Tuesday, September 17, 2024

ए आई डिजिटल कंटेन्ट निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ: देश भर से शिक्षक-प्रशिक्षक कर रहे है प्रतिभाग

नई दिल्ली के सी आई ई टी  में डिजिटल शिक्षा में AI टूल्स के उपयोगर आधारित पाँच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ आज डॉ. आमरेन्द्र बेहरा, संयुक्त निदेशक, CIET-NCERT, नई दिल्ली द्वारा किया गया। यह कार्यशाला SCERTs, CTEs, DIETs और IASEs के फैकल्टी सदस्यों के लिए आयोजित की गई है।

कार्यशाला में उत्तराखंड, झारखंड, मध्यप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ से प्रतिभागी शामिल हुए हैं, जिनमें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक भी उपस्थित हैं।

उद्घाटन सत्र में प्रमुख, PRD, CIET, NCERT ने अपने वक्तव्य में डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और AI टूल्स के उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।


श्री सुनील प्रभाकर, डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ, ने 'डिजिटल सूचना अनुसंधान' पर आधारित सत्र का संचालन किया, जिसमें शिक्षकों को नई तकनीकों का उपयोग कर अपने शिक्षण को और प्रभावी बनाने के उपाय सुझाए गए।इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को AI टूल्स का कुशलता से उपयोग करने में सक्षम बनाना है, ताकि कक्षा में पढ़ाई का स्तर और अधिक प्रभावी हो सके। एप गुरु इमरान खान, राष्ट्रीय आई सी टी पुरस्कार प्राप्त शिक्षक विनीता गर्ग,  चाँदनी अग्रवाल, हरीकृष्णा आर्य, मनोज लकरा,नवीन गुप्ता, मनोज आर्य , नीरू मित्तल आदि कई आई सी टी विशेषज्ञ कार्यशाला मे अपना कार्य और अनुभव साझा किए। इस कार्यशालामन्वयक डॉ उपासना सी आई ई टी ने सभी प्रतिभागियों को प्रोग्राम का विवरण दिया और मार्गदर्शन किया। 

कार्यशाला में विभिन्न राज्यों से आए शिक्षकों के साथ रमेश बडोनी, भास्कर जोशी और प्रदीप नेगी ने भी अपने विचार साझा किए और इस अवसर को एक महत्वपूर्ण अनुभव बताया। यह कार्यशाला 21 सितंबर 2024 तक चलेगी। बंदना गर्ब्याल निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड और अपर निदेशक एस सी ई आर टी, आशारानी पैन्यूली ने प्रदेश के लिए यह नवाचारी अनुभव गुणवत्ता शिक्षा संवर्धन के लिए उपयोगी के साथ साथ शिक्षकों के लिए ने वाले समय मे अवसर  तलाशने के लिए सार्थक पहल बताया । 


कार्यशाला का उद्देश्य AI टूल्स के माध्यम से शिक्षकों को डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में कुशल बनाना है, ताकि वे कक्षा में नवाचार ला सकें और छात्रों के सीखने के अनुभव को बेहतर बना सकें। यह कार्यशाला 21 सितंबर 2024 तक चलेगी, जिसमें विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे और प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करेंगे।