सेमिनार का मुख्य विषय
सेमिनार का मुख्य विषय “विद्यालयी नेतृत्व में नवाचार – प्रभावी विद्यार्थी प्रबंधन के संदर्भ में” है। इस दौरान नवाचारों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जैसे:
- विद्यालयों में विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए नेतृत्व की नई रणनीतियाँ।
- शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी और डिजिटल उपकरणों का उपयोग।
- बाल केंद्रित दृष्टिकोण और सृजनात्मक शिक्षण तकनीकों का क्रियान्वयन।
- विभिन्न सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों के विद्यार्थियों के लिए समान अवसरों की सुनिश्चितता।
प्रतिभागी राज्यों का योगदान
उत्तर भारत के छह राज्यों – उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख, और छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि इस सेमिनार में भाग लेंगे। उनके साथ उत्तराखंड के 48 विद्यालय प्रमुख भी अपने विद्यालयों में किए गए नवाचारों और विद्यार्थियों की गुणवत्ता सुधार की प्रेरणादायक कहानियाँ साझा करेंगे।
उद्घाटन और समापन समारोह
महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, झरना कमठान, ने इस सेमिनार के लिए अपनी शुभकामनाएँ देते हुए कहा, “इस तरह के सेमिनार न केवल प्रेरणा के स्रोत हैं, बल्कि वे शैक्षिक नेतृत्व के लिए नई दिशा और दृष्टि भी प्रदान करते हैं। हमें विद्यालयों में नवाचार को सतत प्रयासों के रूप में देखना होगा।”
बंदना गर्ब्याल, निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, ने इस आयोजन को NEP 2020 के लक्ष्यों को धरातल पर उतारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह सेमिनार विद्यालय प्रमुखों के नवाचारी प्रयासों को साझा करने का एक सशक्त मंच है। इन प्रयासों से प्रेरित होकर अन्य विद्यालय भी अपने क्षेत्रों में बदलाव ला सकते हैं। नवाचार, शिक्षा के भविष्य को दिशा देने का सबसे प्रभावी माध्यम है।”
अपर निदेशक, सीमेट, अजय नौडियाल, ने कहा, “इस सेमिनार का उद्देश्य केवल विचार साझा करना ही नहीं है, बल्कि उन्हें अमल में लाने के लिए व्यवहारिक रणनीतियाँ तैयार करना भी है। उत्तराखंड के विद्यालय प्रमुखों के नवाचारी प्रयास हमारी शिक्षा व्यवस्था को नई ऊँचाई तक ले जाने में मदद करेंगे।”
सीमेट के विभागाध्यक्ष, श्री दिनेश चंद्र गौड़, ने सेमिनार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "विद्यालयी नेतृत्व में नवाचार एक ऐसा माध्यम है जो न केवल विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार करता है, बल्कि शिक्षकों और विद्यालय प्रमुखों को नए विचारों और दृष्टिकोणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। यह सेमिनार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को साकार करने के लिए स्कूल लीडर्स को एक साझा मंच प्रदान करता है, जहां वे अपने अनुभवों से सीखकर नवीन और प्रभावी समाधान विकसित कर सकते हैं।"
सेमिनार का उद्देश्य
डॉ मोहन सिंह बिष्ट के अनुसार इस आयोजन का उद्देश्य न केवल नवाचार को प्रोत्साहित करना है, बल्कि शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने और नेतृत्व को सशक्त बनाने के लिए प्रभावशाली दृष्टिकोण प्रस्तुत करना है। यह पहल NEP 2020 के लक्ष्यों की पूर्ति में सहायक सिद्ध होगी और शिक्षा क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार करेगी।