एनसीईआरटी अब उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने जा रही है। स्कूल छात्रों के लिए अध्ययन सामग्री तैयार करने और शिक्षकों के प्रशिक्षण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली यह संस्था अब मास्टर और पीएचडी कोर्स शुरू करने की योजना बना रही है। इसके लिए अगले शैक्षणिक सत्र से शुरुआत की जा सकती है। डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के बाद एनसीईआरटी ने यह निर्णय लिया है। इसके अलावा, मातृभाषा में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए भी एक विशेष कोर्स तैयार किया जा रहा है, जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: स्कूलों के छात्रों के लिए शोधकर्ता अध्ययन सामग्री तैयार करने और शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़े कार्यक्रम की संचालन के साथ राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) अब उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराएगी। इसके तहत जल्द ही वह सभी विषयों से जुड़े मास्टर और पीएचडी शुरू करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि अगले शैक्षणिक सत्र से एनसीईआरटी अपने मुख्य कैंपस के साथ ही क्षेत्रीय केंद्रों के जरिए इन कोर्सों को शुरू कर देगी।
एनसीईआरटी ने यह पहल डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के बाद शुरू की है, जोकि उसे पिछले साल ही 63वें स्थापना दिवस पर प्रदान किया गया था। इसके तहत भविष्य में अब दूसरे विश्वविद्यालयों की तरह बैचलर, मास्टर, व पीएचडी कोर्स शुरू किए जाएंगे। हालांकि, एनसीईआरटी की तैयारी अभी सिर्फ सभी विषयों में मास्टर व पीएचडी कोर्स शुरू करने की है।
इसके साथ ही वह स्कूलों में मातृभाषा में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए भी एक नया कोर्स तैयार करने में जुटी है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत स्कूलों में बच्चों को आठवीं तक की शिक्षा मातृभाषा में ही देने की सिफारिश की गई है।