देहरादून, 07 दिसंबर 2024: राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एस.सी.ई.आर.टी), देहरादून में तीन दिवसीय "शोध पत्र लेखन कौशल एवं तकनीकी बारीकियां" विषय पर आयोजित कार्यशाला का समापन अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक बंदना गर्ब्याल द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में डायट एवं एस.सी.ई.आर.टी के संकाय सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यशाला के समापन अवसर पर संयुक्त निदेशक प्रदीप रावत और सहायक निदेशक डॉ. के.एन. बीजल्वान विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यशाला में प्रो. गौरव राव ने 6 से 7 दिसंबर 2024 तक शोध पत्र लेखन, प्रकाशन प्रक्रिया, और विभिन्न प्रकार के जर्नल्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने एक्शन रिसर्च के विभिन्न आयामों पर भी व्याख्यान दिया, जिससे प्रतिभागियों को शोध में व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा मिली।
श्री भुवनेश पन्त, नविता भण्डारी, डॉ.विजय रावत श्री अरविन्द चौहान, कैलाश चन्दोला, डॉ0 वीर सिंह रावत, डॉ0 गोविन्द धपोला, सुबोध कुमार डिमरी, श्री राजेन्द्र बडा़ेनी, वीरेन्द्र सिंह कठैत, डॉ0 अनिल सिंह, रमेश प्रसाद बड़ोनी, डॉ. कमल गहताड़ी,श्री शिव प्रकाश वर्मा, डॉ0 अवनीश शर्मा, श्रीमती शशी चौहान, कविता नेगी, कविता महरा, दीपिका पवॉर, तनुजा उप्रेती, ममता राणा, पारूल शर्मा आदि के द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कार्यशाला के समापन के दौरान, परिषद के संयुक्त निदेशक श्री प्रदीप रावत ने कहा कि शोध पत्र लेखन में सीखे गए कौशलों और तकनीकों का लाभ शिक्षार्थियों तक अवश्य पहुँचना चाहिए।
इस कार्यशाला में विभिन्न राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के उच्च विद्वान विशेषज्ञों ने भाग लिया। इनमें दून विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के डीन प्रो. राजेंद्र पी. ममगाईं, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग से प्रो. गौरव राव, और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से डॉ. मोहम्मद मामूर अली शामिल थे।
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