Friday, February 28, 2025

एससीईआरटी उत्तराखंड के प्रवक्ता सोहन सिंह नेगी हुए सेवानिवृत्त


आज दिनांक 28 फरवरी 2025 को राज्य शैक्षिक प्रशिक्षण परिषद  (एससीईआरटी) उत्तराखंड के पाठ्यक्रम विभाग के प्रवक्ता  सोहन सिंह नेगी अपनी अधिवर्षता पूर्ण करने के उपरांत सेवानिवृत्त हो गए। इस अवसर पर एससीईआरटी सभागार परिसर में एक भावभीनी विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें संस्थान के अधिकारियों, प्रवक्ताओं, कर्मचारियों एवं उनके परिजनों ने भाग लिया। प्रवक्ता सुनील भट्ट ने मंच संचालन मे पूरे सभागार मे जोश और ऊर्जा के साथ सोहन नेगी और उनके परिवार का हार्दिक अभिनंदन करते हुए नेगी के एक गंभीर इंसान के रूप मे ही नहि अपितु एक सच्चे प्रेरक के रूप मे संबोधित लिया । 


विदाई समारोह की झलकियां

समारोह में  सोहन सिंह नेगी की पत्नी, पुत्र और कुछ अन्य परिजन भी उपस्थित रहे। उनके सम्मान में एक विशेष गेट-टुगेदर पार्टी का आयोजन किया गया, जिसमें उनके अब तक के योगदान को सराहा गया। आईसीटी विभाग द्वारा उनकी उपलब्धियों और कार्यों पर केंद्रित एक विशेष प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया गया, जिसने सभी को भावुक कर दिया।

डॉ. साधना डिमरी ने  नेगी के जीवन और करियर पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए उनके योगदान को याद किया। कई प्रवक्ताओं ने वीडियो संदेशों के माध्यम से भी अपने शुभकामनाएं प्रेषित कीं। अपर निदेशक प्रदीप कुमार रावत ने उन्हें स्मृतिचिन्ह भेंट किया और परिषद की ओर से उनके उज्जवल भविष्य की कामना की  और आने वाले समय मे सहयात्री बनकर कार्य करने का भी संदेश दिया । 


सम्मान और शुभकामनाएं

समारोह में एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया और अपने संदेशों के माध्यम से  सोहन नेगी के कार्यों की सराहना की। डॉ. एन. बिजलवाण   (सहायक निदेशक) ने उन्हें फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया, वहीं सीमेट  से आए सदस्यों ने भी हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

एनसीईआरटी ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. उषा कटिहार ने एक मधुर गीत प्रस्तुत कर उन्हें विदाई दी। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी बौडाई , मनोज किशोर बहुगुणा ,  रवि, दर्शन तोपवाल , ओमप्रकाश सेमवाल सहित कई अन्य सदस्यों ने अपने विचार रखे और सोहन  नेगी को शुभकामनाएं दीं।

श्री सोहन सिंह नेगी का उद्बोधन

अपने विदाई संबोधन में  सोहन सिंह नेगी ने अपने सेवाकाल की यादों को साझा किया और अपने भावुक अनुभवों को सबके सामने रखा। उन्होंने स्वीकार किया कि कार्य में व्यस्तता के कारण वे अपने परिवार को पूरा समय नहीं दे पाए, लेकिन अब वे अपने परिजनों के साथ अधिक समय व्यतीत करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भविष्य में किसी भी साथी को उनकी आवश्यकता होगी, तो वे सदैव सहयोग के लिए उपलब्ध रहेंगे।

पूर्व उप-शिक्षा निदेशक  राय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि सोहन नेगी  तस्वीर का दोस्त नही है बल्कि वास्तविक भौतिक रूप मे स्थिर दोस्त है और  शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उनका मार्गदर्शन हमेशा प्रेरणादायक रहेगा। उन्होंने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उनके स्वस्थ एवं सुखमय जीवन की प्रार्थना की।

शिक्षा जगत में अमिट छाप

उनके परिवार जनों और साथियों ने उन्हे एक खास इंसान के साथ कहा कि सोहन सिंह नेगी ने उत्तराखंड के शिक्षा जगत में एक विशेष पहचान बनाई है। वे न केवल एक कुशल शिक्षक रहे, बल्कि अपने सहयोगियों और विद्यार्थियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बने रहे। निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल ने संदेश भेजकर कहा कि सोहन नेगी की  विदाई के साथ ही एससीईआरटी उत्तराखंड ने एक अनुभवी और समर्पित शिक्षक को अलविदा नही कहा बल्कि उन्हे अपनी सेवाएं देने को भी और आगे आने के लिए सदेश दिया ।

संपूर्ण शिक्षा समुदाय की ओर से हम उनकी दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और सुखद भविष्य की कामना करते हैं।

Thursday, February 27, 2025

CIET-NCERT Organizes 53rd DIKSHA Online Meet: Showcasing State Initiatives and Innovations in Digital Education

The Central Institute of Educational Technology (CIET), NCERT, successfully conducted the 53rd DIKSHA online meeting with state coordinators overseeing DIKSHA content, QR codes, videos, and user engagement. The session also included an orientation on the latest version of DIKSHA.

Meeting Highlights

The meeting was initiated by Prof. Indu Kumar, Head of ICT, CIET-NCERT, and coordinated by Dr. Gulshan Mufeed Sr Academic Consultant from CIET. Prof. Indu Kumar provided a comprehensive overview of DIKSHA, highlighting its growth, content reach, and user engagement across states. Following this, Assistant Prof. Rejaul Karim conducted an orientation session for around 75 participants from different states, detailing the new features and enhancements of the DIKSHA platform.


The Central Institute of Educational Technology (CIET), NCERT, successfully conducted the 53rd DIKSHA online meeting with state coordinators overseeing DIKSHA content, QR codes, videos, and user engagement. The session also included an orientation on the latest version of DIKSHA.

State Presentations: Best Practices and Innovations

Representatives from Punjab, Ladakh, and Uttarakhand presented their respective state’s contributions to DIKSHA, including textbook integration, content development, and best practices in digital learning.

SCERT Uttarakhand’s Initiatives: NEP 2020 Implementation and Hackathon

Ramesh Badoni, IT faculty from SCERT Uttarakhand, showcased the state’s major initiatives under NEP 2020, including:

  1. MOOCs for Teachers

    • A key highlight was the online course "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers of Uttarakhand State", a 10-hour self-paced MOOC.
    • The course has certified around 32,000 teachers, equipping them with fundamental ICT skills for effective classroom integration.
  2. Hackathon: Innovate Uttarakhand 2024-25

    • 2300+ ideas were shortlisted for the Hackathon.
    • Top 112 ideas were selected for further development, and 10 students and 2 teachers were declared winners.
    • The event encouraged Innovation and Design thinking, providing students and teachers with a platform to develop prototypes of their ideas.
    • A series of design thinking videos were showcased to inspire creativity and problem-solving skills among participants.

The 53rd DIKSHA online meet served as a valuable platform for states to exchange ideas, share best practices, and align with the National Education Policy 2020. The event emphasized teacher capacity-building, digital innovations, and fostering creativity among students. SCERT Uttarakhand’s initiatives, particularly the MOOCs for teachers and the Hackathon, set a strong example of how digital transformation can enhance the education system.

With such impactful efforts, DIKSHA continues to evolve as a robust platform for quality education, teacher empowerment, and student innovation across the country.

एस सी ई टी उत्तराखण्ड द्वारा विद्यालयी शिक्षा के लिए राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा (SCF-SE) का शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत के समक्ष प्रस्तुतीकरण

मनोज किशोर बहुगुणा एन ई पी सेल 

27 फरवरी को विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का दस्तावेज विभागीय स्टीयरिंग कमेटी से अनुमोदित हो जाने के उपरांत डॉ धन सिंह रावत मा० मंत्री, विद्यालयी शिक्षा की अध्यक्षता में विभाग के उच्च अधिकारियों के सम्मुख प्रस्तुत किया गया ।

अपर निदेशक एससीईआरटी प्रदीप कुमार रावत द्वारा सदन के सम्मुख विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का प्रस्तुतीकरण किया गया। साथ ही रूपरेखा के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए इसके क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों से भी सदन को अवगत कराया गया। राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का अनुमोदन करते हुए मा० मंत्री जी द्वारा निर्देश दिए गए कि इस दस्तावेज को जारी करने से पूर्व इसे  माo मुख्यमंत्री उत्तराखंड, माo राज्यपाल महोदय, मुख्य सचिव महोदय, शिक्षा विभाग के निदेशकों तथा सेवानिवृत निदेशकों  के अवलोकनार्थ उपलब्ध कराया जाए तथा  उनके महत्वपूर्ण सुझावों को दस्तावेज में समाहित  किया जाए।

इस दस्तावेज को व्यापक रूप में देखते हुए इसमें शारीरिक शिक्षा, योग शिक्षा, नैतिक शिक्षा, खेल और व्यावसायिक शिक्षा को मुख्य रूप से समाहित किया जाए तथा बच्चों को केंद्र में रखा जाए।

महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा निर्देशित किया गया कि राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा में दिया गया स्थानीय संदर्भ अच्छा प्रयास है। इसके साथ ही इसमें हमारी महान विभूतियों से सम्बंधित  जीवनी, कहानी,नाटक आदि समाहित करके  हमारे पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास को भी सम्मिलित किया जाए।

बैठक में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल,  निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ०मुकुल कुमार सती, संयुक्त निदेशक महानिदेशालय पद्मेंद्र कुमार सकलानी, निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ०आनंद भारद्वाज, उपनिदेशक शैलेश कुमार श्रीवास्तव, सहा० निदेशक डॉ० कृष्णानंद बिजलवाण, एन ई पी प्रकोष्ठ के समन्वयक  रवि दर्शन तोपाल, मनोज किशोर बहुगुणा, डॉ०कामाक्षा मिश्रा सहित समस्त संकाय सदस्य उपस्थित रहे।

Tuesday, February 25, 2025

महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड बंशीधर तिवारी ने निपुण विद्यार्थी प्रतियोगिता मे किया नौनिहालों को सम्मानित

 डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला, प्रवक्ता

25 फरवरी 2025 को एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड तथा समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड के समन्वयन में एस.सी.ई.आर.टी. में राज्य स्तरीय निपुण विद्यार्थी प्रतियोगिता आयोजित की गयी। राजकीय प्राथमिक विद्यालय पटलगाँव, अल्मोड़ा के तथागत जोशी ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय कपकोट के गौरव सिंह तथा राजकीय प्राथमिक विद्यालय डीडीहाट के कु. शिवाली नेगी तृतीय स्थान पर रहे।

निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा 03 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं हेतु निपुण विद्यार्थी प्रतियोगिता 2024-25 आयोजित की गयी। राज्य स्तर पर इस प्रतियोगिता का आयोजन एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड, ननूरखेड़ा, देहरादून में हुआ।  प्रतियोगिता हेतु राज्य स्तर पर विषय विशेषज्ञों के द्वारा प्रश्नपत्र एवं गतिविधियाँ तैयार की गयी।


प्रतियोगिता में राज्य के प्रत्येक जनपद से निपुण विद्यार्थी प्रतियोगिता 2024-25 में जनपद स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इन छात्र-छात्राओं के साथ उनके विद्यालय से एक गाइड शिक्षक तथा अभिभावकों ने भी प्रतिभाग किया। राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं को डी.बी.टी. के माध्यम से क्रमशः रू. 15 हजार, 10 हजार एवं 5 हजार की धनराशि पुरस्कार के रूप में उनके खाते में जमा की जायेगी।
 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड  बंशीधर तिवारी ने कहा कि वर्तमान समय में बच्चों में नैतिक शिक्षा का विकास करना आवश्यक है। घर में बड़े बुजुर्गों के द्वारा उन्हें नैतिक शिक्षा से सम्बन्धित कहानियाँ सुनायी जानी चाहिये। इस हेतु पंचतन्त्र की कहानियाँ पाठ्यक्रम में शामिल की जानी चाहिये। उन्होंने निपुण भारत के उद्देश्यों पर चर्चा की तथा इसकी सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने विद्यार्थियों में शिक्षकों से तनाव प्रबंधन पर बल देने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षक परिश्रम के साथ कार्य कर रहे हैं और बच्चों का भविष्य शिक्षकों के सुरक्षित हाथों में है और उनका कर्तव्य है कि उन्हें देश का जिम्मेदार नागरिक बनायें।

अपर निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड  प्रदीप कुमार रावत ने कहा कि उन्होंने गूगल मीट के माध्यम से निपुण विद्यालयों के शिक्षकों से बच्चों की प्रगति के बारे में सम्पर्क किया और पाया कि निपुण भारत मिशन के एफ.एल.एन. के अन्तर्गत बच्चे भाषा एवं गणितीय ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं सीख रहे हैं। उन्होंने कहा कि एफ.एल.एन. का वास्तविक लाभ बच्चों तक पहुंचना आवश्यक है।

अपर राज्य परियोजना निदेशक  कुलदीप गैरोला ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य के शिक्षकों एवं अन्य हितधारकों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि निपुण भारत के अन्तर्गत आयोजित की जाने वाली सभी गतिविधियों को ससमय पूरा करना आवश्यक है। आगामी वर्षों से यह प्रतियोगिता वृहद स्तर पर आयोजित किये जाने हेतु योजना तैयार की गयी है।

सहायक निदेशक डॉ. कृष्णानन्द बिजल्वाण ने कहा कि यह कार्यक्रम संकुल स्तर से राज्य स्तर तक आयोजित किया गया है। प्रतियोगिता में भाषा एवं गणितीय कौशलों पर आकलन किया गया है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला, समन्वयक एफ.एल.एन., एस.सी.ई.आर.टी. ने किया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में विभाग की सहयोगी संस्था रूम टु रीड, अजीम प्रेम जी फाउण्डेशन, सम्पर्क फाउण्डेशन आदि ने सक्रिय प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम में ज्यूरी के रूप में  योगेन्द्र सिंह नेगी,  रीना डोभाल,  संगीता फरासी,  दीक्षिता कौर तथा  अमित उपस्थित थे। प्रतियोगिता में अल्मोड़ा से तथागत जोशी, चम्पावत से दीक्षा भट्ट, चमोली से कार्तिक मिश्रा, बागेश्वर से गौरव सिंह, देहरादून से गरिमा अरोड़ा, हरिद्वार से कृष्णा, नैनीताल से हर्षवर्धन सिंह, पौड़ी से आदित्य, पिथौरागढ़ से शिवाली नेगी, रुद्रप्रयाग से सिद्धार्थ उनियाल, टिहरी से संजय सिंह, उधमसिंहनगर से दनिका तिवारी तथा उत्तरकाशी से कु. सिद्धिका द्वारा प्रतिभाग किया गया।

कार्यक्रम के संचालन एवं सहयोग में विशेष रूप से डॉ दिनेश रतूडी ,शुभ्रा सिंघल, प्रवक्ता, पुष्पा असवाल, डॉ. मनोज शुक्ला, डॉ. रमेश पन्त, डॉ. अजय कुमार चौरसिया तथा डॉ. शक्ति प्रसाद सिमल्टी ने सक्रिय प्रतिभागिता की। विजय प्रसाद सेमवाल तथा  नीरज पाँथरी ने वित्तीय एवं कार्यालयी कार्यों में सहयोग किया।

Sunday, February 23, 2025

कक्षा 5 के छात्रों को छात्रवृत्ति परीक्षा की तैयारी करने के लिए दक्षता आधारित प्रश्नों (Competency based Questions) की पुस्तिका के निर्माण कार्यशाला

 राकेश रावत प्रवक्ता एस.सी.ई.आर.टी

एस.सी.ई.आर.टी उत्तराखंड में शैक्षिक शोध सर्वे एवं मूल्यांकन विभाग के छात्रवृत्ति प्रकोष्ठ द्वारा दिनांक 17 से 23 फरवरी 2025 तक “Orientation and Development of Competency Based Item for different scholarship scheme (Preparatory stage) के अंतर्गत कक्षा 5 के छात्रों को छात्रवृत्ति परीक्षा की तैयारी करने के लिए दक्षता आधारित प्रश्नों (Competency based Questions) की पुस्तिका के निर्माण हेतु दो चरणों में 7 दिन की कार्यशाला आयोजित की गई

कार्यशाला के प्रथम चरण में दिनांक 17 से 20 फरवरी 2025 जिसमें प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर के 20 अध्यापकों द्वारा प्रतिभा किया गया जिसमें दक्षता आधारित प्रश्न विकसित किए गए।

कार्यशाला के प्रथम दिवस पर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सहायक निदेशक डॉ के०एन०  बिजल्वाण ने प्रतिभागियों को कार्यशाला के  महत्व को समझाते हुए कहा कि इस पुस्तिका से विद्यार्थियों को विभिन्न छात्रवृति परीक्षाओं की तैयारी करने में सहायता मिलेगी। साथ ही डॉ  बिजल्वाण  ने कहा कि अधिक से अधिक छात्रों को छात्रवृति परीक्षाओं में पजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ हरीश बडोनी ने एस.सी.ई.आर.टी उत्तराखंड द्वारा संचालित छात्रवृत्ति परीक्षाओं- राष्ट्रीय साधन सह योग्यता छात्रवृत्ति, डॉ शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति, श्रीदेव सुमन राज्य योग्यता छात्रवृत्ति तथा मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति के साथ ही प्रश्नपत्रों की प्रारूप एवं ब्लूप्रिंट की जानकारी प्रतिभागियों के साथ साझा की, साथ ही डॉ बडोनी ने बताया की इन परीक्षाओं में दो प्रश्न पत्र होते हैं। प्रथम प्रश्न पत्र मानसिक योग्यता परीक्षण (MAT) तथा द्वितीय प्रश्न पत्र शैक्षिक अभिरुचि परीक्षण (SAT)

डॉ दिनेश रतूड़ी प्रवक्ता एस.सी.ई.आर.टी द्वारा ब्लूम टैक्सनॉमी के अनुसार Higher Order Thinking Skill  को समझाते हुए इस बात पर जोर दिया कि छात्रवृति परीक्षाओं में HOTS  पर आधारित प्रश्नों को भी शामिल किया जाना चाहिए तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के निर्माण में स्टेम, डिस्ट्रक्टर के महत्व को समझाया।

अनुज्ञा पैन्यूली प्रवक्ता एस.सी.ई.आर.टी द्वारा  मानसिक योग्यता परीक्षण, प्रश्न पत्र के प्रारूप को प्रतिभागियों के साथ साझा किया तथा कक्षाके लिए विभिन्न प्रकार के मानसिक योग्यता परीक्षण संबंधी प्रश्नों की जानकारी साझा की।  

राकेश रावत प्रवक्ता एस.सी.ई.आर.टी द्वारा शैक्षिक अभिरुचि परीक्षण प्रश्न पत्र के प्रारूप को प्रतिभागियों के साथ साझा करते हुए सीखने के प्रतिफल तथा NCF-SE 2023 में Preparatory Stage हेतु निर्धारित दक्षताओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी तथा  इस बात पर जोर दिया की प्रत्येक प्रश्न, सीखने के प्रतिफल/दक्षताओं (Learning Outcomes/ Competencies)  पर आधारित होना चाहिए।

 कार्यशाला के द्वितीय एवं तृतीय दिवस पर प्रातिभागियों के  चार समूह  बनाकर दक्षता आधारित प्रश्नों का निर्माण किया 

कार्यशाला के चतुर्थ दिवस पर प्रत्येक समूह द्वारा विकसित प्रश्नों का प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें मानसिक योग्यता परीक्षण हेतु विकसित गए प्रश्नों का राजेश माथुर, रा.प्रा.वि.बडेथ, द्वारिखल तथा अंजना कंडवाल, रा.उ.प्रा.वि. कण्ड यमकेश्वर, शैक्षिक अभिरुचि परीक्षण के अंतर्गत हिन्दी का श्रीमती सुनीता, उनियाल रा.प्रा.वि. काल्हूपानी, गणित का श्री जसवंतसिंह बिष्ट, रा.प्रा.वि.लसेरा, तथा पर्यावरणीय अध्ययन का पूनम रा.प्रा.वि. कलसी ने प्रस्तुतीकरण किया। इस दौरान प्रतिभागियों तथा एस.सी.ई.आर.टी संकाय सदस्यों द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए जिन्हे प्रश्नों में समाहित किया गया।

कार्यशाला के समापन पर अपर निदेशक एस.सी.ई.आर.टी, प्रदीप रावत ने कहा की दक्षता आधारित प्रश्नों के निर्माण के साथ-साथ इस बात का भी सर्वेक्षण किया जाना चाहिए की किन-किन विकासखण्डों के छात्रों की इन छात्रवृति परीक्षाओं में सबसे अधिक व सबसे काम अंक हैं इस आधार पर सबसे कम अंक वाले विकासखण्ड पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रतिभागियों द्वारा अपर निदेशक महोदय से  FLN से संबंधित जानकारी भी साझा की। 

कार्यशाला के द्वितीय चरण 21 से 23 फ़रवरी 2025 तक दक्षता आधारित प्रश्नों का 6 डायट संकाय सदस्यों, 4 रा.प्रा.वि. के शिक्षकों तथा एस.सी.ई.आर.टी संकाय सदस्यों द्वारा माडरैशन कार्य किया गया।

कार्यशाला के समापन पर समन्वयक डॉ हरीश बडोनी के बताया कि तृतीय चरण में पुस्तिका का मुद्रण किया जाएगा तत्पश्चात पुस्तिका विद्यालयों को उपलब्ध करायी जाएगी।