Tuesday, July 30, 2024

डाइट, नई टिहरी,उत्तराखंड में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सेमिनार: शिक्षकों और छात्रों के लिए नई राहें:निदेशक बंदना गर्ब्याल ने सेमिनार का शुभारंभ किया

 
तारीख: 30 जुलाई 2024- स्थान: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट), नई टिहरी, उत्तराखंड

कार्यक्रम का शुभारंभ


उत्तराखंड के अकादमिक  शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक बंदना  गर्ब्याल ने एकदिवसीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेमिनार का शुभारंभ किया। सेमिनार का आयोजन  टिहरी डाइट द्वारा किया गया था। निदेशक वंदना गर्ब्याल ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। इस आयोजन में एस सी ईआर टी उत्तराखंड द्वारा भी डाइट टिहरी में 29,30 और 31 जुलाई से अनुश्रवन  कार्य भी किया जा रहा है। इस अवसर पर उपस्थित अनुश्रवण टीम के  डाइट प्राचार्य चंडी प्रसाद रतूडी ,एससीईआर टी के सहायक निदेशक के. एन. बिजलवाण, डॉ. रंजन भट्ट, डॉ. राकेश गैरोला, और सुब्रा सिंघल शामिल थे।

सेमिनार के प्रमुख वक्ता

सेमिनार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, चैटबॉट्स, और साइबर सिक्योरिटी जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई। एस सी ईआरटी के प्रवक्ता रमेश बडोनी, केंद्रीय विद्यालय के राजेंद्र भट्ट, रामजस कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर, और उत्तराखंड टीडीसी विश्वविद्यालय के डॉ. डोभाल, विवेक कुमार हाइड्रोलॉजी इंजीनियरिंग कॉलेज, भागीरथीपुरम  ने विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए।


श्री चंडी प्रसाद रतूड़ी , प्राचार्य डायट रतूड़ा और डॉ. के. एन. बिजलवाण, सहायक निदेशक, भी इस चर्चा में शामिल रहे।

निदेशक का अभिभाषण

अपने अभिभाषण में निदेशक बंदना  गर्ब्याल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नैतिक और व्यवहारिक उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यालयों में छात्रों और अभिभावकों को इस दिशा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने और अपने अनुभवों को साझा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने टेक्नो  मेला और आने वाले समय मे हकथोंन प्रतियोगिता मे AI के अनुप्रयोगों पर जोर देने को कहा । विगत वर्षों मे राज्य के कई मेधावी छात्रों के डिजिटल डिजाइन और कार्तिकेय कक्षा 11 के छात्र का आई आई एस सी बंगलोर मे एस ई पी कार्यक्रम मे चयन के लिए सराहना कर , अन्यों को प्रेरणा लेने का आग्रह भी किया गया। 


निदेशक ने डायट टिहरी की प्राचार्य हेमलता भट्ट के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से छात्रों और शिक्षकों को नई जानकारियों और कौशलों से अवगत होने का अवसर मिलता है। उन्होंने विभिन्न विभागों का अवलोकन कर वहां के कार्यों की प्रशंसा की और भविष्य में ऐसे आयोजनों को बढ़ावा देने का आश्वासन दिया।

सेमिनार के उद्देश्य और सहभागिता

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नई टिहरी में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन एवं सहयोग पर इस सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में प्रत्येक विकासखंड से पांच-पांच माध्यमिक शिक्षकों और नगर क्षेत्र के पांच माध्यमिक विद्यालयों के 25 विद्यार्थियों ने अपने मार्गदर्शक शिक्षकों के साथ भाग लिया।


सांस्कृतिक कार्यक्रम और विमोचन

इस अवसर पर गढ़वाली साक्षरता गीत "उल्लास" का विमोचन किया गया। निदेशक बंदना गर्ब्याल और प्राचार्य हेमलता भट्ट ने इस गीत का शुभारंभ किया।

अंत मे डायट प्राचार्य हेमलता भट्ट ने निदेशक बंदना  गर्ब्याल, एससीईआरटी की टीम, और विषय विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया।


डाइट टेहरी के भ्रमण और सेमिनार के समापन सत्र के पश्चात, निदेशक ने कैंपस का भ्रमण किया। उन्होंने पुस्तकालय, विज्ञान और गणित लैब, क्राफ्ट वर्कशॉप, आईटी लैब, और ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग स्टूडियो का दौरा किया। इन सभी स्थानों के अच्छे प्रबंधन और गुणवत्ता के लिए उन्होंने पूरे संकाय और प्राचार्य की सराहना की। इसके बाद, रिकॉर्डिंग स्टूडियो की टीम ने निदेशक को कुछ बाइट्स देने के लिए आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने सहजता से स्वीकार किया और रिकॉर्डिंग दी।

अन्य प्रमुख उपस्थितियाँ

सम्पूर्ण कार्यक्रम पर संक्षिप्त विवरण और एंकर दीपक रतूड़ी  प्रवक्ता ने AI कार्यक्रम की शुरुवात की इसी क्रम मे संयोजक सरिता असवाल, तकनीकी सहायक संजीव भट्ट, और अन्य शिक्षक, जैसे दीपक रतूड़ी, डॉ. बीर सिंह रावत, राजेंद्र प्रसाद बडोनी, देवेंद्र भंडारी, विनोद पेटवाल, नरेश कुमाई, सीमा शर्मा, डॉ. मनवीर नेगी, सुशील डोभाल, हेमराज चमोली, रंजीत पवार, हरीश सुयाल, मदन मोहन उनियाल, विनोद सैंस्वाल, दिवाकर अंथवाल, अखिलेश कोहली आदि भी इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बने।


इस सेमिनार ने शिक्षकों और छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव और महत्व को समझने का अनूठा अवसर प्रदान किया। उत्तराखंड में इस तरह के आयोजनों से शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे, और तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ नैतिक और व्यवहारिक समझ का भी विकास होगा।