Friday, August 02, 2024

एस सी ई आर टी , उत्तराखंड ने क्षेत्रीय सम्मेलन में बढ़ाया गौरव, नव भारत साक्षरता कार्यक्रम में किया सराहनीय योगदान


देहरादून , 3 अगस्त 2024:

एससीईआरटी उत्तराखंड ने 1 और 2 अगस्त 2024 को एससीईआरटी गुरुग्राम में CNCL द्वारा आयोजित उत्तरी राज्यों के क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लेकर अपनी शिक्षा की प्रतिबद्धता और नवाचारी प्रयासों को दर्शाया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन उत्तरी राज्यों के लिए किया गया था, जिसमें चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और उत्तराखंड शामिल थे।

उल्लास - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की पृष्ठभूमि

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (ULLAS) के प्रभाव और महत्व को उजागर करना था। यह केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित नवाचारी योजना है, जिसका लक्ष्य 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों को सशक्त बनाना है जो अपनी शिक्षा को अधूरा छोड़ चुके हैं। इस योजना के माध्यम से उन्हें समाज के लिए अधिक प्रभावी योगदान करने का अवसर प्रदान करना है। योजना का बजट रु. 1037.90 करोड़ है और इसे 2022-23 से 2026-27 तक लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य वयस्क शिक्षा को नवाचारी उपायों के माध्यम से पुनः परिभाषित करना और जीवन भर सीखने के अवसर प्रदान करना है।

उत्तराखंड की सक्रिय भागीदारी

उत्तराखंड ने इस सम्मेलन में अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई। राज्य ने शिक्षा में अपने योगदान को प्रदर्शित करने के लिए विशेष स्टॉल लगाए, जिनमें उत्तराखंड के शिक्षा प्रणाली की विशिष्टताओं और सफलताओं का प्रदर्शन किया गया। यह स्टॉल न केवल जानकारीपूर्ण थे, बल्कि दर्शकों को प्रेरित करने वाले भी साबित हुए।

गुरुग्राम में दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

CNCL द्वारा आयोजित इस क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन 1 अगस्त 2024 को हुआ। इसमें उत्तरी राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और साक्षरता में उन्नति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

ग्रुप डिस्कशन और प्रस्तुतीकरण

उत्तराखंड के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन के दौरान आयोजित ग्रुप डिस्कशन और प्रस्तुतीकरण में भाग लेकर राज्य के परिदृश्य को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। इन सत्रों में राज्य के शिक्षा प्रणाली की विशिष्टताएँ और सफलताएँ सामने रखी गईं, जिनमें उत्तराखंड के विकास के दृष्टिकोण को दर्शाया गया।

सम्मेलन के प्रमुख आकर्षण

इस सम्मेलन का मुख्य आकर्षण ULLAS कार्यक्रम पर आधारित संवादात्मक सत्र और पैनल चर्चाएँ थीं। इन सत्रों में गैर-साक्षर शिक्षार्थियों, नव साक्षरों, स्वयंसेवी शिक्षकों, सामुदायिक सदस्यों और भागीदार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों ने भाग लिया। इन चर्चाओं का उद्देश्य नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के कार्यान्वयन से जुड़े विभिन्न दृष्टिकोणों और वर्तमान प्रथाओं का अन्वेषण करना था।

उत्तराखंड की प्रतिनिधि टीम

उत्तराखंड का नेतृत्व आशा पैन्यूली, संयुक्त निदेशक एससीईआरटी एवं समन्वयक डॉ. हरेंद्र अधिकारी द्वारा किया गया। उनके साथ राज्य के विभिन्न जनपदों से स्वयंसेवकों और शिक्षार्थियों ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया। आशा पैन्यूली, संयुक्त निदेशक एससीईआरटी और राज्य नोडल अधिकारी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए उत्तराखंड के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया।


ULLAS कार्यक्रम के प्रमुख घटक

  1. मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता: वयस्क शिक्षा का आधारभूत हिस्सा।
  2. वित्तीय साक्षरता: बैंकिंग, भुगतान और वित्तीय सेवाओं का ज्ञान।
  3. डिजिटल साक्षरता: डिजिटल उपकरणों और ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग।
  4. जीवन कौशल: व्यक्तिगत विकास और रोजगार के अवसर।

योजना के उद्देश्यों की प्राप्ति

ULLAS का मुख्य उद्देश्य है कि हर नागरिक एक बुनियादी स्तर की साक्षरता प्राप्त करे, जिससे वह समाज में सकारात्मक योगदान दे सके। इस योजना का प्रभाव 27 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में देखा गया है, जहां बड़ी संख्या में गैर-साक्षर शिक्षार्थी मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता मूल्यांकन परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं।

सम्मेलन के अपेक्षित परिणाम

  • ULLAS के कार्यान्वयन से जुड़े विभिन्न दृष्टिकोणों का अन्वेषण: गैर-साक्षर शिक्षार्थियों, नव साक्षरों और स्वयंसेवी शिक्षकों से संबंधित।
  • योजना के कार्यान्वयन के लिए कार्यरत संस्थानों के साथ समन्वय बनाना।
  • ULLAS के कार्यान्वयन को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक परिवर्तनों की पहल।
  • सर्वोत्तम प्रथाओं की प्रासंगिकता की पहचान करना और उन्हें दोहराना।

उपलब्धियों का जश्न

उत्तराखंड के स्टॉल और प्रस्तुतियों ने राज्य की शिक्षा में किए गए योगदान को दर्शाया। इन प्रयासों को सम्मेलन में विशेष रूप से सराहा गया, जिससे राज्य की शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति और नवाचार की पहचान हुई। इस क्षेत्रीय सम्मेलन का समापन 2 अगस्त 2024 को हुआ, जिसमें सभी राज्यों ने अपनी प्रस्तुतियों और चर्चाओं के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान को साझा किया। उत्तराखंड के प्रदर्शन और सहभागिता ने राज्य को एक नई पहचान दिलाई और सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिनिधियों ने इसकी सराहना की।

यह दो दिवसीय सम्मेलन उत्तरी राज्यों के बीच शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने का एक सफल प्रयास रहा। उत्तराखंड ने अपनी शिक्षा की प्रतिबद्धता और नवाचारी प्रयासों के माध्यम से सम्मेलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने राज्य को गौरवान्वित किया।

Main Points Explained: Annual Works Plan (Financial) of ULLAS-Nav Bharat Saksharta Karyakram for FY 2024-25