Friday, August 23, 2024

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस हर्षोल्लास के साथ SCERT उत्तराखण्ड सभागार में मनाया गया


दिनांक 23 अगस्त 2024: डॉ अवनीश उनियाल एवं डॉ आर के चौरसिया 


निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड,  बन्दना गर्ब्याल के नेतृत्व में आज  राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के ऑडिटोरियम में प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में भारत की अंतरिक्ष विज्ञान में उपलब्धियों को उजागर करते हुए विविध प्रस्तुतियाँ दी गईं।


कार्यक्रम डॉ. अवनीश उनियाल की  प्रस्तुति से हुआ, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की प्रमुख उपलब्धियों पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके साथ ही, हाल ही में संपन्न चंद्रयान-3 मिशन की अद्वितीय सफलताओं पर प्रकाश डाला गया। डॉ. अजय कुमार चौरसिया ने चंद्रमा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करते हुए कार्यक्रम में ज्ञानवर्धन किया।


सीमेट के विभागाध्यक्ष,  दिनेश चंद्र गौड़ ने कहा कि छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, और इसी संदर्भ में चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण और चंद्रमा पर उसकी सफल लैंडिंग का वीडियो भी दिखाया गया, जिसे सभी ने सराहा।

कार्यक्रम के दौरान अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित रोचक तथ्यों को एक क्विज के माध्यम से साझा किया गया, जिसमें उपस्थित सीमेट मे ट्रैनिंग ले रहे प्रधानाचार्यों,अधिकारियों और संकाय सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर SCERT और सीमेट के अन्य कर्मचारियों ने  भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।


संयुक्त निदेशक  आशा रानी पैन्यूली,  कंचन देवराडी, और सहायक निदेशक डॉ. कृष्णा नंद बिजल्वाण ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। निदेशक बन्दना गर्ब्याल  ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए STEM शिक्षा पर विशेष जोर देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि SCERT को इस दिशा में टीम भावना से काम करना होगा।


कार्यक्रम में प्रारंभिक निदेशालय के संयुक्त निदेशक  हरीश चंद्र रावत, जीआईसी मझखाली के प्रधानाचार्य श्री दिनेश चंद्रा ने भी अपने विचार इस अवसर पर रखे । इस कार्यक्रम मे  डॉ. आर.के. भट्ट, सुभ्रा सिंघल, सुधीर नौटियाल, सौरभ जोशी, मनोज शुक्ला, डॉ. रमेश पंत, और अन्य संकाय सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस प्रकार के आयोजन से  छात्रों और शिक्षकों के बीच अंतरिक्ष अनुसंधान और विज्ञान के प्रति एक नई जागरूकता और उत्साह का संचार होगा।


अंतरिक्ष दिवस के मुख्य बिंदु:

  1. क्विज़ प्रतियोगिता 
  2. अंतरिक्ष अनुसंधान में ऐतिहासिक उपलब्धियों पर चर्चा।
  3. विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की भूमिका।
  4. SCERT में राज्य शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थानों के विकास पर जोर।
  5. अंतरिक्ष अनुसंधान, प्रौद्योगिकी, और इंजीनियरिंग में कैरियर के अवसरों को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य।