एससीईआरटी ने इस कार्य के लिए चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है, जिसका प्रथम चरण एससीईआरटी सभागार में जारी है। इस पहल के तहत पूरक पठन सामग्री तैयार करने के लिए राज्य के विशेषज्ञ शिक्षकों और लेखकों की एक टीम गठित की गई है।
पठन सामग्री तैयार करने के दिशा-निर्देश
दिशा-निर्देशों के अनुसार पठन सामग्री:
- धर्म, जाति, लिंग भेद से मुक्त और विवादित साहित्य से रहित होनी चाहिए।
- विषयवस्तु को रोचक और आकर्षक बनाया जाए।
- समाज, संस्कृति, और राष्ट्रीयता का ध्यान रखते हुए सामग्री का निर्माण किया जाए।
- सामग्री पाठ्यक्रम के अनुरूप सरल और बच्चों की मानसिकता के स्तर पर हो।
विशेषज्ञों की भूमिका
इस कार्यशाला में रेनू, डॉ. कपिलदेव सेमवाल, डॉ. हेम चंद्र तिवारी, डॉ. उमेश चमोला, मनोरथ पोखरियाल, टीकाराम रावत, गोपाल प्रकाश मिश्रा, और डॉ. अवनीश कुमार शर्मा सहित अन्य विशेषज्ञ लेखक अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
नेतृत्व और मार्गदर्शन
कार्यशाला के समन्वयक डॉ. शक्ति प्रसाद सेमल्टी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पाठ्यपुस्तकों के साथ-साथ पूरक सामग्री पर भी जोर दिया गया है। एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक प्रदीप रावत ने कहा कि बच्चों की पठन क्षमता के विकास हेतु रोचक और सरल सामग्री का निर्माण आवश्यक है।
इस अवसर पर सहायक निदेशक किरण बहुखंडी, डॉ. कृष्णा नंद बिजल्वाण, डॉ. दिनेश रतूड़ी, और अन्य विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।
यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सामग्री के माध्यम से विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक अनुभव और उनकी पठन क्षमता में सुधार का अवसर मिलेगा।