उत्तराखंड सहित देश के अन्य राज्यों में स्कूली बच्चों के अधिगम स्तर के आकलन हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, नई दिल्ली द्वारा ‘परख – राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024’ का आयोजन किया जाएगा। उत्तराखंड में इसके क्रियान्वयन के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। सर्वेक्षण के आयोजन हेतु राज्य के डी.एल.सी (जनपदीय शिक्षा अधिकारी) तथा जनपदीय मास्टर ट्रेनर्स (डायट फैकल्टी) का अभिमुखीकरण एस.सी.ई.आर.टी, उत्तराखण्ड के सभागार में संपन्न हुआ। “परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण-2024” आगामी 4 दिसम्बर 2024 को किया जाना प्रस्तावित है।
प्रशिक्षण में डॉ. इन्द्राणी भादुड़ी, सी.ई.ओ., “परख” एन.सी.ई.आर.टी नई दिल्ली ने प्रतिभागियों को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया। एन.सी.ई.आर.टी से आए संदर्भदाता द्वारा भी महत्वपूर्ण बिन्दुओं की जानकारी दी गई। इस दौरान उन्होंने सर्वे संबंधी प्रमुख विशेषताएँ, राज्य, जनपद, आर.सी.सी (रिसोर्स कस्टडी सेंटर), जनपद स्तरीय समन्वयक (डी.एल.सी) तथा क्षेत्र अन्वेषक (एफ.आई) आदि के कार्य दायित्वों पर चर्चा की। सर्वे हेतु महत्वपूर्ण सैंपलिंग प्रक्रियाओं पर जानकारी प्रदान कर भ्रम दूर किए गए। सैंपल से संबंधित स्कूल लेवल सैंपलिंग व सेक्सन सैंपलिंग को विस्तार से समझाया गया। साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि सर्वे ग्रेड 3, 6 और 9 के छात्रों के लिए किया जाएगा, जिसमें उनकी पिछली कक्षाओं की दक्षताओं का भी आकलन होगा। सर्वेक्षण के लिए छात्र प्रश्नावली, शिक्षक प्रश्नावली और स्कूल प्रश्नावली का उपयोग किया जाएगा। यह सर्वे पेपर बेस्ड और ओ.एम.आर आधारित होगा, जिसमें ग्रेड 3 और 6 के लिए भाषा, गणित और द वर्ल्ड अराउंड अस, तथा ग्रेड 9 के लिए भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान जैसे विषयों का आकलन किया जाएगा।
परख सर्वेक्षण एन.सी.ई.आर.टी और सी.बी.एस.ई के संयुक्त प्रयासों से पूरे देश में संपन्न किया जा रहा है।
इस अवसर पर निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल ने कहा कि यह सर्वेक्षण राज्य के भावी शैक्षिक हस्तक्षेपों, क्रियाकलापों, कार्यक्रमों और योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सभी को अपने-अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना चाहिए, क्योंकि यह कार्य सभी के सम्मिलित प्रयासों से ही सफल हो सकता है।
कार्यक्रम में अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली, संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी , डॉ. दिनेश प्रसाद रतूड़ी, डॉ. दीपक प्रताप सिंह, तथा भुवनेश्वर प्रसाद पन्त सहित कई अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी ने अपनी-अपनी महत्वपूर्ण भूमिकाओं और सुझावों के साथ सर्वेक्षण के महत्व और उसकी सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कदमों पर जोर दिया।
रिपोर्ट प्रेस नोट : भुवनेश पंत