Thursday, July 10, 2025

डॉल्फिन इंस्टिट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एवं प्राकृतिक विज्ञान और एससीईआरटी संयुक्त रूप से करेंगे उत्तराखंड के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में खगोल विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत

देहरादून, 10 जुलाई 2025:

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, डॉल्फिन (पीजी) इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंसेज़ (DIBNS), देहरादून और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह समझौता "स्टार्स ओवर हिल्स"उत्तराखंड के दूरस्थ पर्वतीय विद्यालय समुदायों के लिए एक खगोल विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम" नामक पहल के क्रियान्वयन के लिए हुआ है।

यह कार्यक्रम भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के NCSTC डिवीजन द्वारा वित्त पोषित है। इसका उद्देश्य खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान की शिक्षा को लोकप्रिय बनाना है। इसके तहत विद्यार्थियों के लिए हाथों-हाथ कार्यशालाएं, वास्तविक आकाश दर्शन सत्र, दूरबीन निर्माण गतिविधियां और शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम का संचालन टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चंपावत और पिथौरागढ़ जैसे दूरस्थ जिलों में किया जाएगा। इसका विशेष फोकस कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों पर है, विशेषकर अटल उत्कर्ष विद्यालयों और पीएम-श्री स्कूलों के छात्रों पर।

समझौता ज्ञापन पर डॉ. (प्रो.) शैलजा पंत, प्राचार्य, DIBNS और पदमेंद्र सकलानी, अपर निदेशक, SCERT द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर डॉ. आशीष रतूड़ी, एनईपी समन्वयक एवं परियोजना के प्रमुख अन्वेषक, तथा रमेश बडोनी, आईटी फैकल्टी, SCERT भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस कार्यक्रम  को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है। उपनिदेशक अजीत भंडारी एवं सहायक निदेशक डॉ  के एन बिजलवाण ने  इस कार्यक्रम की शुरुआत के लिए डॉल्फिन इंस्टीट्यूट और एस सी ई आर टी को सफल बनाने मे जनपदों से सहयोग की अपेक्षा भी की । 

इस मौके पर  प्रो. शैलजा पंत ने अकादमिक  निदेशक बंदना गर्ब्याल से शैक्षणिक संवाद भी किया, जिसमें इस साझेदारी की व्यापक दृष्टि और इसे एनईपी 2020 के अनुभवात्मक व अनुसंधान-आधारित शिक्षा के दृष्टिकोण से जोड़ने की रणनीति पर चर्चा हुई।

यह सहयोग विज्ञान शिक्षा के विकेंद्रीकरण और ग्रामीण विद्यालय समुदायों को अत्याधुनिक STEM अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल है। यह साझेदारी वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने, शिक्षकों की क्षमता को सशक्त बनाने और उत्तराखंड के दूरस्थ पर्वतीय विद्यालयों से भविष्य के खगोल वैज्ञानिकों और वैज्ञानिकों को तैयार करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।