उत्तराखंड एससीईआरटी के सेमीनार हाल में अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। इस विशेष अवसर की शुरुआत संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी ने की। उनके साथ इस कार्यक्रम को सफल बनाने में समन्वयक उषा कटिहार, प्रवक्ता संगीत एससीईआरटी ने हारमोनियम के साथ सहयोग किया।
कंचन देवराडी ने अपने प्रेजेंटेशन में संगीत के महत्व और इसकी विशेषताओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि संगीत क्या है, इसे किसे कहते हैं, और यह जीवन में कितना आवश्यक है। उन्होंने सफल संगीतकारों की कहानियों के माध्यम से संगीत की महत्ता को समझाया और राग, ठाट, यमन आदि पर एक वर्कशॉप जैसा माहौल बनाया, जिसमें संगीत की छोटी-छोटी बारीकियों को सिखाया गया।
कार्यक्रम में एससीईआरटी के सभी संकाय सदस्यों ने हिस्सा लिया और उषा कटिहार के साथ धुन मिलाकर कार्यक्रम को संगीत में बदल दिया। यह आयोजन जीवन के लिए एक सुंदर संदेश देता है, जिसका समापन संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी ने क्षेत्रीय भाषा में रामलीला की चौपाइयां गाकर किया। उन्होंने कोमल और शुद्ध स्वरों पर भी चर्चा की।
कार्यक्रम में उषा कटिहार ने डॉ. संजीव चेतन को कुछ गानों पर अभिव्यक्ति करने को कहा, जिससे डॉ. चेतन ने एक खास समा बांध दिया और ताल जैसे जरूरी विषय पर अपना व्याख्यान दिया। इसी क्रम में नव नियुक्त कलाकार विनय उनियाल और सौरभ जोशी द्वारा भी गीत प्रस्तुत किए गए, जिसने माहौल को और भी जीवंत बना दिया। कमलेश खंडूरी ने एक खुदेड़ प्रस्तुति देकर सबका मन मौह लिया । कई संकाय सदस्यों द्वारा इस दिवस पर अपनी कला और संगीत का प्रदर्शन किया गया, जिससे इस आयोजन को और भी समृद्ध किया गया। समापन सत्र में संयुक्त निदेशक कंचन देवरानी ने सभी संकाय सदस्यों, उनके परिवारों और समुदाय से अपने जीवन में संगीत को स्थापित करने के लिए आवाहन किया। निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण , बंदना गर्ब्याल और अपर निदेशक अजय नौडियाल ने भी सभी प्रतिभागियों को शुभकामना संदेश भेजकर जीवन में संगीत के महत्व को रेखांकित किया और इसे सफल बनाने के लिए अपनी भावनाएं प्रकट की।