Saturday, May 31, 2025

उत्तराखण्ड में शिक्षा की नई क्रांति: स्कूली स्तर पर विश्वविद्यालय जैसी पढ़ाई, मूल्यों पर आधारित शिक्षा पर भी होगा ज़ोर

उत्तराखण्ड में शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए राज्य सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय और कॉलेज के समकक्ष पाठ्यक्रम को लागू करने की घोषणा की है। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को अधिक सक्षम, व्यावहारिक और वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करना है।

SCF को मिल चुकी है स्वीकृति

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बन्दना गर्ब्याल ने जानकारी दी कि State Curriculum Framework (SCF) को केंद्र से स्वीकृति मिल चुकी है और अब यह इसी वर्ष से राज्य के विद्यालयों में लागू किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा, व्यावसायिक शिक्षा, नैतिक मूल्यों और तकनीकी दक्षताओं को समाहित किया गया है।

राष्ट्रीय और वैश्विक दृष्टिकोण से तैयार होगा छात्र

नई शिक्षा प्रणाली के तहत विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, कला, संगीत, नैतिक शिक्षा और वैश्विक विषयों से भी जोड़ा जाएगा। यह उन्हें एक जिम्मेदार, सशक्त और जागरूक नागरिक बनाएगा।

व्यावसायिक शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा

2025-26 के शैक्षिक सत्र से लागू होने वाले इस पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, कृषि, स्वास्थ्य सेवाएं और आईटी जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा ताकि छात्र शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के लिए भी तैयार हो सकें।

छात्रों को मिलेगा आत्मनिर्भरता का संबल

बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि यह बदलाव छात्रों को परीक्षा केंद्रित शिक्षा से आगे ले जाकर उन्हें जीवनोपयोगी और व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ेगा, जिससे वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

"विकसित और तकनीकी युग में मूल्यों पर आधारित शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। यही हमें अपने देश और विश्व पटल पर स्थिर रहने की प्रेरणा देती है। हमें शिक्षा को एक समग्र दृष्टिकोण और शुद्ध मिशन भावना के साथ अपनाकर राष्ट्र को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।"

बन्दना गर्ब्यालनिदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड