Wednesday, February 05, 2025

ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से आईसीटी कोर्स पुनः शुरू: चैटबॉट ई-सृजन पर “Fundamental of ICT Tools for School Teachers (Updated)

देहरादून, उत्तराखंड - निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बन्दना गर्ब्याल ने ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से प्रदेश के मुख्य शिक्षाधिकारियों, खंड शिक्षाधिकारियों, डाइट प्राचार्यों और विद्यालयों से जुड़े प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह आईसीटी कोर्स शिक्षण कार्य को अधिक प्रभावी और रुचिकर बनाने में सहायक होगा।

इस अवसर पर अपर निदेशक एससीईआरटी,  प्रदीप कुमार रावत ने इस MOOCs कोर्स को अनिवार्य किए जाने की घोषणा की और अधिकारियों को इसे सफलतापूर्वक पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्वयं भी इस कोर्स को करने का आश्वासन दिया। सहायक निदेशक डॉ. के.एन. बिजलवान ने भी इस कोर्स की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए इसके महत्व को समझाया।


राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दृष्टिकोण से इस कोर्स के शुभारंभ के बाद अब तक 29,000 शिक्षकों ने इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जबकि 16,000 से अधिक शिक्षक अभी इस कोर्स में नामांकित हैं। निदेशक बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि यह कोर्स बेहद रोचक और शिक्षकों के पेशेवर विकास के लिए उपयोगी है। अपर निदेशक  रावत ने कहा कि यह आईसीटी कोर्स शिक्षण-पद्धति (पैडगोजी ) को और अधिक सशक्त बनाएगा।

कोर्स समन्वयक  रमेश बडोनी ने अपडेटेड कोर्स की जानकारी दी और शिक्षकों को किसी भी सहायता के लिए संपर्क करने का भरोसा दिया। विद्या समीक्षा केंद्र के तेज रावत ने "चैटबॉट ई-सृजन: MOOCs – “Fundamental of ICT Tools for School Teachers” पर विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें शिक्षकों को कोर्स करने की प्रक्रिया समझाई गई।

उत्तराखंड के शिक्षकों के लिए 10 घंटे का अनिवार्य ऑनलाइन कोर्स

शिक्षकों के पेशेवर विकास हेतु 10 घंटे का ऑनलाइन कोर्स “Fundamental of ICT Tools for School Teachers” शुरू किया गया है।

कैसे करें नामांकन?

  • शिक्षक एजुकेशन पोर्टल पर जाएं।

  • अपने 11 अंकों के Unit/UDISE कोड और 6 अंकों के कर्मचारी कोड का उपयोग करके लॉगिन करें।

  • अपनी कक्षा का चयन करें और "Fundamental of ICT Tools for School Teachers" कोर्स को अनलॉक करें।

महत्वपूर्ण तिथियाँ

  • यह कोर्स 31 मार्च 2025 तक ओपन रहेगा।

  • यह कोर्स सभी शिक्षकों, प्रशिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों के लिए अनिवार्य है।

  • जिन शिक्षकों ने पहले कोर्स अधूरा छोड़ा था, वे वहीं से इसे पुनः पूरा कर सकते हैं।

  • जिनके प्रमाण पत्र डाउनलोड नहीं हुए हैं, वे अब इसे पुनः डाउनलोड कर सकते हैं।

आईसीटी कोर्स क्यों करें?

  •  शिक्षण में डिजिटल टूल्स और तकनीकों का उपयोग सीखने के लिए। 
  •  कक्षा शिक्षण को अधिक प्रभावी और रुचिकर बनाने के लिए। 
  •  शिक्षकों के डिजिटल साक्षरता और पेशेवर कौशल को उन्नत करने के लिए।

शिक्षकों से अनुरोध किया जाता है कि वे इस कोर्स में नामांकित होकर अपने शिक्षण कौशल को सशक्त बनाएं और शिक्षा के डिजिटल भविष्य में योगदान दें।

विषय: चैटबॉट ई-सृजन : MOOCs – “Fundamental of ICT Tools for School Teachers (Updated)”

Link: https://web.convegenius.ai/bots?botId=0257172892916711

उत्तराखंड के सभी शिक्षकों के पेशेवर विकास हेतु 10 घंटे का ऑनलाइन कोर्स शुरू किया गया है।

तकनीकी सहायता एवं संपर्क:

 विद्या समीक्षा केंद्र से तकनीकी सहयोग के लिए प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक संपर्क करें।

VSK का नंबर आपको ई-सृजन चैटबोट पर सपोर्ट सेक्शन में मिल जाएगा।

वीडियो और PDF कंटेंट पर सवाल या समाधान के लिए आईटी विभाग, SCERT उत्तराखंड से संपर्क करें।

सभी शिक्षकों से इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने का अनुरोध किया जाता है।

Tuesday, February 04, 2025

Announcement & Invitation: Final Presentation Round of 'Innovate Uttarakhand' Hackathon on February 11, 2025

Grand finale of the ‘Innovate Uttarakhand’ Hackathon

SCERT Uttarakhand is set to host the grand finale of the ‘Innovate Uttarakhand’ Hackathon at its auditorium on February 11, 2025. This prestigious event aims to celebrate innovation and technological advancements in education, bringing together the brightest minds from across the state.

With over 2,500 registrations and an overwhelming number of ideas submitted, the competition has now entered its final stage, where 100+ shortlisted teachers and student participants will compete. The top 20+ finalists will present their groundbreaking ideas and projects before a distinguished jury panel for the final evaluation and selection of winners.

The event will be graced by Dr. Dhan Singh Rawat, Hon’ble Education Minister of Uttarakhand, as the Chief Guest. The Secretary of Education, Director General of School Education, along with the Director of Academic Research and Training and Additional Director of SCERT Uttarakhand, will also be present as key dignitaries and organizers of this grand initiative.

This is a unique opportunity to witness cutting-edge ideas that could shape the future of education and technological development in Uttarakhand. The jury panel, consisting of esteemed experts, will evaluate projects based on feasibility, impact, and scalability.

We cordially invite all educationists, students, policymakers, and stakeholders to attend this landmark event and support the spirit of innovation.

With ‘INNOVATE, COLLABORATE, AND TRANSFORM’, ‘Innovate Uttarakhand’ is poised to become a cornerstone initiative for promoting technological solutions and creative problem-solving in the state.

For participation and more details, visit https://innovateuttarakhand.com/.

Monday, February 03, 2025

बन्दना गर्ब्याल बनी माध्यमिक शिक्षा की निदेशक: एक नई जिम्मेदारी का सम्मान


उत्तराखंड सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए  बन्दना गर्ब्याल को माध्यमिक शिक्षा निदेशक का दायित्व सौंपा है। इससे पहले से ही वे निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण (SCERT) उत्तराखंड के रूप में कार्यरत हैं  और अपने कार्यकाल में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। अब उन्हें इस नई जिम्मेदारी के साथ शिक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने का अवसर प्राप्त हुआ है।



एक कुशल, सक्षम और सौम्य अधिकारी

बन्दना गर्ब्याल को उनकी कार्यकुशलता, समर्पण और शिक्षा क्षेत्र में गहरी समझ के लिए जाना जाता है। वे सरल, संवेदनशील और कर्मठ अधिकारी हैं, जो हर स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और स्मार्ट शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयासरत रहती हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता के कारण वे शिक्षकों और छात्रों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं।

शिक्षा में नवाचार और गुणवत्ता की पक्षधर

SCERT उत्तराखंड में निदेशक के रूप में उन्होंने अकादमिक संस्थानों को उच्च मानकों पर स्थापित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वे शिक्षा के आधुनिक तकनीकी पहलुओं को अपनाने और शिक्षकों को नवाचार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनके प्रयासों से उत्तराखंड में शिक्षा की गुणवत्ता को नई दिशा मिल रही है।

नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएँ

माध्यमिक शिक्षा निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी नेतृत्व क्षमता, संवेदनशीलता और दूरदृष्टि से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी।

हम SCERT उत्तराखंड परिवार की ओर से उन्हें इस नई जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करते हैं और आशा करते हैं कि वे अपने अनुभव और कुशलता से शिक्षा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगी।

एससीईआरटी संकाय बैठक: अपर निदेशक प्रदीप कुमार रावत की अध्यक्षता मे


एससीईआरटी, उत्तराखंड | 3 फरवरी 2025

आज एससीईआरटी कॉन्फ्रेंस रूम में अपर  निदेशक प्रदीप कुमार रावत ने संकाय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने विभागीय प्रगति प्रस्तुतियों को जारी रखने के महत्व पर जोर दिया और संकाय सदस्यों से अलग-थलग काम करने के बजाय समावेशी रूप से कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने कार्यों की पुनरावृत्ति से बचने और व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करने के बजाय सामूहिक रूप से टास्क पूरे  करने की सलाह दी।


बैठक के दौरान, अपर निदेशक  रावत ने मनोज बहुगुणा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उन प्रमुख बिंदुओं पर संक्षिप्त जानकारी देने का निर्देश दिया, जो सचिव की बैठक में प्रस्तुत किए गए थे। चर्चा के दौरान मातृभाषा में शिक्षण एक महत्वपूर्ण विषय बनकर उभरा। बैठक में क्षेत्रीय भाषाओं को संरक्षित करने के लिए दैनिक शैक्षणिक अभ्यासों में स्थानीय बोलियों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया, साथ ही आवश्यकतानुसार विदेशी भाषाओं को अपनाने की भी सिफारिश की गई।


इसके अतिरिक्त, प्रदीप रावत ने नव नियुक्त प्रभारी उपनिदेशकों का भी गर्मजोशी से स्वागत किया, जिन्हें राज्य के विभिन्न जिलों में  स्कूल प्रिंसिपल के रूप में पदस्थापित है। नए नियुक्त उप निदेशक —शैलेश श्रीवास्तव, हिमानी बिष्ट, ए.के. श्रीवास्तव और सजवाण—अपना बहुमूल्य पूर्व अनुभव लेकर आए हैं, जो परिषद की प्रगति में योगदान देगा। सहायक निदेशक डॉ. के.एन. बिजलवाण  ने विश्वास व्यक्त किया कि उनके प्रयास एससीईआरटी की शैक्षिक रूपरेखा को मजबूत करेंगे।


बैठक में एससीईआरटी के प्रदर्शन, बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) की प्रगति और अन्य प्रमुख शैक्षणिक क्षेत्रों पर भी चर्चा हुई। अपर निदेशक  रावत ने एक अच्छे पाठक बनने, स्मार्ट तरीके से काम करने और सभी कर्तव्यों में समय की पाबंदी बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।


बैठक का समापन चर्चा की गई रणनीतियों को कुशलतापूर्वक लागू करने की सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जिससे उत्तराखंड में शिक्षा के समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा सके।

Saturday, February 01, 2025

A Growing Community of Engaged Readers: News Bulletin

News BulletinA Growing Community of Engaged Readers:

Since its inception, VISIT has garnered tremendous support, with more than a thousands daily viewers actively engaging with our news updates. This overwhelming response highlights the increasing demand for credible and timely information in the education sector. Our readers—ranging from teachers and students to education enthusiasts—have also expressed their willingness to contribute, making VISIT a truly collaborative and community-driven initiative.

Our News Bulletin serves as a one-stop destination for:

  • State-Level Updates: Policies, programs, and initiatives shaping Uttarakhand’s education landscape.

  • National and Global Trends: Key educational advancements, research, and innovations happening across India and the world.

  • Technology in Education: Insights into digital tools, emerging ed-tech solutions, and best practices for integrating ICT in classrooms.

  • Capacity Building & Training Programs: Information on workshops, teacher training sessions, and skill development initiatives.

  • Inspiring Stories & Achievements: Celebrating students, teachers, and institutions making a significant impact.

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विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा प्रस्तुत-2025


1 फरवरी को विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा राज्य स्टीयरिंग कमेटी के समक्ष प्रस्तुत की गई। इस महत्वपूर्ण दस्तावेज को स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष श्री राकेश चंद्र जुगरान के नेतृत्व में तैयार किया गया। हानिदेशक विद्यालयी शिक्षा सुश्री झरना कमठान, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती बंदना गब्र्याल, तथा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा श्री अजय नौडियाल के मार्गदर्शन में इसे अंतिम रूप दिया गया।


ड्राफ्टिंग कमेटी ने इस पाठ्यचर्या को कई चरणों में विकसित किया, जिससे यह राज्य की शिक्षा प्रणाली की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार हो सके। अनुमोदन के बाद यह दस्तावेज शासन को भेजा जाएगा ताकि आगामी शैक्षिक सत्र से पूर्व इसे लागू किया जा सके।


इस रूपरेखा में अनुशंसा की गई है कि कक्षा तीन से संस्कृत को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाए। इससे प्रदेश के सभी विद्यालयों में तीन-भाषा प्रणाली लागू होगी। इस पहल से भाषा शिक्षण को सशक्त बनाने के साथ-साथ विद्यार्थियों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का अवसर भी मिलेगा।

एस सी ई आर टी के अपर निदेशक, प्रदीप कुमार रावत ने अपने संदेश मे कहा कि यह पहल राज्य की शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता सुधार और समग्र विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।

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