बैठक की शुरुआत समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल सती द्वारा की गई, जिन्होंने वर्तमान में चल रहे परियोजनाओं की प्रगति और आने वाले समय की योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में विद्यालयी शिक्षा के परिदृश्य को सुधारने के लिए अनेक योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इस दौरान वर्तमान और भविष्य की योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया।
इसके पश्चात, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रघुनाथ आर्य ने दैनिक कार्यों, शिक्षकों और छात्रों के लिए चल रही योजनाओं, ट्रांसफर प्रक्रिया, और छात्र संख्या जैसे मुद्दों पर प्रस्तुतीकरण दिया। संयुक्त निदेशक डॉ. आनंद भारद्वाज ने लंबित कोर्ट केसों की समीक्षा की और इसके समाधान के लिए प्रस्ताव रखे।
इसी क्रम मे, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक बन्दना गर्ब्याल ने एनसीईआरटी और सीमेट द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राज्य में शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे छात्रों और शिक्षकों को लाभ होगा।
इस क्रम में, डॉ. के.एन. बिजलवाण ने फाऊंडेशनल लिटरेसी न्यूमैरेसी कार्यक्रम, SCERT के फाऊंडेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क, और विभिन्न नवाचार कार्यक्रमों पर प्रस्तुतीकरण दिया। रमेश बडोनी द्वारा महानिदेशक का ध्यान SCERT की वेबसाइट और डिजिटल तकनीकी के उपयोग पर भी आकर्षित किया गया।
महानिदेशक झरना कमठान ने अपने संबोधन में सभी निदेशकों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्रों का विस्तार करते हुए प्रत्येक जिले के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें। इन नोडल अधिकारियों का मुख्य कार्य जनपदों की स्कूलों में आवश्यक सुविधाओं और आवश्यकताओं के लिए विस्तृत योजनाएं बनाकर उन्हें प्रस्तुत करना होगा, ताकि तत्काल समाधान और संसाधन जुटाए जा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि जो नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, वे संयुक्त रूप से लंबित कार्यों की सूची बनाकर महानिदेशक को प्रस्तुत करें और तेजी से समाधान की दिशा में आगे बढ़ें।
महानिदेशक ने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग में लंबित मामलों का निपटारा शीघ्रता से किया जाएगा। समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने NEP 2020, के आलोक में चल रहे सार्थक प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि इन प्रयासों को और अधिक सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है।
बैठक में उपस्थित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों में अपर निदेशक SCERT आशा रानी पैन्यूली, संयुक्त निदेशक कंचन देवरानी, संयुक्त निदेशक पी एम पोषण, डॉ कुलदीप गैरोला, संयुक्त निदेशक पद्मेंद्र सकलानी, अपर निदेशक दिनेश चंद्र गौड़, और सीमेट से प्रोफेशनल मोहन बिष्ट,समग्र शिक्षा से उप परियोजना निदेशक एम.एम. जोशी, आदि शामिल थे। सभी अधिकारियों ने महानिदेशक को आश्वासन दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करेंगे और विभागीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रतिबद्ध रहेंगे।
महानिदेशक ने सभी अधिकारियों को उनके प्रयासों के लिए सराहा और आने वाले समय में शिक्षा विभाग को और अधिक प्रभावी और परिणामोन्मुखी बनाने के लिए सुझाव दिए। बैठक के अंत में उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आगामी योजनाओं पर तेजी से काम करें और छात्रों व शिक्षकों के हित में हर संभव कदम उठाएं।