देहरादून, 7 जुलाई 2025:
उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) परिसर में प्रस्तावित आवासीय भवन निर्माण का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक उमेश चंद्र काऊ विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत भूमि पूजन से हुई।
शिक्षा मंत्री का स्वागत निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बन्दना गर्ब्याल ने किया। मंच संचालन भगवती मैदोली ने कुशलता से किया। भूमि पूजन में कई उच्च अधिकारी मौजूद रहे जिनमें डॉ. आनंद भारद्वाज (निदेशक, संस्कृत शिक्षा), कुलदीप गैरोला (अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा), डॉ. मुकुल कुमार सती (निदेशक, माध्यमिक शिक्षा), अजय नौडियाल (निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा), पदमेन्द्र सकलानी (अपर निदेशक, एससीईआरटी), डॉ. के.एन. बिजलवाण, सहित अनेक विभागीय अधिकारी शामिल थे।
शिलान्यास कार्यक्रम के साथ ही सरकार द्वारा शुरू किए गए विशेष अभियान ‘जुलाई माह - एक पेड़ माँ के नाम’ के अंतर्गत शिक्षा मंत्री व विधायक ने एससीईआरटी परिसर में अपनी माताओं के नाम एक-एक पौधा रोपित किया। मंत्री ने सभी शिक्षण संस्थानों से इस अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया और इसे व्यक्तिगत संकल्प से जोड़ने की प्रेरणा दी।
क्षेत्रीय विधायक काऊ ने बताया कि यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि इसमें मातृभक्ति और भावनात्मक जुड़ाव का संदेश भी गहराई से निहित है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिक वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अभियान प्रदेश भर के सभी शिक्षण संस्थानों – प्राथमिक विद्यालयों से लेकर इंटर कॉलेजों तक में संचालित किया जाएगा।
उन्होंने विद्यालयों, महाविद्यालयों और शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों से अपील की कि वे इस कार्यक्रम को केवल सरकारी आदेश मानकर न अपनाएं, बल्कि इसे एक व्यक्तिगत संकल्प, संवेदनात्मक जिम्मेदारी, और पर्यावरणीय कर्तव्य के रूप में लें। मंत्री ने यह भी कहा कि जब कोई पौधा हम अपनी माँ के नाम लगाते हैं, तो उस पौधे से केवल हरियाली ही नहीं जुड़ती, बल्कि उसमें हमारी भावनाएं, स्मृतियाँ और नैतिक ज़िम्मेदारियाँ भी जुड़ जाती हैं। यह एक ऐसा वृक्ष बनता है, जो सिर्फ ऑक्सीजन नहीं, अपितु संस्कार और संवेदना भी प्रदान करता है।
शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह ने निर्देश दिया कि इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक छात्र, शिक्षक, प्रधानाचार्य, बीआरसी, सीआरसी, और शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी कम से कम एक पौधा अपनी माता या मातृ-तुल्य किसी व्यक्ति के नाम लगाएं, और उसकी देखरेख और संरक्षण की जिम्मेदारी भी स्वयं लें। इस अवसर पर यह भी घोषणा की गई कि विद्यालयों को इस वृक्षारोपण की प्रगति रिपोर्ट और फोटो दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत करनी होगी।
डॉ. रावत ने मौके पर बताया कि सरकार द्वारा ₹1500 करोड़ के निर्माण कार्य प्रदेशभर में इस वर्ष तक पूर्ण किए जाएंगे। उन्होंने शिक्षकों, बीआरसी/सीआरसी समन्वयकों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियों को शीघ्र जारी करने के आदेश देने की बात भी कही।
शिक्षा मंत्री ने निदेशक बन्दना गर्ब्याल को निर्देशित किया कि स्कूली पाठ्यक्रम में मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग से बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव, सड़क सुरक्षा, और नशा निवारण जैसे संवेदनशील विषयों को सम्मिलित कर प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने एससीईआरटी और समस्त डायट संस्थानों में रिक्त पदों की शीघ्र पूर्ति को भी प्राथमिकता देने पर बल दिया।
नव-निर्माण के तहत पहले चरण में लगभग 5 आवासीय इकाइयों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें टाइप-5, टाइप-3, और टाइप-2 आवास शामिल होंगे। यह भवन वर्ष 2025 के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा, जिससे निदेशकों, प्रवक्ताओं और अन्य कर्मचारियों को बेहतर आवास सुविधा मिल सकेगी। इस अवसर पर एससीईआरटी के समस्त संकाय सदस्य और कर्मचारीगण उपस्थित रहे और कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई।