Friday, May 09, 2025

ई-कंटेंट लेखन हेतु राउंड-9 SRG कार्यशाला का समापन – SCERT उत्तराखण्ड

ई-लर्निंग सेंटर, आई.टी. लैब, SCERT उत्तराखंड:  5 मई से 9 मई 2025

SCERT उत्तराखंड द्वारा ई-कंटेंट निर्माण को बढ़ावा देने हेतु आयोजित राउंड-9 SRG कार्यशाला का आज, 9 मई 2025 को सफलतापूर्वक समापन हुआ। कार्यशाला का उद्देश्य था: DIKSHA प्लेटफ़ॉर्म पर गुणवत्तापूर्ण और शिक्षण-अनुकूल डिजिटल सामग्री का निर्माण करना, विशेष रूप से कठिन विषयों एवं अवधारणाओं के लिए।

कार्यशाला का समापन सहायक निदेशक डॉ. के एन बिजलवाण के निर्देशन में हुआ, जिन्होंने समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र वितरित किए और उन्हें 21वीं सदी की डिजिटल शिक्षा के प्रति उत्तरदायी शिक्षक बनने के लिए प्रेरित किया। संदर्भदाता के रूप में नेशनल ICT अवार्डी शिक्षक सुप्रिया बहुखंडी ने प्रतिभागियों को ई-कंटेंट स्क्रिप्टिंग के व्यावहारिक पक्षों से परिचित कराया था ।  आईटी प्रवक्ता रमेश बडोनी ने ई-सृजन कोर्स और DIKSHA स्क्रिप्टिंग गाइडलाइंस पर विस्तारपूर्वक प्रस्तुतियाँ दीं थी 

इस अवसर पर सहायक निदेशक डॉ. के.एन. बिजलवाण द्वारा सभी प्रतिभागी शिक्षकों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। इस कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले शिक्षकों में राजेश यादव, मुकेश कुमार, मनोज कुमार, आरती सकलानी, शरद अग्रवाल, मनोज लाल, ललित मोहन, अभिषेक शर्मा, मुकेश बडोनी, अतुल कुमार, शांति प्रसाद थपलियाल, मिथिला सजवान नेगी, डॉ. अशोक कुमार बडोनी, अजय कुमार चौधरी, अतुल पचौली, सुरेंद्र भगत, बलबीर सिंह बुटोला, अनुप कथैत, भारती प्रकाश, कमला बोहरा, ज्योति नेगी, राजेंद्र सिंह भंडारी, कुलदीप सिंह खत्री, सुरजीत चौहान, मनोज कुमार घुनियाल, दर्शन सिंह सौनरियाल, डॉ. जगमोहन सिंह पुंडीर, अशुतोष बिडालिया, नीता, रश्मि उपाध्याय, रोशन लाल गौड़ और डॉ. प्रमोद कुमार आदि शामिल रहे। 

सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने विषय में तकनीकी सहयोग से ई-कंटेंट लेखन की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की और इसे भविष्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए उपयोग करने की प्रतिबद्धता जताई।समन्वयक एस. पी. वर्मा ने सभी सत्रों को प्रभावी ढंग से संयोजित किया, जबकि आईटीडीए टीम के सदस्यों ने तकनीकी सहायता प्रदान की।

आज के अंतिम सत्र मे डॉ अशोक बडोनी ने अपनी टेक्स्ट स्क्रिप्ट को सदन मे प्रस्तुत किया जो एक सफलतम प्रयास इस कार्यशाला मे परिलक्षित हुआ । यह कार्यशाला न केवल ई-कंटेंट लेखन के प्रति शिक्षकों में जागरूकता लाने में सफल रही, बल्कि यह उत्तराखंड की डिजिटल शिक्षा पहल में एक मील का पत्थर साबित होगी।