गर्ब्याल ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा इस तरह निर्मित की जानी होगी जो राज्य की आशाओं, अपेक्षाओं और जरूरतों पर खरा उतरे।
अपनिदेशक एससीईआरटी श्री अजय नौटियाल ने कहा कि दस्तावेज भावी जरूरतों को ध्यान में रखकर निर्मित किया जाना होगा इस हेतु व्यापक विमर्श कर रोड मैप तैयार कर लिया जाए। श्री राकेश चंद्र जुगरण अध्यक्ष विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्माण स्टीयरिंग कमेंटी, प्राचार्य डायट देहरादून ने भारतीय ज्ञान परंपरा को आधार मानते हुए सभी श्रेष्ठ पारंपरिक ज्ञान नवीन वैज्ञानिक शोधों को इस दस्तावेज में सम्मिलित किये जाने की बात कही ।
श्रीमती कंचन देवराडी, संयुक्त निदेशक एससीईआरटी,एनईपी प्रकोष्ठ, ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से व्यापक विचार विमर्श के उपरांत राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्मित की जानी होगी । श्री शैलेंद्र अमोली उपनिदेशक एन ई पी प्रकोष्ठ, ने कार्यशाला में आए सभी प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया और कहा कि सभी साथी आपसी संपर्क और संवाद बनाए रखें और आवश्यक विमर्श करते हुए इसमें निरंतर सुधार की प्रक्रिया से जुड़े रहे। अजीम प्रेमजी फाऊंडेशन देहरादून के राज्य समन्वयक श्री अम्बरीश सिंह बिष्ट ने कहा कि उनके संस्थान का संपूर्ण सहयोग आगे भी राज्य पाठ्यचर्या के निर्माण हेतु मिलता रहेगा। समन्वयक (राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्माण) श्री रविदर्शन तोपाल ने कार्यशाला में राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्माण की व्यापक संकल्पना प्रस्तुत की और ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्यों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक सुझाव प्रस्तुत किये।
कार्यशाला अजीम प्रेम जी फाउंडेशन देहरादून के गंगा व यमुना सभागार में आयोजित की गयी संस्थान के राज्यप्रमुख श्री शोभन सिंह नेगी जी का भी विद्यालय शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्माण में निरंतर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ समापन अवसर पर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन देहरादून रूम टू रीड संस्था, और लभ्य फाउंडेशन और समस्त प्रतिभागियों जिन्होंने राज्य पाठ्य चार्य की रूपरेखा निर्माण में प्रतिभा किया सभी का आभार प्रकट किया गया।
कार्यशाला में श्रीमती हिमानी बिष्ट ,श्रीमती सुनीता भट्ट, श्री सुनील जोशी, श्री कैलाश डंगवाल, श्री सोहन सिंह नेगी,श्री सुनील भट्ट, श्रीमती सुनीता बड़ोंनी, श्रीमती संध्या कठैत, श्री वीर सिंह रावत श्री धनंजय उनियाल, श्रीमती दीप माला रावत, श्री पाठक जी सहित सभी प्रतिभागियों के अलावा एन ई पी प्रकोष्ठ से समन्वयक श्री मनोज किशोर बहुगुणा , श्रीमती कामाक्षा मिश्रा व सचिन नौटियाल का निरंतर सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ ।