Wednesday, December 24, 2025

प्रदेश के वीर बालक बलिकाएं वीर दिवस पर होंगी सम्मानित: साहस, बलिदान और प्रेरणा का प्रतीक होगा 26 दिसंबर 2025

 

वीर बाल दिवस: साहस, बलिदान और प्रेरणा का प्रतीक

हर वर्ष 26 दिसंबर को पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह के अद्वितीय साहस, अटूट विश्वास और सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए समर्पित है। मात्र छोटी आयु में भी उन्होंने अन्याय और अत्याचार के सामने झुकने से इनकार कर दिया और धर्म व मानव मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इस वर्ष विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड वीर बाल दिवस पर विशेष आयोजन कर भी आयोजित कर रहा है। 

वीर बाल दिवस का ऐतिहासिक महत्व

साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह, सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह  के सुपुत्र थे। मुगल शासक द्वारा दी गई यातनाओं और प्रलोभनों के बावजूद उन्होंने अपने धर्म और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनका यह बलिदान आज भी बच्चों, युवाओं और समाज के लिए साहस, सत्य और आत्मबल का अनुपम उदाहरण है।

SCERT उत्तराखंड द्वारा आयोजन

राज्य स्तर पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड द्वारा वीर बाल दिवस के अवसर पर राज्यभर में विविध रचनात्मक एवं शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।  इन गतिविधियों का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत के गौरवशाली इतिहास से जोड़ना और उनमें नैतिक मूल्यों का विकास करना है।

आयोजित प्रमुख गतिविधियाँ

वीर बाल दिवस के अंतर्गत विद्यार्थियों के लिए निम्नलिखित प्रतियोगिताएँ एवं कार्यक्रम आयोजित होंगी :

  • खेल खेल मे सीखना ( Palyway Learning)
  • निबंध लेखन (Essay Writing)
  • कविता पाठ (Poetry Recitation)
  • कहानी वाचन (Story Telling)
  • चित्रकला (Painting)
  • डिजिटल प्रतियोगिता (Digital Contest)
  • रचनात्मक लेखन (Creative Writing)

इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को साहिबजादों के जीवन, उनके त्याग और वीरता से परिचित कराया गया तथा नई पीढ़ी को प्रेरित और सशक्त बनाने का प्रयास होगा । 


बालक-बालिका वीरता सम्मान

इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बालक-बालिकाओं को सम्मान प्रदान कर उनके आत्मविश्वास और प्रतिभा को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह पहल बच्चों में सकारात्मक सोच, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रप्रेम की भावना को सुदृढ़ करती है।

वीर बाल दिवस हमें यह सिखाता है कि उम्र भले ही छोटी हो, लेकिन साहस, आत्मसम्मान और सत्य के प्रति निष्ठा किसी भी व्यक्ति को महान बना सकती है। साहिबजादों का बलिदान आज की पीढ़ी को यह संदेश देता है कि कठिन परिस्थितियों में भी सही मार्ग पर डटे रहना ही सच्ची वीरता है।

वीर बाल दिवस केवल एक स्मृति दिवस नहीं, बल्कि बच्चों और युवाओं को चरित्र, साहस और देशभक्ति के मार्ग पर अग्रसर करने का अवसर है।