Saturday, July 27, 2024

एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई एन.ई.पी. की चौथी वर्षगांठ; उत्तराखंड के सभी जनपदों के संस्थान ऑनलाइन जुड़े

27 जुलाई 2024: मनोज बहुगुणा 

राष्ट्रीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 की चतुर्थ वर्षगांठ के उपलक्ष में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार दिनांक 22 से 28 जुलाई 2024 तक मनाए जा रहे शिक्षा सप्ताह के छठे दिवस को एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

इसके तहत एस.सी.ई.आर.टी. सभागाार में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में श्रीमती कंचन देवराड़ी संयुक्त निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड द्वारा राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में कृत महत्वपूर्ण कार्यवाहियों से सदन को अवगत कराया गया। इसके पश्चात श्री रविदर्शन तोपाल समन्वयक एन.ई.पी द्वारा बुनियादी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के विषय में विस्तृत जानकारी साझा की गयी, जिसमें सिटीजन सर्वे, फोकस ग्रुप, फोकस पेपर निर्माण, उत्तराखण्ड राज्य के परिप्रेक्ष्य में एस.सी.एफ.-एफ.एस. निर्माण हेतु सम्पन्न कार्यशालाओं का विवरण शामिल था। इसी क्रम में श्री मनोज किशोर बहुगुणा समन्वयक एन.ई.पी. द्वारा राज्य स्तर पर एन.ई.पी.- 2020 के क्रियान्वयन की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उनके द्वारा एन.ई.पी.- 2020 के सन्दर्भ में वर्तमान तक जारी विभिन्न दिशा निर्देशों एवं शासनादेशों के अतिरिक्त एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर एन.ई.पी. के क्रियान्वयन एवं समीक्षा हेतु निर्मित गूगल ट्रैकर पर की जा रही मासिक अंकनाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई।

अपर निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. श्री अजय कुमार नौड़ियाल द्वारा एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में किये गये कार्यों की प्रगति एवं राज्य में बालवाटिका हस्त पुस्तिका, तीन अभ्यास पुस्तिकाओं को निर्मित किये जाने तथा SEZ के निर्धारण पर शासनादेश निर्गत होने आदि कार्यों की सराहना की गई। उनके द्वारा विद्यार्थियों हेतु निर्मित किये गये क्यू आर कोड को बच्चों के साथ साझा किये जाने तथा शिक्षकों को पाठ्य सामग्री का निर्माण कर राज्य को प्रेषित किये जाने हेतु भी निर्देशित किया गया। श्री नौडियाल के द्वारा इस अवसर पर एस.सी.ई.आर.टी. परिसर में बृक्षारोपण भी किया गया। 

इसके उपरान्त सहायक निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. डॉ. के. एन. बिजल्वाण द्वारा निपुण भारत मिशन तथा बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के राज्य में क्रियान्वयन विषयक विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। प्रवक्ता एस.सी.ई.आर.टी. श्री सुनील भट्ट द्वारा हमारी विरासत तथा महान विभूतियाँ विभूतियों नामक पुस्तकों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की गई। श्री अखिलेश डोभाल द्वारा अधिगम शिक्षण सामग्री (एल.टी.एम.) के विषय मे बोलते हुए गुणवत्तापरक टीचिंग लर्निंग मैटीरियल के बारे में जानकारी साझा की गयी। डॉ॰ उषा कटियार द्वारा सांस्कृतिक क्रियाकलापों पर प्रस्तुति देते हुए विभिन्न भाषाओं के लोक गीत एवं संगीत की पंक्तियों को गायन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अगले चरण में श्री सुशील गैरोला द्वारा बच्चों में खेल के महत्व पर प्रकाश डाला गया, श्री विनय थपलियाल द्वारा प्रदेश में ईको क्लब की स्थापना विषयक जानकारी प्रदान की गई। श्री रमेश बडोनी द्वारा आई.टी. के क्षेत्र में किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उनके द्वारा एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा तैयार किये गये MOOCS कोर्स, Teachers Exchange  Programme, एस.सी.ई.आर.टी. वेब साइट, ब्लॉग तथा न्यूज लेटर आदि का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति के रूप में डॉ॰ राकेश गैरोला द्वारा सामुदायिक सहभागिता पर प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सदन के साथ आवश्यक जानकारी साझा की गई। कार्यक्रम में सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों, प्राचार्य डायट्स, जिला शिक्षा अधिकरियों, खण्ड शिक्षा अधिकारियों तथा कुछ विद्यालयों के प्रधानाचार्यों तथा छात्रों द्वारा ऑन लाइन मोड में प्रतिभाग किया गया। इसी क्रम में राज्य के समस्त 13 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों एवं विद्यालयों में शिक्षा सप्ताह के छठे दिवस Eco Club for Mission Life/School Nutrition Day  के उपलक्ष में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किये गये।

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती  बंदना गर्बयाल द्वारा समस्त डायट एवं एससीईआरटी को निर्देश दिए गए कि राज्य और जनपद स्तर पर इन दोनों संस्थानों में भी ईको क्लब का गठन किया जाना चाहिए, इससे हम सभी में जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी और हम दृढ़ संकल्प होकर पर्यावरण संरक्षण की ओर कदम उठा सकेंगे। साथ ही निदेशक महोदया द्वारा निर्देश दिए गए कि दिनांक 28 जुलाई 2024 को मनाए जाने वाले सामुदायिक सहभागिता दिवस को डायट प्रशिक्षकों के माध्यम से सफल बनाया जाए। प्रशिक्षु अपने आसपास के सेवा क्षेत्र के समुदाय सदस्यों से मिलकर उन्हें विद्यालय को सहयोग करने के विषय में बताएं कि किस प्रकार वे अपने संसाधनों अपने उपकरणों और अपनी सेवाओं के माध्यम से सेवित क्षेत्र के विद्यालय को सहयोग दे सकते हैं।

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण द्वारा कहा गया कि प्रदेश के समस्त विद्यालय अनिवार्य रूप से विद्यांजलि पोर्टल में पंजीकरण करें जिससे इच्छुक व्यक्ति उन विद्यालयों को गोद ले सकें और अपनी सेवाएं दे सके। डायट मैंटर और डायट प्राचार्य जब विद्यालयों के अनुश्रवण में जाएं तो विद्यांजलि पोर्टल के विषय में अवश्य बताएं। उन्होने कहा कि अब समय आ गया है कि हमारे द्वारा किए गए प्रयासों को धरातल पर जाकर क्रियान्वित होते देखा जाए, इसका आकलन किया जाए कि हमारे प्रशिक्षकों द्वारा संप्रेषित कार्यक्रमों का कितना लाभ विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को मिल रहा है, अधिकारियों द्वारा इसका निश्चित तौर पर अनुश्रवण किया जाए।

विद्यालई शिक्षा का लोगो (Logo)  एससीईआरटी द्वारा किया जाना है ,इस संदर्भ में निर्देश दिए गए कि डाइट मैंटर प्राचार्य तथा जनपद व राज्य के अधिकारियों द्वारा ऐसे कलाकारों को चिन्हित किया जाए जो डिजिटल डिजाइनिंग का हुनर रखते हों, जिससे एक प्रभावी लोगो भविष्य में बनकर सामने आ सके। निदेशक महोदया ने समस्त अधिकारियों तथा प्रवक्ताओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चौथी वर्षगांठ पर बधाई देते हुए आह्वान किया कि इस नीति की अनुशंसाओं को क्रियान्वित करने के लिए सभी का साथ चलना आवश्यक है और एस.सी.ई.आर.टी. हमेशा सभी के सहयोग की अपेक्षा करता है, जिससे हम पूरी सफलता के साथ 2030 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों को सफलता से प्राप्त कर सकें।

कार्यक्रम का समापन करते हुए श्रीमती आशा रानी पैन्यूली संयुक्त निदेशक एससीईआरटी द्वारा सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एन.ई.पी. के क्रियान्वयन हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की गई तथा कहा गया कि किसी भी कार्यक्रम की सफलता एक सामूहिक प्रयास से संभव है, इसे कोई एक व्यक्ति अकेले मिलकर नहीं कर सकता।

अतः एस.सी.ई.आर.टी., डायट तथा समस्त शिक्षा अधिकारियों का यह कर्तव्य है कि वे  इस नीति के सफल क्रियान्वयन में अपना हर संभव सहयोग प्रदान करें, जिससे हम राष्ट्र में एक सफल राज्य के रूप में अपनी छवि बना सकें। समस्त प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए शुभेच्छाओं के साथ कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गई कार्यक्रम का संचालन समन्वयक एन.ई.पी. श्रीमती कामाक्षा मिश्रा द्वारा किया गया।