Friday, October 17, 2025

MOOC 3.0 वर्कशॉप का दूसरा दिन – SME और कोर्स रिव्यूअर्स ने मिलकर दिए अंतिम रूप कोर्स मॉड्यूल्स को, दीपावली शुभकामनाओं के साथ सम्पन्न हुआ सत्र

17 अक्टूबर 2025  स्थान: आई.टी. लैब, SCERT उत्तराखण्ड, देहरादून

SCERT उत्तराखण्ड में चल रही MOOC 3.0 विकास कार्यशाला का आज दूसरा दिन उत्साह और नवाचार से भरपूर रहा। इस दिन SME (Subject Matter Experts) और कोर्स रिव्यूअर्स (Course Reviewers) ने मिलकर सभी छह कोर्सों की विस्तृत सामग्री, वीडियो स्क्रिप्ट, ई-पोर्टफोलियो और मॉड्यूल टाइमलाइन को अंतिम रूप दिया।
कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों के लिए एक उन्नत डिजिटल शिक्षण प्लेटफॉर्म तैयार करना है जो AI आधारित शिक्षण कौशल, डिजिटल दक्षता, और नवाचारपूर्ण अध्यापन को बढ़ावा देगा।

आज के सत्र में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से जुड़े सभी विशेषज्ञों ने समूह कार्य (Group Discussion) के माध्यम से Course 1 से Course 6 तक की स्क्रिप्ट, वीडियो कंटेंट, ई-पोर्टफोलियो गतिविधियाँ और मॉड्यूल-वार कार्य योजना को अंतिम रूप प्रदान किया।

कोर्स के प्रमुख विषय एवं दिशा:

क्रकोर्स का नामफोकस क्षेत्र
1Using AI in Productivityदस्तावेज़, रिपोर्ट और कक्षा प्रबंधन में AI का उपयोग
2AI-driven Interactive Lesson Plan Developmentइंटरएक्टिव शिक्षण योजनाओं में AI एकीकरण
3AI-based Multimedia & Video Integrationवीडियो, ऑडियो और दृश्य सामग्री में AI उपकरणों का प्रयोग
4Cybersecurity & Digital Hygieneसाइबर सुरक्षा और जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार
5AI, Coding & Educational Game Developmentगेम निर्माण और कोडिंग आधारित शिक्षण नवाचार
6Research Writing – Structure & Toolsअनुसंधान लेखन, डेटा विश्लेषण और संदर्भ उपकरण

कार्ययोजना और समयरेखा (Work Plan & Timeline):
सभी SMEs और कोर्स टीम ने 45 दिनों की कार्य समयरेखा तय की है जिसके अंतर्गत प्रत्येक कोर्स को क्रमशः निम्न चरणों में विकसित किया जाएगा:

  1. स्क्रिप्ट एवं सामग्री विकास: 45 दिन

  2. मल्टीमीडिया निर्माण एवं रिकॉर्डिंग: 3  दिन

  3. रीव्यू एवं संशोधन: 10 दिन

  4. टेस्टिंग एवं फाइनल अपलोड: 30 दिन

इस योजना के अनुसार MOOC 3.0 के सभी छह कोर्स दिसंबर 2025 तक लॉन्च के लिए तैयार हो जाएंगे।

कार्यशाला के कोर्स कोऑर्डिनेटर आर. पी. बडोनी (आई.टी. प्रवक्ता, SCERT) ने कोर्स की संपूर्ण कार्य योजना का समापन प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला केवल प्रशिक्षण नहीं, बल्कि राज्य के शिक्षकों के लिए एक डिजिटल नवाचार आंदोलन है।
उन्होंने टेक टीम, रिव्यूअर टीम और सभी विशेषज्ञों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी प्रतिभागियों ने मिलकर कोर्स के प्रत्येक बिंदु को NEP 2020 के अनुरूप उत्कृष्ट रूप से तैयार किया है।

प्रमुख सहभागी विशेषज्ञ:

  • प्रो. अजय सेमल्टी, केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर
  • डॉ इस्तेयाक अहमद , पेट्रोलियम विश्वविद्यालय देहरादून 
  • डॉ. किरण डंगवाल, लखनऊ विश्वविद्यालय
  • डॉ आशीष रतूडी , डॉल्फिन इंस्टिट्यूट देहरादून 
  • डॉ. चाँदनी अग्रवाल, नई दिल्ली
  • अल्पा निगम, Fulbright स्कॉलर एवं राष्ट्रीय पुरस्कार शिक्षक, उत्तर प्रदेश
  •  इमरान खान, एप गुरु राजस्थान
  •  दौलत गुसाईं, राष्ट्रीय पुरस्कार शिक्षक
  • भास्कर जोशीनवाचरी टेक शिक्षक
  • डॉ. अतुल बमराड़ा, नवाचरी टेक शिक्षक
  • जे. पी. डोभाल, राष्ट्रीय पुरस्कार शिक्षक
  • मनोधर नैनवालराष्ट्रीय पुरस्कार शिक्षक
  • सुप्रिया बहुखण्डीराष्ट्रीय पुरस्कार शिक्षक
  • प्रदीप नेगीराष्ट्रीय पुरस्कार शिक्षक
  • डॉ. आशुतोष वर्मा, प्रवक्ता डाइट चंपावत 
  • लता आर्य ,प्रवक्ता डाइट चंपावत 
  • प्रकाश चंद्र उपाध्याय, राज्य पुरस्कार शिक्षक
  • वर्जिन , टेक ऐनमैटर  एससीआरटी तमिलनाडु 
  • भूपाल सिंह नेगीप्रवक्ता डाइट यू एस नगर 
  • अंकित जोशी, टेक शिक्षक अल्मोड़ा 

कार्यशाला के दूसरे दिवस पर  निदेशक अकादमिक बन्दना गर्ब्याल , अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी और उपनिदेशक अजीत भण्डारी ने “MOOC 3.0  की सफलता  को बेहतर विकास की अपेक्षा करते हुए सभी एक्सपर्ट   के प्रति  आभार संदेश  और दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ दी ।”कार्यशाला का समापन सत्र सौहार्द और उत्साह के वातावरण में हुआ। समापन के दौरान आर. पी. बडोनी ने सभी उपस्थित विशेषज्ञों, कोर्स डेवलपर्स और रिव्यूअर्स को उनके सहयोग और समर्पण के लिए धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम के अंत में  आई टी विभाग से प्रवक्ता एस पी वर्मा और पुष्पा असवाल ने के द्वारा सभी प्रतिभागियों को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ दी गईं और यह संदेश दिया गया कि —

“ज्ञान का प्रकाश ही सच्ची दीपावली है, जो शिक्षकों के माध्यम से हर कक्षा तक पहुंचे।”

MOOC 3.0 वर्कशॉप ने उत्तराखण्ड के शिक्षकों के डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम रखा है। अगले 45 दिनों में कोर्स का फाइनल ड्राफ्ट तैयार होकर शिक्षकों के लिए उपलब्ध होगा।
यह पहल निश्चित रूप से स्मार्ट डिजिटल टीचर के विज़न को साकार करेगी और उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी डिजिटल शिक्षा राज्यों में शामिल करेगी।