कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए निदेशक श्रीमती बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि प्रशिक्षण शिक्षकों के शिक्षण-कौशल के साथ-साथ उनकी कार्यक्षमता में बृद्धि करता है। यह प्रशिक्षण हिन्दी एवं जीव विज्ञान विषयों के शिक्षकों को शैक्षिक नवाचार एवं परिवर्तनों से अवगत करायेगा तथा कक्षा-शिक्षण को रोचक और गतिविधिपूर्ण बनायेगा।
अपर निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. श्रीमती आशा पैन्यूली ने कहा कि इस वर्ष के प्रशिक्षण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा शिक्षा के क्षेत्र में नवीन विषयों को शामिल किया गया है जो शिक्षकों को कक्षा-शिक्षण में सहायक होंगे। अपर निदेशक श्री अजय कुमार नौडियाल के अनुसार यह कार्यशाला प्रतिभागियों के क्षमता संवर्धन मे कारगर होगी । संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी ने कहा कि इस प्रशिक्षण में डायट्स की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम का राज्य स्तर से नियमित अनुश्रवण किया जायेगा।
सहायक निदेशक डॉ. कृष्णानन्द बिजल्वाण ने कहा कि प्रशिक्षण की सफलता प्रतिभागियों के सकारात्मक दृष्टिकोण पर निर्भर करती है, अतः प्रतिभागियों की प्रशिक्षण में अधिकतम सहभागिता और सक्रियता आवश्यक है।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रमेश पन्त ने विगत वर्ष के प्रवक्ता प्रशिक्षण का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया तथा इस वर्ष के प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा को प्रतिभागियों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल्स का विकास किया जा चुका है तथा डायट्स में यह प्रशिक्षण सम्बन्धित विषय के प्रवक्ताओं को दिया जायेगा।
डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला ने इस वर्ष के प्रशिक्षण के बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और कहा कि इस वर्ष का प्रशिक्षण 5 दिवसीय होगा जिसमें 3 दिन पैडागॉजी से सम्बन्धित विषय तथा 2 दिन विषयों के कठिन स्थलों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। यह प्रशिक्षण विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। इस प्रशिक्षण में एस.सी.ई.आर.टी. के साथ डायट्स की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
इस प्रशिक्षण में एस.सी.ई.आर.टी. से विषय विशेषज्ञ के रूप में हिन्दी में डॉ. शक्ति प्रसाद सिमल्टी, इतिहास में डा. दीपक प्रताप सिंह, जीव विज्ञान में अखिलेश डोभाल, प्रवीन चन्द्र पोखरियाल तथा डॉ. रंजन कुमार भट्ट मार्गदर्शन कर रहे हैं।
सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण 2024-25 की कार्ययोजना
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5 दिनों के प्रशिक्षण में पैडागॉजी एवं विषयगत बिन्दु।
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तीन दिन पैडागॉजी एवं दो दिन विषयगत।
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राज्य स्तर पर मुख्य संदर्भदाताओं का प्रशिक्षण।
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जनपद स्तर पर डायट्स विषयगत प्रवक्ताओं का प्रशिक्षण।
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जिला स्तर पर डायट के सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण के समन्वयक
के द्वारा प्रशिक्षण का समन्वयन।
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भावी प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए ऑनलाइन
प्रशिक्षण आकलन
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प्रशिक्षण पूर्व आकलन- प्रशिक्षण से पूर्व
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प्रशिक्षण पश्चात आकलन- प्रशिक्षण के अन्त में
सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण 2024-25 हेतु मुख्य संदर्भदाता
प्रशिक्षण की समय-सारणी
प्रथम दिवस-
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 का परिचय
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विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत विविध छात्रवृत्ति
परीक्षाएं
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निर्देशन एवं परामर्श
द्वितीय दिवस-
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स्वजागरूकता का विकास
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कक्षा-कक्ष शिक्षण में आई.सी.टी. का प्रयोग एवं साइबर
सुरक्षा
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सन्दर्भ में विद्यार्थियों
में 21वीं सदी के कौशलों का विकास
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सन्दर्भ में गुणवत्तायुक्त
शिक्षा
तृतीय दिवस-
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कार्यस्थल में आचरण के सिद्धान्त
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जेण्डर संवेदनशीलता
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मूल्यांकन एवं प्रश्नपत्र निर्माण
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विद्यार्थियों एवं अध्यापकों का तनाव प्रबंधन
चतुर्थ दिवस
एवं पंचम दिवस-
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विषयगत कठिन बिन्दुओं पर प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के सत्रों की गतिविधियाँ
- समूह
चर्चा
- ब्रैन स्टॉर्मिंग
- समूह में
प्रस्तुतीकरण
- ग्रुप
रीडिंग
- व्याख्यान
- प्रतिदिन
विषय के एक कठिन टॉपिक का कक्षा-शिक्षण
सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण 2024-25 के अनुश्रवण की कार्ययोजना
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डायट द्वारा नियमित रूप से
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जिला स्तरीय शिक्षा अधिकारियों के द्वारा
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मण्डल स्तर पर मण्डलीय अधिकारियों के द्वारा
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राज्य स्तर पर- एस.सी.ई.आर.टी. तथा राज्य स्तरीय अधिकारियों
के द्वारा
(रिपोर्ट- डॉ. राकेश
चन्द्र गैरोला, प्रवक्ता, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड, देहरादून)