Friday, August 02, 2024

एससीईआरटी उत्तराखंड के साथ क्लैप डिजिटल मोबाइल वैन ने खोले नए अवसर: देहरादून के स्कूलों में कक्षा 3-10वीं के छात्रों के लिए शिक्षण कार्य प्रगति पर

 दिनाक : 02 अगस्त 2024 देहरादून 

देहरादून, उत्तराखंड: प्रदेश के शैक्षिक परिदृश्य में एक अद्वितीय पहल के रूप में, HP- SARD द्वारा प्रदत्त 'DIGITAL Vehicle as CONTINUED LEARNING ACCESS PROJECT (CLAP)' एवं एससीईआरटी उत्तराखंड के लिए यह डिजिटल मोबाइल वैन 3-10वीं कक्षा के छात्रों को तकनीकी रूप से उन्नत शिक्षण के नए अवसर प्रदान कर रही है। इस पहल के अनुश्रवन के लिए  एससीईआरटी उत्तराखंड के संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी, नोडल क्लैप वैन आरपी बडोनी, और प्रवक्ता आईटी विभाग के शिव प्रकाश वर्मा ने स्कूल मे भ्रमण किया। इस मोबाइल वैन का उद्देश्य ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में तकनीकी शिक्षा को सुलभ बनाना है, और इसे प्रदेश के टेहरी और देहरादून के रायपुर एवं डोईवाला ब्लॉक में सक्रिय रूप से संचालित किया जा रहा है।


120 क्रोमबुक के माध्यम से शिक्षण का अनुभव

यह डिजिटल मोबाइल वैन SARD और HP के सहयोग से संचालित की जा रही है और पिछले वर्ष जुलाई 2023 में माननीय राज्यपाल पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह द्वारा एनसीईआरटी न्यू दिल्ली के निदेशक डॉ. दिनेश सकलानी एवं संयुक्त निदेशक अमरेन्द्र बेहरा की उपस्थिति में इसका उद्घाटन किया गया था। इस पहल के अंतर्गत छात्रों को 120 क्रोमबुक के माध्यम से डिजिटल शिक्षण सामग्री तक पहुँच दी जा रही है, जिससे उनकी सीखने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और रोचक बनाया जा रहा है।


DIGITAL Vehicle as CONTINUED LEARNING ACCESS PROJECT (CLAP)क्लैप वैन: एक इन्नोवेटिव पहल

आज देहरादून के सुन्दरवाला में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 3-5 के छात्रों के लिए क्लैप वैन में सुसज्जित कंप्यूटर के माध्यम से शिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कंचन देवराड़ी ने छात्रों के साथ बातचीत की और पूरे कार्यक्रम का अवलोकन किया। उन्होंने बच्चों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझा और शिक्षकों के साथ मिलकर उन्हें समाधान प्रदान किए। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने इंटरेक्टिव गतिविधियों के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया का भरपूर आनंद लिया, जबकि शिक्षक भी अपना सक्रिय योगदान दे रहे थे।


तकनीकी संसाधनों की जानकारी

क्लैप वैन के तकनीकी रिसोर्स पर्सन अशोक कटैथ  ने वैन में उपलब्ध सभी संसाधनों की विस्तृत जानकारी प्रदान की और छात्रों को उनका उपयोग कैसे करना है, यह भी समझाया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य वंचित वर्ग के छात्रों को तकनीकी शिक्षा के साथ जोड़ना है, जिससे उन्हें भी समान अवसर मिल सके।


निदेशक के दिशा-निर्देश और मोनिटरिंग

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल ने पहले से ही निर्देश दिए हैं कि इस कार्यक्रम की मौके पर मॉनिटरिंग और फीडबैक से अवगत करवाया जाए। इसके साथ ही, प्रवक्ता वर्मा ने सुझाव दिया कि एक कैंपस के सभी स्कूलों को इस डिजिटल पहल से जोड़ा जा सकता है, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को इसका लाभ मिल सके।

संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी का संदेश

संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, "यह कार्यक्रम बेहद नवाचारी और समावेशी है, क्योंकि इससे वंचित वर्ग के बच्चों के लिए तकनीकी संसाधनों तक पहुंच संभव हो सकी है।" उन्होंने इस महत्वपूर्ण शुरुआत के लिए निदेशक एवं अपर निदेशक को विशेष धन्यवाद भी दिया।


इस प्रकार, उत्तराखंड में डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में यह पहल न केवल छात्रों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल रही है, बल्कि शिक्षकों को भी तकनीकी रूप से समृद्ध बना रही है। यह प्रयास प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को डिजिटल युग के अनुरूप ढालने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।