Wednesday, November 20, 2024

सेमिनार : स्कूल नेतृत्व में नवाचार: प्रभावी विद्यालय प्रबंधन

 20 नवंबर 2024 को नेशनल सेंटर फॉर स्कूल लीडरशिप (NCSL), NIEPA , नई दिल्ली के तत्वावधान में तीन दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन SIEMAT UTTARAKHAND द्वारा आयोजित ,एससीईआरटी उत्तराखंड ऑडिटोरियम, देहरादून में हुआ। सेमीनार  विषय था "स्कूल नेतृत्व में नवाचार: प्रभावी विद्यालय प्रबंधन।" इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, लद्दाख और उत्तराखंड सहित उत्तरी भारत के विभिन्न राज्यों के शिक्षाविद , प्रधानाचार्य, शिक्षक और शिक्षाविद शामिल हुए। उन्होंने शैक्षणिक परिवर्तन से जुड़े शोध पत्र, केस स्टडी और नवाचारी प्रयास प्रस्तुत किए।


कार्यक्रम का शुभारंभ सचिव विद्यालयी शिक्षा , रवीनाथ रामन ने करते हुए शिक्षकों की भूमिका को केवल स्कूलों तक सीमित न रखते हुए समृद्ध समाज के निर्माण तक विस्तारित करने पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षक को समुदाय का लीडर सम्बोधन कर उन्होंने कहा कि शिक्षकों की जिम्मेदारी छात्रों के साथ समाज के  समग्र विकास और स्कूलों में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने की है।


अपर सचिव , विद्यालयी शिक्षा रंजना राज गुरु ने प्रधानाचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि नेतृत्व केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छात्रों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को पोषित करने की जिम्मेदारी भी निभाता है।


महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा  झरना कमठान ने इस संगोष्ठी को उत्तराखंड के लिए एक उल्लेखनीय अवसर बताया। उन्होंने एनआईईपीए का धन्यवाद किया कि उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के आयोजन के लिए SIEMAT उत्तराखंड को चुना, जिससे अन्य राज्यों के नवाचारी प्रयासों को अपनाने का मौका मिला।

अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक, बंदना गर्ब्याल  ने इस संगोष्ठी को उत्तराखंड और अन्य उत्तरी राज्यों के बीच विचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान का एक माध्यम बताया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस संगोष्ठी से प्राप्त अंतर्दृष्टि स्कूल प्रशासकों को शैक्षणिक रणनीतियों को सुव्यवस्थित करने और उनकी प्रभावशीलता में सुधार करने में मदद करेगी।

संगोष्ठी का संचालन डॉ. मोहन सिंह बिष्ट द्वारा किया गया, जिन्होंने अपने उत्साह और व्यावसायिकता से कार्यक्रम को कुशलतापूर्वक संचालित किया। उनकी मेहनत ने यह सुनिश्चित किया कि कार्यक्रम पूरे समय प्रभावी और गतिशील बना रहे।

सीमेट,अपर निदेशक अजय नौडियाल, उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि विभिन्न राज्य अकादमियों के बीच सहयोग उत्तराखंड की शिक्षा प्रणाली को समृद्ध करेगा और समावेशी एवं नवाचारी शैक्षणिक नीतियों को बढ़ावा देगा। उनके प्रेरणादायक भाषण ने स्कूल नेताओं को ऐसा वातावरण बनाने के लिए प्रेरित किया जो समग्र छात्र विकास और समावेशी शिक्षा को प्रोत्साहित करे। उन्होंने स्कूल नेतृत्व अकादमियों के प्रयासों की सराहना की और प्रतिभागियों से साझा ज्ञान का उपयोग करके अपने संस्थानों में परिवर्तनकारी रणनीतियों को लागू करने का आग्रह किया।

संगोष्ठी के प्रथम सत्र पर  दिनेश चंद्र गौड़ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन पर  सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजन टीमों का आभार व्यक्त किया। दिनेश चंद्र गौड़ ने संगोष्ठी को सफल बनाने के लिए सभी के अमूल्य योगदान की सराहना की और इसके दूरगामी सकारात्मक प्रभावों की आशा व्यक्त की।

आज के प्रस्तुतीकरण में सुनील जोशी व प्रदीप सती का प्रस्तुतीकरण छात्र विकास कार्यक्रम, बबली सजवान का नामांकन वृद्धि , ममता गुप्ता प्राथमिक विद्यालय गिनती गांव नैनीताल की प्रस्तुति विद्यालय व्यवस्था एवं नामांकन एवं लद्दाख राज्य के प्रधानाचार्य कंचूक फाँदे की महत्वपूर्ण प्रस्तुति शिक्षक समाज का दर्पण विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई । इसके अलावा आज  जम्मू कश्मीर से पुरुषोत्तम सिंह , हरिद्वार से कासंपुर, रुड़की और संघीपुर, नैनीताल से गिनती गाँव ने अपनी प्रस्तुतियाँ दी । इस अवसर पर विभाग के शिक्षाविद् एवं अधिकारियों द्वारा पेनलिस्ट की भूमिका निभाई गई जिसमें मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल प्राचार्य डाइट रुद्रप्रयाग, चंडी प्रसाद रतूड़ी उपनिदेशक मंजू भारती एवं एन.सीसीएल की डॉक्टर ज्ञानेश्वरी रही उनके द्वारा इस प्रस्तुतीकरण अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये भी प्रदान की गई। इस अवसर पर डॉ मुक़ुल  कुमार सती , आर के उनियाल, डी सी गौड़, अम्बरीश बिष्ट आदि उपस्थित थे । 

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