Saturday, November 23, 2024

ई-सृजन बॉट पर "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers" कोर्स का ऑनलाइन अभिमुखीकरण


विद्या समीक्षा केंद्र उत्तराखंड द्वारा ई-सृजन बॉट के माध्यम से आयोजित "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers" विषय पर ऑनलाइन अभिमुखीकरण बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता बंदना गर्ब्याल, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, उत्तराखंड ने की। इस बैठक में राज्य के सभी शिक्षा अधिकारियों, प्रधानाचार्यों और शिक्षकों ने भाग लिया।

कोर्स के उद्देश्य और औचित्य पर चर्चा

इस 10 घंटे के ऑनलाइन कोर्स का उद्देश्य प्रदेश के शिक्षकों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) में दक्ष बनाना है, ताकि वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षण योजना बना सकें और कक्षा शिक्षण में नवाचार ला सकें। रमेश बडोनी, राज्य समन्वयक, ने कोर्स के उद्देश्य, औचित्य और उपयोगिता पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने समझाया कि कैसे यह कोर्स शिक्षकों के लिए नई तकनीकों को अपनाने और उन्हें शिक्षण में एकीकृत करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।


कोर्स की विशेषताएं और संचालन प्रक्रिया

तेज रावत, विद्या समीक्षा केंद्र, ने प्रतिभागियों को कोर्स के 6 मॉड्यूल, आकलन प्रक्रिया, सर्टिफिकेशन और नामांकन की प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने ई-सृजन बॉट पर कोर्स संचालन, डैशबोर्ड पर ट्रैकिंग, एनरोलमेंट की संख्या और समय सीमा पर प्रकाश डाला। साथ ही, यह भी बताया कि प्रतिभागियों को कोर्स से जुड़े किसी भी समस्या के समाधान के लिए ऑनलाइन सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।


लाइव बैठक और प्रतिभागियों का उत्साह

विद्या समीक्षा केंद्र से तकनीकी प्रतिनिधि प्रकाश रावत ने चैट बॉक्स और यूट्यूब लाइव मीटिंग से जुड़े लोगों के प्रश्नों के माडरैशन के साथ समाधान के लिए वक्ताओं से साझा किए । यूट्यूब  और ज़ूम मीटिंग से 250 से अधिक शिक्षा अधिकारी और 6,000 से अधिक शिक्षक इस कार्यक्रम से जुड़े। प्रतिभागियों ने कोर्स के हिंदी संस्करण की मांग की, जिसे भविष्य में लागू करने का आश्वासन दिया गया। इसके अतिरिक्त, सर्टिफिकेट वितरण के लिए पूछे गए सवालों का उत्तर देते हुए तेज रावत ने बताया कि सभी प्रतिभागी 25 नवंबर 2024 के बाद सफलतापूर्वक कोर्स पूरा करने पर सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।


MOOC डैशबोर्ड से  शिक्षकों की प्रगति को ट्रैक करने का सशक्त माध्यम

उत्तराखंड में MOOC (Massive Open Online Courses) के माध्यम से शिक्षकों के प्रशिक्षण और विकास को बढ़ावा देने के लिए एक सशक्त डैशबोर्ड प्रणाली विकसित की गई है। यह डैशबोर्ड न केवल शिक्षकों की प्रगति पर नज़र रखता है, बल्कि प्रशिक्षण की पारदर्शिता और प्रभावशीलता को भी सुनिश्चित करता है।

डैशबोर्ड की मुख्य सुविधाएं

  1. नामांकन (Enrollment) की ट्रैकिंग
    डैशबोर्ड पर यह सुविधा उपलब्ध है कि कितने शिक्षक और शिक्षिकाएं कोर्स में नामांकित हुए हैं। प्रत्येक प्रतिभागी की प्रोफ़ाइल को डैशबोर्ड पर देखा जा सकता है, जिससे प्रशिक्षकों और प्रशासकों को वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त होती है।

  2. प्रगति मॉनिटरिंग (Progress Tracking)
    प्रत्येक शिक्षक द्वारा कोर्स के विभिन्न मॉड्यूल्स की प्रगति को ट्रैक किया जा सकता है। डैशबोर्ड पर यह साफ-साफ दर्शाया गया है कि किस शिक्षक ने कौन सा मॉड्यूल पूरा किया है, कौन सा शेष है, और उनके स्कोर क्या हैं।

  3. समय प्रबंधन (Time Management)
    डैशबोर्ड पर शिक्षकों के कोर्स में बिताए गए समय की पूरी जानकारी उपलब्ध है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि शिक्षक अपनी गति से कोर्स पूरा कर रहे हैं और समयसीमा के भीतर अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं।

  4. मूल्यांकन (Assessment)
    डैशबोर्ड पर कोर्स के मूल्यांकन मॉड्यूल्स को भी शामिल किया गया है। शिक्षक अपने प्रगति परीक्षण और अंतिम परीक्षण के परिणाम डैशबोर्ड पर देख सकते हैं। इससे उनकी प्रदर्शन क्षमता का सही मूल्यांकन हो पाता है।

  5. सर्टिफिकेशन ट्रैकिंग
    डैशबोर्ड सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को भी सरल बनाता है। शिक्षकों को उनके द्वारा पूरा किए गए कोर्स के आधार पर प्रमाणपत्र जारी करने की तिथियों की जानकारी दी जाती है।

  6. समस्याओं का समाधान (Issue Resolution)
    डैशबोर्ड पर एक चैट और हेल्पडेस्क सुविधा है, जिससे शिक्षक अपनी समस्याओं का समाधान ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। लाइव चैट में तुरंत सहायता उपलब्ध होती है, और कठिन समस्याओं के लिए विशेषज्ञों से संपर्क किया जा सकता है।

  7. डेटा एनालिटिक्स (Data Analytics)
    डैशबोर्ड पर शिक्षकों के प्रदर्शन का विश्लेषण करने के लिए डेटा एनालिटिक्स टूल्स उपलब्ध हैं। यह शिक्षा अधिकारियों को कोर्स की सफलता और शिक्षकों के प्रदर्शन पर रिपोर्ट तैयार करने में मदद करता है।



रमेश बडोनी ने समझाया कि यह डैशबोर्ड शिक्षकों के लिए न केवल सीखने का एक माध्यम है, बल्कि एक डिजिटल इकोसिस्टम का निर्माण करता है, जिसमें उनकी प्रगति को सुव्यवस्थित और संरक्षित तरीके से ट्रैक किया जाता है। इससे न केवल शिक्षकों को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि राज्य स्तर पर प्रशिक्षण की गुणवत्ता और कुशलता में भी सुधार होता है।


कोर्स की समय सीमा और भविष्य की योजनाएं

बंदना गर्ब्याल ने इस कोर्स के पहले चरण को 30 नवंबर 2024 तक ओपन रखने का निर्देश दिया, ताकि अधिक से अधिक शिक्षक इसमें नामांकन कर सकें। प्रदेश के 60,000 से अधिक शिक्षक इस कोर्स के प्रथम लेवल को पूरा कर राज्य स्तरीय सर्टिफिकेट प्राप्त करेंगे। इसके बाद, अगले सत्र में दूसरे लेवल का कोर्स शुरू किया जाएगा।


छात्रों के लिए कोर्स का विस्तार

बैठक में चर्चा की गई कि इस कोर्स को भविष्य में छात्रों के लिए भी ओपन किया जा सकता है। ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन अवकाश के दौरान छात्रों को इस कोर्स में शामिल कर तकनीकी कौशल विकसित करने का अवसर दिया जाएगा, जिससे वे अपने करियर के लिए नई संभावनाओं की खोज कर सकें।


निष्कर्ष:

निदेशक बंदना गर्ब्याल के अनुसार यह कोर्स शिक्षकों के लिए उनके निरंतर व्यावसायिक विकास (CPD) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा और ICT में दक्षता प्राप्त कर शिक्षण को और अधिक प्रभावी बनाएगा। इस पहल से उत्तराखंड राज्य में शिक्षण-प्रशिक्षण की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है। अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने इस प्रथम लेवल मूकस के लिए सभी कोर्स निर्माण करने वाले विशेषज्ञों को शुभकामनाए दी ।