एससीईआरटी, उत्तराखंड द्वारा आयोजित राज्य संदर्भ समूह-9 की ई-कंटेंट निर्माण कार्यशाला का आज समापन दिवस मनाया गया। इस
अवसर पर विभिन्न विषयों के सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट्स (SMEs) ने अपने द्वारा निर्मित ई-कंटेंट
का प्रस्तुतीकरण किया। प्रतिभागियों ने टेक्स्ट स्क्रिप्ट, वीडियो स्क्रिप्ट और अंतिम
प्रोडक्ट के रूप में तैयार किए गए वीडियो को प्रदर्शित किया, जिस पर समूह के सदस्यों द्वारा फीडबैक और समीक्षा की गई।
गुणवत्तापूर्ण ई-कंटेंट निर्माण
पर जोर
समीक्षा सत्र के दौरान विशेषज्ञों
ने आईसीटी टूल्स के प्रभावी उपयोग पर बल दिया, ताकि कक्षा शिक्षण को रोचक और प्रभावी बनाया जा सके। आईटी प्रवक्ता रमेश बडोनी ने प्रत्येक स्क्रिप्ट की समीक्षा
करते हुए सुझाव दिया कि एक मानक प्रारूप का पालन करते हुए, विषय की प्रकृति के अनुरूप रुचिकर और शोध-आधारित कंटेंट तैयार किया जाए। उन्होंने इस बात
पर भी जोर दिया कि ई-कंटेंट इंक्लूसिव एजुकेशन को ध्यान में रखकर बनाए जाने
चाहिए,
ताकि सभी
छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया सुलभ हो सके।
डॉ. अनूप
कठेत की फिल्म "मिशन देवभूमि" का प्रीमियर
कार्यशाला के समापन सत्र में शिक्षक एवं कलाकार डॉ. अनूप कठेत ने अपनी आगामी गढ़वाली फिल्म "मिशन देवभूमि" का प्रीमियर वीडियो प्रतिभागियों
के सामने प्रस्तुत किया। डॉ. कठेत ने इस फिल्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने इससे पहले भी कई गढ़वाली फिल्मों में अभिनय किया है। उनकी इस रचनात्मक
पहल ने सभी को प्रेरित किया।
अपर निदेशक
पदमेन्द्र सकलानी का प्रेरक संबोधन
अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी ने मध्यान्ह सत्र में
प्रतिभागियों से ई-कंटेंट की रोचकता और छात्रों के जीवन पर इसके प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने इतिहास के पाठ "शाहजहाँ और
औरंगजेब" का उदाहरण देते हुए कहा कि "एक शिक्षक के लिए सबसे महत्वपूर्ण
उसकी किताब और छात्र हैं। यदि वह इन दोनों के साथ ईमानदारी से जुड़कर शिक्षण करे, तो तकनीक का उपयोग केवल एक सहायक
उपकरण के रूप में होना चाहिए।"
उन्होंने राजकीय विद्यालयों में घटती छात्र
संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही इस पलायन को रोक सकती है। उनका
आग्रह था कि शिक्षकों को समुदाय और अभिभावकों
का विश्वास जीतना चाहिए, ताकि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने के लिए प्रेरित हों।
सहयोगी
टीमों का योगदान
इस कार्यशाला में आईटीडीए की शिल्पी और उनकी टीम ने निरंतर तकनीकी सहयोग प्रदान
किया। प्रवक्ता एस पी वर्मा और मुख्य संदर्भदाता भास्कर जोशी ने एक फैसिलिटेटर की भूमिका
निभाते हुए प्रतिभागियों को आईसीटी टूल्स के प्रभावी उपयोग के लिए मार्गदर्शन दिया। प्रवक्ता पुष्पा असवाल ने भी प्रतिभागियों को
प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रतिभागियों
की प्रतिक्रिया और भविष्य की अपेक्षाएँ
कार्यशाला के अंत में
प्रतिभागियों ने अपने फीडबैक में इसकी गुणवत्ता, समयबद्धता और प्रशिक्षण टूल्स की सराहना की। कई शिक्षकों ने ऐसी और अधिक कार्यशालाओं की आवश्यकता जताई। विशेष रूप से महिला शिक्षिकाओं ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा
कि भविष्य में भी उन्हें ऐसे प्रशिक्षणों में शामिल किया जाए।
निदेशक
अकादमिक का संदेश और आगे की राह
निदेशक अकादमिक बंदना गर्ब्याल और सहायक निदेशक डॉ. के.एन. बिजलवान ने सभी प्रतिभागियों के प्रयासों
की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य में भी एससीईआरटी के साथ
जुड़े रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रभावी
ई-कंटेंट निर्माण से ही उत्तराखंड के शैक्षिक स्तर
को नई ऊँचाइयों पर ले जाया जा सकता है।
इस प्रकार, राज्य संदर्भ समूह-9 की ई-कंटेंट निर्माण कार्यशाला एक सफल और प्रेरक समापन के साथ
संपन्न हुई। यह कार्यशाला निश्चित रूप से राज्य के शिक्षकों को डिजिटल शिक्षण सामग्री के निर्माण में सक्षम बनाएगी और छात्रों के सीखने के अनुभव को समृद्ध करेगी।
राज्य
संदर्भ समूह-9
की
ई-कंटेंट निर्माण कार्यशाला में राघवेंद्र प्रताप कुशवाहा, आशीष भट्ट, उषा रानी कठैत, प्रवीण कुमार, बृज भान दुबे, शैलेंद्र सिंह महर, मनीषी श्रीवास्तव, जगमोहन सिंह असवाल, बिरेंद्र सिंह राणा, रमेश चंद्र जोशी, देवेंद्र सिंह चौहान, रविंदर असवाल, रेणुका पटेल, किरण कुमार बडवाल, मिथिला सजवान नेगी, सौरभ रावत, हीरा सिंह बिशी, अनूप कठैत, सुनील कुमार, अनुज भल्ला, आशीष मनोहर बेलवाल, प्रकाश चंद्र भट्ट, पुष्कर राम आर्य, राम नारायण नौटियाल, विनोद सिंह कठायत, योगेंद्र सिंह कुंवर, कुंवर पपनाई, सुरेश प्रसाद, जूही सिंह, प्रेम चंद सुंद्रियाल, अनिल कुमार श्रीवास्तव, हेमंत रावत, कुलदीप सिंह, साक्षी सूद और मनमोहन भारती ने इस कोर्स में भाग लिया।
#SCERTUttarakhand #ईकंटेंट #शिक्षा_में_डिजिटल_क्रांति #गुणवत्तापूर्ण_शिक्षा