Thursday, January 23, 2025

उत्तराखंड अपनाएगा सिंगापुर का शिक्षा मॉडल: शिक्षा में नई दिशा की ओर

 

उत्तराखंड सरकार ने राज्य की शिक्षा प्रणाली को और अधिक उन्नत और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए सिंगापुर के शिक्षा मॉडल को अपनाने की योजना बनाई है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली से प्रेरणा लेकर इसे उत्तराखंड के स्कूलों में लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को व्यावसायिक और कौशल-आधारित शिक्षा प्रदान करना है ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें।

सिंगापुर का शिक्षा मॉडल: क्या है इसकी खासियत?

सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली अपने व्यावहारिक और कौशल-आधारित दृष्टिकोण के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  1. व्यावसायिक कौशल का विकास:
    प्रारंभिक स्तर से ही छात्रों को उनकी रुचियों और क्षमताओं के अनुसार करियर मार्गदर्शन और कौशल विकास का अवसर मिलता है।

  2. व्यावहारिक शिक्षा पर जोर:
    छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करने की क्षमता विकसित करने के लिए तैयार किया जाता है।

  3. वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना:
    छात्रों को इस मॉडल के माध्यम से वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा जाता है।

  4. लचीला पाठ्यक्रम:
    सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली में छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए लचीले पाठ्यक्रम की सुविधा दी जाती है।

उत्तराखंड में इसे कैसे लागू किया जाएगा?

उत्तराखंड में सिंगापुर मॉडल को लागू करने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:

  1. विशेषज्ञ दल का गठन:

    शिक्षा विभाग ने 10 सदस्यीय दल का गठन किया, जिसमें शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल , अपर निदेशक अजय नौडियाल , कंचन देवराड़ी ,अन्य शिक्षाविद, अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हैं। यह दल ने सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली का अध्ययन करेगा 

  2. विद्यालय स्तर पर सुधार:
    सिंगापुर में उपयोग की जाने वाली शिक्षा पद्धतियों के आधार पर उत्तराखंड के स्कूलों में सुधार किया जाएगा। प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर के लिए नई रणनीतियाँ बनाई जाएंगी।

  3. पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण:
    उत्तराखंड के स्कूलों में पाठ्यक्रम को सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली के अनुरूप अद्यतन किया जाएगा। साथ ही, शिक्षकों को नई तकनीकों और पद्धतियों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

  4. नए मापदंड और मूल्यांकन:
    छात्रों के कौशल और समझ के आकलन के लिए नए मापदंड तैयार किए जाएंगे। सिंगापुर की प्रणाली में उपयोग किए गए मूल्यांकन उपकरण और तकनीकों को उत्तराखंड के स्कूलों में लागू किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है। सिंगापुर मॉडल को अपनाने से राज्य के छात्रों को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने और बेहतर भविष्य के लिए तैयार होने का अवसर मिलेगा।