राज्य संदर्भ समूह गणित की चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न-
देहरादून: एससीईआरटी उत्तराखंड के शैक्षिक शोध सर्वे एवं मूल्यांकन विभाग द्वारा दिनांक 20 फरवरी 2024 से 23 फरवरी 2024 तक सीमैट सभागार, ननूरखेड़ा देहरादून में गणित विषय के राज्य संदर्भ समूह की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। अपर निदेशक एससीईआरटी अजय कुमार नौडियाल ने कहा कि गणित विषय जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समावेशित है,लेकिन फिर भी इसकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गणित के प्रति जागरूकता के अभाव में कई गलत धारणाएं भी प्रचलित हो गई हैं। हमारे विद्यालयों में बालिकाओं का रुझान गणित के प्रति कम देखने को मिलता है। इस दिशा में गणित शिक्षक का दायित्व और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। गणित को रोचक और सरल तरीके से पढ़ाए जाने की आवश्यकता है। संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी ने कहा कि राज्य संदर्भ समूह से विद्यालयी शिक्षा विभाग को यही अपेक्षा है कि इसके सदस्य गणित विषय के शिक्षण को रोचक और प्रभावी बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करें।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में राज्य स्तर पर की गई इस कार्यशाला का लाभ जब प्रत्येक छात्र को मिल सकेगा, तभी हम अपने उद्देश्य में सफल हो सकेंगे।
महत्वपूर्ण जानकारी: गणित विषय जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समावेशित है, लेकिन इसकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता को बढ़ाने की आवश्यकता है। गणित के प्रति जागरूकता के अभाव में कई गलत धारणाएं भी प्रचलित हो गई हैं। हमारे विद्यालयों में बालिकाओं का रुझान गणित के प्रति कम देखने को मिलता है।
कार्यशाला का उद्देश्य: राज्य संदर्भ समूह से विद्यालयी शिक्षा विभाग को यही अपेक्षा है कि इसके सदस्य गणित विषय के शिक्षण को रोचक और प्रभावी बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में राज्य स्तर पर की गई इस कार्यशाला का लाभ जब प्रत्येक छात्र को मिलेगा, तभी हम अपने उद्देश्य में सफल हो सकेंगे।
समर्थकों की भूमिका: कार्यशाला में प्रसिद्ध गणितज्ञ और एससीईआरटी हरियाणा के निदेशक सुनील बजाज, दून स्कूल के गणित विभागाध्यक्ष चंदन सिंह घुगत्याल, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान भोपाल के प्रोफेसर अश्विनी गर्ग ने संदर्भदाता के रूप में योगदान दिया।
कार्यशाला के विषय: गणित की कक्षा में चुनौतीपूर्ण अभ्यास, प्रश्नों के विभिन्न प्रकार, गणित की पहेलियाँ, समस्या समाधान करने के कौशल, छात्रों की सहभागिता, गतिविधियों, खेलों और शिक्षण सहायक सामग्री का निर्माण।
संपूर्ण सहयोग: उपयुक्त निदेशकों, प्रोफेसरों, गणितज्ञों और शिक्षकों के सहयोग से यह कार्यशाला संपन्न हुई।
निष्कर्ष: डॉ मनोज शुक्ला कार्यक्रम समन्वयक ने बताया कि कार्यशाला के माध्यम से गणित शिक्षण को रोचक और सरल बनाने के तरीकों में वृद्धि होगी, जिससे छात्रों का गणित के प्रति रुझान बढ़ेगा।