देहरादून, 13 अक्टूबर 2025 – राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के उद्देश्यों और दृष्टि के अनुरूप एनसीईआरटी पुस्तक “कृति की अवधारणा” पर आधारित डिजिटल कंटेंट विकास हेतु पाँच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ एससीईआरटी, देहरादून के कला विभाग में किया गया। यह कार्यशाला 13 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक आयोजित की जा रही है।
इस कार्यशाला में संगीत विषय के विशेषज्ञों, गायन एवं वादन के कलाकारों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। साथ ही एससीईआरटी के विशेषज्ञों ने भी सहभागिता कर राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा (SCF), राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020), कौशल विकास, संज्ञानात्मक (Cognitive) विकास, भावात्मक (Affective) विकास, तथा सांस्कृतिक विविधता जैसे महत्वपूर्ण आयामों को ध्यान में रखते हुए विषयवस्तु के अनुरूप संचार स्क्रिप्ट तैयार करने का कार्य प्रारंभ किया।
कार्यशाला का समन्वयन डॉ. ऊषा कटियार द्वारा किया जा रहा है। नीति की गहन समझ एवं दिशा प्रदान करने में सुनील भट्ट, डॉ. नन्द किशोर हटवाल, कमाक्षा मिश्रा, और डॉ. संजीव चेतन का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
संगीत विशेषज्ञों में डॉ. हिमांशु जोशी, मनोज थापा, मिनी सोई, आशा भट्ट, पुष्पिंदर सिंह, और विक्रम जी ने अपनी विशेषज्ञता साझा की। इन सभी प्रतिभागियों के संयुक्त प्रयास से संगीत शिक्षण को डिजिटल रूप में अधिक सजीव, रचनात्मक और सुलभ बनाने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है।
यह डिजिटल कंटेंट न केवल संगीत शिक्षकों और शिक्षिकाओं के लिए उपयोगी होगा, बल्कि विद्यार्थियों में संगीत के प्रति रुचि और संवेदनशीलता विकसित करने में भी सहायक सिद्ध होगा। इसके माध्यम से विद्यार्थियों में नैतिकता, मूल्य, संस्कार, और सांस्कृतिक संरक्षण की भावना को प्रोत्साहन मिलेगा।
‘कृति की अवधारणा’ पर आधारित यह पहल संगीत शिक्षा के क्षेत्र में एक अभिनव प्रयास है, जो नई शिक्षा नीति की उस भावना को मूर्त रूप देती है जिसमें ज्ञान, कौशल, और संवेदना का समन्वय सर्वोपरि है।