आज एस.सी.ई.आर.टी, डायट्स एवं प्रदेश के रा0इ0का0 में प्रोजेक्ट पर कार्य करने वाले शिक्षकों एवं शिक्षक प्रशिक्षकों हेतु प्रोग्राम एवं माॅनिटरिंग विभाग, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड द्वारा परिषद के प्रशिक्षण हाॅल में अनुसंधान एवं डेटा विश्लेषण में एसपीएस के उपयोग पर चार दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स सह कार्यशाला का शुभारम्भ अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक बंदना गर्ब्याल के द्वारा किया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक बंदना गर्ब्याल ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और कहा कि शोध की विधा में कुशलता विकसित करना और आंकड़ों का विश्लेषण सीखना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपने क्षेत्र में संचालित शैक्षिक गतिविधियों की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए अनुसंधान और डेटा प्रबंधन में निपुण होना होगा।
संयुक्त निदेशक श्री प्रदीप रावत ने कहा कि प्रभावी अनुसंधान आंकड़ों के सटीक विश्लेषण पर आधारित होता है। कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. अजय कुमार चैरसिया ने बताया कि कार्यशाला प्रतिभागियों को आंकड़ों के प्रबंधन, विश्लेषण और आकर्षक प्रस्तुतीकरण में दक्ष बनाएगी। इस कार्यशाला में एस.सी.ई.आर.टी, डायट और राजकीय इंटर कॉलेजों के शिक्षक-प्रशिक्षकों ने भाग लिया। इनमें शामिल थे:
डाॅ. के. एन. बिज्लवाण, डाॅ. राकेश गैरोला, डाॅ. रंजन भट्ट, श्री भुवनेश पन्त, श्रीमती गंगा घुग्त्याल, श्रीमती नविता भण्डारी, डाॅ. अवनीश उनियाल, श्री मनोज बहुगुणा, डाॅ. कामाक्षा मिश्रा, श्री शिव प्रकाश वर्मा, श्री अरविन्द सिंह चैहान, श्री शांति रतूड़ी, श्री मनोज भाकुली, श्री दीपक सोरारी, उाॅ. राखी बिष्ट, श्रीमती सरिता असवाल, श्रीमती कविता मेहरा, श्री चन्द सिंह चिराल, डाॅ. हरीश चन्द्र शुक्ला, श्री अनिल तिवारी, डाॅ. मनोज चैहान, डाॅ. मनोज पाण्डे, श्री भुवन चन्द्र पाण्डे, श्री उपेन्द्र सिंह कनवाल, डाॅ. धनेन्द्र सिंह लिंगवाल, श्रीमती प्रियंका तोमर और श्रीमती कविता मैठाणी।
राष्ट्रीय संस्थानों- नीपा से आयी एसो. प्रो. सांत्वना जी मिश्र और दिल्ली विश्वविद्यालय से आये सहा. आर्चाय डाॅ. रघु ने भी प्रतिभागियों को अनुसंधान और डेटा विश्लेषण के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों और प्रशिक्षकों को अनुसंधान एवं डेटा प्रबंधन में प्रवीण बनाना है ताकि प्रदेश में शैक्षिक गतिविधियों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को बढ़ावा दिया जा सके।