Friday, December 13, 2024

एस0सी0ई0आर0टी0 उत्तराखंड में सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु के0आर0पी0/एम0टी0 प्रशिक्षण का आयोजन

 रिपोर्ट: अखिलेश डोभाल

एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड देहरादून द्वारा दिनांक 10 दिसम्बर 2024 से 14 दिसम्बर 2024 तक सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण (प्रारंभिक) 2024-25 के अंतर्गत उच्च प्राथमिक कक्षाओं के सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु के.आर.पी./एम.टी. के प्रशिक्षण का प्रथम चरण आयोजित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों को अधिगम-शिक्षण प्रक्रिया में अर्वाचीन तकनीक का उपयोग करते हुए तकनीक आधारित मिश्रित(ब्लेंडेड)अधिगम शिक्षण प्रक्रिया  से  परिचित कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण (प्रारंभिक) 2024-25  हेतु शिक्षकों/शिक्षक-प्रशिक्षकों  को के.आर.पी./एम.टी. के रूप में विकसित करना है, जोकि उक्त कार्यक्रमान्तर्गत प्रदेश के सभी जनपदों में  होने वाले आगामी प्रशिक्षण में कुल 2545 शिक्षकों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान कर सकें।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ. मुकुल कुमार सती, अपर निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड ने कहा कि  वर्तमान समय में तकनीक ने अधिगम शिक्षण प्रक्रियाओं में नयी क्रांति लाते हुए शिक्षकों को तकनीक को एक नए उपकरण के रूप में उपयोग करने का एक आकर्षक अवसर दिया है, जोकि अधिगम-शिक्षण प्रक्रियाओं को अत्यधिक गत्यात्मकता प्रदान करता है | उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिगम शिक्षण प्रक्रियाओं को अधिक लोकतान्त्रिक, प्रभावी और आकर्षक बनाने में मदद करेगा।



डॉ. के. एन. बिजल्वाणसहायक निदेशकएस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड ने नए तकनीकी उपकरणों की बारीकियां को समझने पर जोर देते हुए कहा कि विद्यार्थियों की सामयिक आवश्यकता हेतु तकनीक आधारित मिश्रित अधिगम शिक्षण प्रक्रिया का उपयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि तकनीक का ज्ञान व्यक्ति को वैश्विक परिदृश्य में नवाचारी बनाता हैजिस हेतु उक्त प्रशिक्षण विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों से बेहतर तरीके से पार करने में सक्षम बना पायेगा 



इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक अखिलेश डोभाल, प्रवक्ता एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड ने बताया कि कोविड-19 महामारी के पश्चात् अधिगम शिक्षण प्रक्रिया में नवीन तकनीक के योजन ने अधिगम शिक्षण प्रक्रिया को जहाँ एक ओर शिक्षा को अधिक गत्यात्मक बनाया है, तो वहीं दूसरी ओर अधिकांश शिक्षकों  हेतु इसमें दक्षता प्राप्त करने की नयी चुनौतियां पेश की हैं|

इस हेतु विगत वर्ष लगभग  8000 प्रारंभिक शिक्षकों से लिए गए  प्रशिक्षण आवश्यकता सर्वे के विश्लेषणों के आधार पर उक्त प्रशिक्षण आयोजित किया गया जा रहा है, जिसमें से अधिकांश शिक्षकों ने उक्त प्रशिक्षण को वर्त्तमान समय में आवश्यक बताया |

अखिलेश डोभाल ने बताया कि उक्त प्रशिक्षण के अंतर्गत ब्लेंडेड एजुकेशन का परिचय कराते हुए आधारभूत आई.सी.टी. कौशलों यथा वर्ड प्रोसेसर, स्प्रेडशीट, ऑनलाइन मूल्याङ्कन/सर्वे उपकरण,प्रस्तुतीकरण उपकरणों, ड्राइंग टूल्स, LMS, ऑडियो विडियो टूल्स, AI तथा साइबर एथिक्स/ सिक्योरिटी का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

    ए डी डॉ मुकुल कुमार सती ने कहा   कि राज्य के उच्च प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षक तकनीक आधारित मिश्रित अधिगम शिक्षण प्रक्रियाओं में दक्ष हो पाएं, जो विद्यार्थियों  को अधिक लचीली और व्यक्तिगत शिक्षण अनुभव प्रदान कराते हुए डिजिटल संसाधनों और पारंपरिक कक्षा पद्धतियों के  मिश्रण युक्त  लोकतान्त्रिक, सुलभ और समावेशी शिक्षा प्रदान करने में मदद करेगा।


प्रशिक्षण कार्यक्रम में  अखिलेश डोभाल, अशोक भट्ट, मनोधर नैनवाल, मोहम्मद अहमद, प्रदीप नेगी, भास्कर जोशी तथा राजमोहन रावत ने सन्दर्भदाता के रूप में प्रस्तुतीकरण किया | कार्यक्रम में एस.सी.ई.आर.टी. से डॉ. रमेश पन्त, प्रवीण चन्द्र पोखरियाल, विनय थपलियाल, दिनेश चौहान, अरुण थपलियाल, मनोज कुमार महार, नितिन कुमार आदि द्वारा भी प्रतिभाग किया गया |