Thursday, January 09, 2025

जनपद चंपावत ने शुरू किया हैकाथॉन प्रतियोगिता के लिए मेन्टर शिक्षकों का प्रशिक्षण

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य शिक्षा अधिकारी श्री मेहराबान  चंपावत ने नवाचार और सृजनशीलता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की और  ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र पर अपने आज के ज्वलंत मुद्दों को समझने पर जोर दिया। इस सत्र में हैकाथॉन प्रतियोगिता पर राज्य समन्वयक प्रकाश चंद्र उपाध्याय और डॉ आशुतोष वर्मा प्रवक्ता डाइट ने भी अपने विचार साझा किया। चर्चा मे  जनपद के विभिन्न स्कूलों से जुड़े मेंटर शिक्षकों ने भाग लिया। बिष्ट ने  प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता न केवल छात्रों की सोचने की क्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि शिक्षकों को भी तकनीकी और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने का अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने सभी मेंटर शिक्षकों से इस प्रतियोगिता में पंजीकरण करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम का परिचय और मार्गदर्शन

डाइट की प्रवक्ता लता आर्य ने प्रतियोगिता की रूपरेखा को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि राज्यस्तरीय हैकाथॉन का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। इस प्रतियोगिता के तहत प्रतिभागियों को विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु सृजनात्मक और व्यावहारिक विचार प्रस्तुत करने होंगे।

तकनीकी सत्र और पोर्टल का उपयोग

राज्य हैकाथॉन समन्वयक रमेश बडोनी ने सत्र के तकनीकी पहलुओं को संभालते हुए innovateuttarakhand.com पोर्टल का परिचय दिया। उन्होंने लॉगिन प्रक्रिया, ईवेंट पोर्टल की विशेषताएं, और उपलब्ध संसाधनों की जानकारी विस्तार से दी। यह पोर्टल प्रतिभागियों को न केवल पंजीकरण करने में मदद करेगा, बल्कि प्रतियोगिता से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करेगा।

प्रतियोगिता का महत्व

यह हैकाथॉन प्रतियोगिता शिक्षकों और छात्रों के लिए एक उत्कृष्ट मंच है, जहां वे अपनी रचनात्मकता और तकनीकी ज्ञान का प्रदर्शन कर सकते हैं। यह कार्यक्रम उत्तराखंड के शिक्षा जगत में नवाचार और डिजिटल क्रांति लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

समाप्ति और आगे की राह

कार्यक्रम का समापन प्रेरक विचारों और प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर के साथ हुआ। यह प्रशिक्षण सत्र सभी शिक्षकों के लिए उपयोगी और प्रेरणादायक रहा। इस तरह की प्रतियोगिताएं छात्रों और शिक्षकों के बीच नवाचार और तकनीकी कौशल को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं।

आइए, हम सब मिलकर इस प्रयास का हिस्सा बनें और उत्तराखंड को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाने में योगदान दें।