27 दिसंबर 2024 को, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखंड, देहरादून के तत्वावधान में राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम (NPEP) के अंतर्गत लोकनृत्य, रोल प्ले, निबंध, समूह चर्चा, और पोस्टर प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं।
प्रतियोगिता का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में जनसंख्या शिक्षा से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना, और जनसंख्या से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा के माध्यम से समाधान निकालने की क्षमता का विकास करना था।
अतिथि:
इस कार्यक्रम में बंदना गर्ब्याल , निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड ने शिरकत की और कलाकारों को उनकी प्रतिभाओं को सराहा। डॉ. मुकुल कुमार सती, अपर निदेशक, एससीईआरटी उत्तराखंड भी इस कार्यक्रम मे सतत संरक्षक के रूप मे बने रहे ।
कार्यक्रम की विशेषताएँ:
लोकनृत्य प्रदर्शन:
पारंपरिक लोकनृत्य के माध्यम से जनसंख्या शिक्षा से जुड़े संदेशों को रचनात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया।रोल प्ले (भूमिका निर्वाह):
विद्यार्थियों ने जनसंख्या समस्याओं और उनके समाधान पर आधारित अभिनय प्रस्तुत किए।निबंध लेखन:
छात्रों ने अपनी लेखन प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए जनसंख्या शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर गहन विचार व्यक्त किए।समूह चर्चा:
विभिन्न टीमों ने जनसंख्या वृद्धि, पर्यावरण पर इसके प्रभाव और संभावित समाधानों पर विचार-विमर्श किया।पोस्टर निर्माण:
प्रतिभागियों ने रंगों और कल्पनाओं के माध्यम से अपने विचारों को पोस्टर में उतारा।
निवेदन और मार्गदर्शन:
कार्यक्रम का संचालन और समन्वयन डॉ के एन बिजलवाण सहा निदेशक, एससीईआरटी उत्तराखंड और डॉ अवनीश उनियाल प्रवक्ता एस सी ई आर टी ने किया।
प्रभाव और संदेश
इस आयोजन ने शिक्षा जगत में जनसंख्या शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और समझ को प्रकट करते हुए सामाजिक मुद्दों पर गहराई से विचार किया। कार्यक्रम ने शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों को जोड़ने का एक प्रभावी उदाहरण प्रस्तुत किया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखंड इस तरह के आयोजनों के माध्यम से शिक्षा को समसामयिक मुद्दों से जोड़ने और छात्रों में सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम (NPEP) पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन
प्रोग्राम समन्वयक नीलम पँवार के अनुसार इस प्रतियोगिता में राज्य के 13 जिलों से लगभग 180 छात्रों ने भाग लिया। छात्रों ने निबंध लेखन, समूह चर्चा, पोस्टर निर्माण, लोकनृत्य और भूमिका निर्वाह जैसी विभिन्न गतिविधियों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम मे डॉ उषा कटियार ने संगीत और लोकनृत्य के एपिसोड पर प्रवंधन किया। यह कार्यक्रम विशेष रूप से किशोरावस्था के मुद्दों जैसे लड़कियों और लड़कों की चुनौतियों पर केंद्रित था।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभागिता
लोकनृत्य और भूमिका निर्वाह में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीम कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV), पिथौरागढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करेगी। यह टीम राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेगी, जो लक्ष्मीबाई शारीरिक शिक्षा संस्थान, ग्वालियर, मध्य प्रदेश में आयोजित की जाएगी।
NCERT के मार्गदर्शन में आयोजन:
यह कार्यक्रम NCERT के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने न केवल अपनी रचनात्मकता को प्रस्तुत किया बल्कि सामाजिक और शैक्षिक मुद्दों पर जागरूकता भी बढ़ाई। NPEP कार्यक्रम का उद्देश्य किशोरावस्था के मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा देना और उनकी समझ को गहराई देना है। यह आयोजन छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक मंच प्रदान करता है।