उत्तराखंड राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए एससीईआरटी (SCERT) द्वारा आयोजित "फंडामेंटल ऑफ आईसीटी कोर्स फॉर स्कूल टीचर्स" एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम रहा है। यह 10 घंटे का सर्टिफिकेट कोर्स शिक्षकों को डिजिटल शिक्षण के मूल सिद्धांतों से परिचित कराने और कक्षा में तकनीक का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया था। इस कोर्स ने न केवल शिक्षकों की रुचि जगाई, बल्कि इसके परिणामों ने राज्य के शिक्षा विभाग को भी चौंका दिया। इस कोर्स मे प्रदेश के कई आई सी टी और मूक्स निर्माण मे दक्ष प्रोफेसर और शिक्षकों ने योगदान दिया।
कोर्स का उद्देश्य और प्रारूप
इस कोर्स का मुख्य लक्ष्य शिक्षकों को डिजिटल शिक्षण सामग्री (वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट, गेमिंग, इंफोग्राफिक्स आदि) बनाने और उन्हें कक्षा में लागू करने के लिए प्रशिक्षित करना था। कोर्स को ए आई बॉट "ई सृजन " प्लेटफॉर्म पर होस्ट किया गया था, जिसकी मॉनिटरिंग विद्या समीक्षा केंद्र, उत्तराखंड द्वारा की गई।
कोर्स की प्रभावशीलता और भागीदारी
डैशबोर्ड डेटा के अनुसार, इस कोर्स ने राज्यभर के शिक्षकों के बीच अभूतपूर्व प्रतिक्रिया प्राप्त की:
कुल स्कूल भागीदारी: 15,069
कुल शिक्षक पंजीकृत: 47,652
कुल भागीदारी: 47,369
कोर्स पूरा करने वाले शिक्षक: 43,960
सर्टिफिकेट के लिए पात्र शिक्षक: 42,356
सर्टिफिकेट डाउनलोड किए गए: 42,668
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि शिक्षकों ने इस कोर्स में बड़े उत्साह के साथ भाग लिया और अधिकांश ने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया।
जिला और ब्लॉक स्तर पर भागीदारी
डैशबोर्ड में प्रदेश के सभी जिलों के ब्लॉक के साथ साथ स्कूलों से कुछ शिक्षकों की भागीदारी का विवरण दिया गया है। इस कोर्स मे कुछ शिक्षकों ने भाग नहीं लिया, जिससे यह संकेत मिलता है कि कुछ क्षेत्रों में अभी और प्रेरणा की आवश्यकता है।
कोर्स की समीक्षा और भविष्य की योजनाएँ
रमेश बडोनी प्रवक्ता आई टी और कोर्स कोऑर्डनैटर ने कहा - इस कोर्स की सफलता के बाद, एससीईआरटी जल्द ही दूसरे स्तर का कोर्स लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य शिक्षकों को और अधिक उन्नत डिजिटल कौशल प्रदान करना है।
महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, झरना कमठान ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कोर्स शिक्षकों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। अकादमिक शोध एवं मूल्यांकन निदेशक, बंदना गर्ब्याल, और अपर निदेशक, एससीईआरटी, पदमेन्द्र सकलानी ने भी टीम की प्रशंसा की और भविष्य में ऐसे ही नवाचारी कार्यक्रमों को जारी रखने का आह्वान किया।