दिनांक: 17 अक्टूबर 2025 | स्थान: SCERT, उत्तराखण्ड
समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड एवं राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के तत्वावधान में आयोजित सांगीतिक डिजिटल कॉन्टेंट लेखन कार्यशाला का आज समापन हुआ। यह कार्यशाला नई शिक्षा नीति 2020 एवं राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 (NCF-2023) के आलोक में संगीत की समझ, लय-ताल की महत्ता और भारतीय लोक संगीत के संरक्षण की दिशा में एक अभिनव प्रयास रही।
निदेशक ने संगीत शिक्षा में डिजिटल कॉन्टेंट निर्माण को एक नवीन व रचनात्मक पहल बताया और कहा कि यह प्रयास न केवल शिक्षकों के लिए उपयोगी होगा बल्कि छात्रों के लिए भी संगीत के प्रति नई समझ विकसित करेगा।
कार्यशाला की मुख्य झलकियाँ:
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संगीत विशेषज्ञों द्वारा विषयवस्तु की रोचकता, रचनात्मकता, लोक संगीत का संरक्षण, संगीत के प्रकार, तथा नई शिक्षा नीति में कला शिक्षा की भूमिका और अनुशंसाओं पर विस्तृत जानकारी दी गई।
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डॉ. हिमांशु जोशी (पौड़ी) — तबला एवं गायन विशेषज्ञ,डॉ. नन्द किशोर हटवाल, मनोज थापा (रुद्रप्रयाग),आशा भट्ट, मिनी सोई, पुष्पेंद्र सिंह, विक्रम सिंह (तबला)ने अपने-अपने विषय पर उत्कृष्ट प्रस्तुति दी।
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प्रतिभागियों द्वारा कॉन्टेंट लेखन एवं डिलीवरी पार्ट पर कार्य किया गया, साथ ही एक इंट्रो म्यूजिक धुन का निर्माण भी किया गया।
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कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. ऊषा कटियार (संगीत विशेषज्ञ) ने बताया कि यह प्रयास संगीत शिक्षा में नवीन दिशा प्रदान करेगा। पूर्व में माध्यमिक स्तर के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया था, और अब डिजिटल कॉन्टेंट रिकॉर्डिंग के बाद माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए अभिमुखीकरण प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।
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यह डिजिटल सामग्री NCERT की पुस्तकें और कला शिक्षा (Art Education) के अध्यापन में भी उपयोगी सिद्ध होगी।
निदेशक ने आगे निर्देश दिए कि आगामी चरण में संगीत शिक्षा की गहराई समझने हेतु वर्चुअल लैब के माध्यम से विशेष अभिमुखी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कार्यशाला के तकनीकी सत्र में रमेश बड़ोनी (IT विशेषज्ञ) ने प्रतिभागियों को डिजिटल कॉन्टेंट लेखन और रिकॉर्डिंग की बारीकियों से अवगत कराया। दिनांक 17 अक्टूबर 2025 को इस प्रेरणादायक और नवाचारी कार्यशाला का सफल समापन हुआ, जिसमें संगीत के क्षेत्र में डिजिटल शिक्षा की नई संभावनाओं के द्वार खुलते दिखाई दिए।