राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) में सबसे पहला और महत्वपूर्ण चरण – प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (Early Childhood Care and Education - ECCE) को प्राथमिकता दी गई है। नीति स्पष्ट करती है कि 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मुफ्त, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और देखभाल सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि बच्चों की सीखने की नींव मज़बूत की जा सके।
इसी भावना को साकार कर रहे हैं जनपद चंपावत के समर्पित शिक्षक राकेश बसु, जो न केवल प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा दे रहे हैं, बल्कि अपने विद्यालय से जुड़े आंगनवाड़ी केंद्र में भी निरंतर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। राकेश जी बच्चों के मानसिक, शारीरिक एवं भावनात्मक विकास के लिए आंगनवाड़ी में आनंददायी गतिविधियाँ करवाते हैं, जिससे बच्चों को शिक्षा से जुड़ने का अवसर भी मिल रहा है।
उनका यह प्रयास सराहनीय इसलिए भी है क्योंकि:
- बच्चों का सर्वांगीण विकास: राकेश जी द्वारा किए जा रहे रचनात्मक कार्यों से बच्चों में विश्वास, भाषा, संवेदनशीलता और समन्वय कौशल विकसित हो रहे हैं।
- शिक्षा की मजबूत नींव: खेल-आधारित और अनुभवजन्य शिक्षा से बच्चे भविष्य की औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार हो रहे हैं।
- समुदाय की भागीदारी: इस प्रयास से अभिभावक और समुदाय भी जागरूक हो रहे हैं, जिससे विद्यालय और आंगनवाड़ी के बीच समन्वय बेहतर हो रहा है।
यह पहल न केवल बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि यदि हम पहली कड़ी (ECCE) को मजबूत करेंगे, तभी NEP 2020 की सफलता सुनिश्चित होगी।